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DGP-IGP Conference: पहले दिल्ली तक सीमित थी ये कांफ्रेंस, 2014 से दूसरे राज्यों को मिल रहा मेजबानी का अवसर

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Fri, 28 Nov 2025 03:55 PM IST
सार

पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों का अखिल भारतीय सम्मेलन छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित 'इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट' में 28 से 30 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

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DGP-IGP Conference Other states have been getting opportunity to host since 2014
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)) - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों का अखिल भारतीय सम्मेलन यानी डीजीपी-आईजीपी कांफ्रेंस, हर साल आयोजित होती है। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री सहित विभिन्न एजेंसियों/सुरक्षा बलों के प्रमुख इस सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं। इस बार 60वां तीन दिवसीय सम्मेलन, छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित 'इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट' में 28 से 30 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। पहले 'डीजीपी-आईजीपी' कांफ्रेंस नई दिल्ली तक सीमित थी, लेकिन 2014 के बाद से दूसरे राज्यों को इस कांफ्रेंस के आयोजन की मेजबानी का अवसर मिल रहा है। 

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बता दें कि गत वर्ष 29 नवंबर से एक दिसंबर तक यह कांफ्रेंस, भुवनेश्वर में आयोजित की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। 2014 से पहले यह सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित होता रहा है। मोदी के पीएम बनने के बाद इस सम्मेलन को दिल्ली से बाहर दूसरे प्रदेशों में आयोजित किया जाने लगा है। तब से अब तक डीजीपी-आईजीपी कांफ्रेंस, असम के दिसपुर से लेकर गुजरात के कच्छ सहित कई प्रदेशों में संपन्न हो चुकी है। 
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साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री का पद संभाला तो उन्होंने डीजीपी-आईजी कांफ्रेंस को दिल्ली से बाहर आयोजित कराने का निर्णय लिया। खास बात रही कि यह कांफ्रेंस उसी वर्ष नई दिल्ली से बाहर आयोजित की गई। डीजी-आईजी कांफ्रेंस पहली बार, असम की राजधानी दिसपुर में आयोजित की गई थी। इसके बाद वर्ष 2015 में यह कांफ्रेंस, गुजरात के कच्छ में आयोजित की गई। 

साल 2016 में इस कॉन्फ्रेंस को हैदराबाद में आयोजित किया गया। वर्ष 2017 में डीजीपी-आईजीपी कांफ्रेंस, मध्यप्रदेश के टेकनपुर में स्थित बीएसएफ अकादमी में आयोजित की गई। साल 2018 में यह कांफ्रेंस, दोबारा से गुजरात के केवाडिया में हुई। इसके बाद 2019 में महाराष्ट्र के पुणे में इस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। साल 2020 में कोविड-19 के चलते वर्चुअली कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। वर्ष 2021 में डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस उत्तर प्रदेश की राजधानी 'लखनऊ' में आयोजित की गई थी। 21-22 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली में पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक सम्मेलन आयोजित किया गया। राजस्थान के जयपुर में साल 2024 की डीजीपी-आईजीपी कांफ्रेंस आयोजित की गई। 

वर्ष 2014 के पश्चात प्रधानमंत्री ने पुलिस महानिदेशक व आईजी सम्मेलन में गहरी रुचि ली है। पहले प्रधानमंत्रियों की प्रतीकात्मक उपस्थिति के विपरीत, नरेन्द्र मोदी सम्मेलन के सभी प्रमुख सत्रों में उपस्थित रहते हैं। प्रधानमंत्री न केवल सभी जानकारियों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं, बल्कि स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चा को भी प्रोत्साहित करते हैं, ताकि नए विचार सामने आ सकें। गत डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस में साइबर अपराध, पुलिस व्यवस्था में प्रौद्योगिकी, आतंकवाद विरोधी चुनौतियां, वामपंथी उग्रवाद, जेल सुधार और आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया था। 

नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए रोड मैप पर विचार-विमर्श हुआ था। इसके अतिरिक्त, पुलिस व्यवस्था और सुरक्षा में भविष्य के विषयों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक जैसी नई प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की गई। यह सम्मेलन, ठोस कार्य बिंदुओं की पहचान करने और उनकी प्रगति की निगरानी करने का अवसर भी प्रदान करता है, जिसे प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक्स पर लिखा, 'रायपुर (छत्तीसगढ़) जा रहा हूं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन दिवसीय डीजीपी/आईजीपी कॉन्फ्रेंस होगी। इस बैठक में नई चुनौतियों से निपटने के लिए अगली स्तर की सुरक्षा व्यवस्था बनाने पर विस्तार से चर्चा होगी। इसके लिए मैं उत्सुक हूं। रायपुर में हो रही कांफ्रेंस का इस बार विशेष महत्व है। वजह, केंद्रीय गृह मंत्री ने 31 मार्च से पहले देश के विभिन्न हिस्सों से नक्सलवाद को समाप्त करने की घोषणा की है। इसी के चलते केंद्रीय एवं राज्यों के विशेष दस्ते, नक्सलियों पर शिकंजा कस रहे हैं। शीर्ष स्तर के नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं या वे सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। इस सम्मेलन में बॉर्डर सुरक्षा, आतंकियों के मददगार एवं उनकी सप्लाई चेन, साइबर क्राइम, डीप फेक, नए कानूनों का क्रियान्वयन, एआई का इस्तेमाल, पोर्ट सिक्योरिटी और स्पेस सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।

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