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चिंताजनक: काम के बोझ में बीमार हो रहे डॉक्टर, 48% को हाई बीपी, हर चौथा डायबिटीज का शिकार; शोध में खुलासा

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: शिवम गर्ग Updated Wed, 31 Dec 2025 05:36 AM IST
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सार

सरकारी अस्पतालों में काम का अत्यधिक दबाव डॉक्टरों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। एक नए शोध में 48% डॉक्टर हाई बीपी और 23% डायबिटीज से पीड़ित पाए गए।

Doctors Under Severe Work Pressure Study Reveals Alarming Health Risks Among Physicians
डॉक्टरों की सेहत पर खतरा। - फोटो : अमर उजाला प्रिन्ट/एजेंसी
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विस्तार
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सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सेहत सुधारने में दिन-रात जुटे डॉक्टर आज खुद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। डॉक्टरों की कमी, बढ़ती जिम्मेदारियां, नाइट शिफ्ट और मानसिक तनाव ने उनकी जीवनशैली को इस कदर प्रभावित किया है कि बड़ी संख्या में डॉक्टर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और अन्य बीमारियों की चपेट में आ गए हैं।

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यह खुलासा जर्नल ऑफ मिड-लाइफ हेल्थ में प्रकाशित एक हालिया शोध में हुआ है, जिसे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक गंभीर चेतावनी माना जा रहा है। शोध में दिल्ली समेत देश के सात राज्यों के 265 चिकित्सकों को शामिल किया गया। अध्ययन 2025 में ऑनलाइन माध्यम से चार महीनों तक हुआ। इसमें डॉक्टरों की दिनचर्या, काम का दबाव और स्वास्थ्य मानकों का विश्लेषण हुआ। शोध का नेतृत्व एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रभात अग्रवाल ने किया, जबकि कोलकाता और झारखंड के चिकित्सा संस्थानों ने भी इसमें सहयोग दिया।
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इलाज करने वालों को ही घेर रहीं बीमारियां
शोध के नतीजों के अनुसार, 48% चिकित्सक हाई ब्लडप्रेशर से पीड़ित मिले। 23% को डायबिटीज और करीब 14% को हाई कोलेस्ट्रॉल, थायराइड व हृदय रोग जैसी समस्याएं थीं। कुछ डॉक्टरों में मोटापा और धूम्रपान की आदत भी दर्ज की गई। विशेषज्ञों के अनुसार, यह आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं, क्योंकि ये मरीजों के नहीं बल्कि मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यदि डॉक्टरों के काम के घंटे, मानसिक तनाव और वर्क-लाइफ बैलेंस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर पड़ेगा।

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