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NEP से बदल रहा ओडिशा: धर्मेंद्र प्रधान बोले- गेंदे के फूल लंदन, आम पहुंचे यूरोप; गांवों से जुड़ी शिक्षा पर जोर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भुवनेश्वर Published by: शुभम कुमार Updated Sun, 31 Aug 2025 01:46 PM IST
सार

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नुआखाई पर्व पर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से ओडिशा में शिक्षा और तकनीक के जरिए ग्रामीणों की वैश्विक पहचान बन रही है। उन्होंने कहा कि संबलपुरी संस्कृति को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है और समुदाय-आधारित शिक्षा से स्कूलों के नतीजे बेहतर हो रहे हैं।

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Dharmendra Pradha Said Rural farmers can be global players Odisha's tech-driven future
धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा मंत्री - फोटो : ANI
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री और संबलपुर सांसद धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत तकनीक के दम पर होने वाले विकास की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नीलडुंगरी गांव में उगाए गए गेंदे के फूल अब लंदन के बाजारों तक पहुंच रहे हैं और ओडिशा के आम यूरोप को निर्यात किए जा रहे हैं। शिक्षा और तकनीक के दम पर ओडिशा के किसान और ग्रामीण अब दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं। केंदीय मंत्री प्रधान अपने संसदीय क्षेत्र संबलपुर में नुआखाई पर्व के मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम फसल कटने के बाद पहला अनाज मां समलेश्वरी और भगवान जगन्नाथ को अर्पित करते हैं। यही संस्कृति और जमीनी जुड़ाव नई शिक्षा नीति की सोच है।

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ओडिशा में दिख रहा नई शिक्षा नीति का असर
नुआखाई पर्व के अवसर पर बोलते हुए प्रधान ने आगे कहा कि एएसईआर, स्कूल मूल्यांकन और PARAKH जैसी रिपोर्टों से साफ है कि राज्य में स्कूलों के नतीजे सुधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कृति एक-दूसरे से जुड़े हैं, और संबलपुर जैसे सांस्कृतिक क्षेत्र में बेहतर नतीजे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि संबलपुर यूनिवर्सिटी में अब संबलपुरी भाषा, लोक गीत, नृत्य और रंगबती जैसे सांस्कृतिक गीतों को पढ़ाया जा रहा है। साथ ही आदिवासी और ग्रामीण बच्चों के लिए समुदाय-आधारित शिक्षा और शुरुआती बचपन देखभाल पर ज़ोर दिया जा रहा है।

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‘बिना बैग स्कूल’ से व्यावहारिक शिक्षा
केंद्रीय मंत्री ने आगे व्यावहारिक शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि एनईपी 2020 के तहत चल रहे 10 दिन बैगलेस स्कूल कार्यक्रम में बच्चे कारखानों, बाजारों और गांव के नेताओं से मिलकर अनुभव लेते हैं। मंत्री ने कहा कि यही समाज से जुड़ाव NEP की असली भावना है। उन्होंने कहा कि आईआईएम संबलपुर अब सिंगापुर की यूनिवर्सिटी और सरकारी फिनटेक नेटवर्क के साथ मिलकर काम कर रहा है। अगले 5 वर्षों में 7,000 छात्रों को फिनटेक क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर नौकरी दिलाने की योजना है।


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प्रधान ने कहा कि आईआईएम संबलपुर अब देश के प्रमुख आईआईएमएम में गिना जाता है। यह प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता का नतीजा है। संबलपुर में अब आईआईएम, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज, ओपन यूनिवर्सिटी, कृषि विश्वविद्यालय समेत कई बड़े संस्थान हैं। बोधि साहू जैसे युवा, जिनका ड्रोन स्टार्टअप भारतीय सेना की मदद कर चुका है, यहीं के हैं। साथ ही प्रधान ने माना कि कोरापुट और कालाहांडी जैसे जिलों में अभी भी 50% से ज्यादा महिलाएं स्कूल नहीं जा पाई हैं। केवल 20% से कम महिलाएं 10वीं तक पढ़ाई पूरी करती हैं।

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