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Drivers Protest: क्या राम मंदिर उद्घाटन और लोकसभा चुनावों के चलते सरकार आई बैकफुट पर? इसलिए खत्म हुई हड़ताल

Ashish Tiwari आशीष तिवारी
Updated Wed, 03 Jan 2024 01:21 PM IST
सार
ऑल इंडिया ड्राइवर संगठन के बिहार चैप्टर से जुड़े सोनू यादव का कहना है कि उनकी मांग यही है कि जुर्माना और सजा में कटौती हो। सोनू कहते हैं कि उनके संगठन के नेताओं ने केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद हड़ताल वापसी का फैसला लिया है। इस निर्देश पर देशभर के ड्राइवर ने काम भी शुरू कर दिया...
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Drivers Protest: Has government come on back foot due to inauguration of Ram mandir and Lok Sabha elections?
Drivers Protest - फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht

विस्तार
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हिट एंड रन कानून को लेकर देशभर के ट्रक ड्राइवरों की चल रही हड़ताल समाप्त हो गई। कानून में बदलाव पर विचार करने के साथ ही हड़ताल वापसी का फैसला लिया गया। हालांकि ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ड्राइवर संगठन ने हड़ताल तो वापस ले ली, लेकिन सरकार की अगली नीति का वह इंतजार कर रहे हैं। एसोसिएशन से जुड़े लोगों का मानना है कि केंद्र सरकार ने यह फैसला आने वाले लोकसभा चुनाव और राम मंदिर के शुभारंभ में कोई खलल न पड़े, इसलिए लिया है। फिलहाल संगठन का कहना है कि उन्होंने केंद्र सरकार के भरोसे पर ही हड़ताल वापसी की है।

36 घंटे तक चली देश के ट्रक, बस और अन्य वाहन चालकों की हड़ताल ने आम जनता को परेशान कर दिया। इस हड़ताल से न केवल दवाओं से लेकर पेट्रोल पंप पर ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हुई, वहीं सड़कों पर जाम से भी लोग बेहाल हो गए। ट्रक्स एंड गुड्स संगठन के पंकज शुक्ल कहते हैं कि वह सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन उनका कहना है कि जब तक इस कानून में बदलाव नहीं होगा, तब तक उनका संगठन और उनके ड्राइवर इसे महज एक आश्वासन ही मानेंगे। पंकज कहते हैं कि संभव है कि केंद्र सरकार ने आने वाले लोकसभा चुनावों और 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के भव्य शुभारंभ के चलते ही इस तरह का फैसला लिया हो। लेकिन ड्राइवरों और संगठन की हड़ताल का बड़ा असर हुआ है। केंद्र सरकार ने इस मामले में अपने पांव पीछे खींचे हैं और कानून में बदलाव का भरोसा देकर उनके संगठन को अगली प्रक्रिया में शामिल करने की बात भी कही है।




ऑल इंडिया ड्राइवर संगठन के बिहार चैप्टर से जुड़े सोनू यादव का कहना है कि उनकी मांग यही है कि जुर्माना और सजा में कटौती हो। सोनू कहते हैं कि उनके संगठन के नेताओं ने केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद हड़ताल वापसी का फैसला लिया है। इस निर्देश पर देशभर के ड्राइवर ने काम भी शुरू कर दिया। सोनू मानते हैं कि सरकार ने आने वाले लोकसभा चुनाव और राम मंदिर के भव्य उद्घाटन में खलल ना पड़ने के चलते ही संभवत उनकी बात मानी है। ऑल इंडिया ड्राइवर संगठन के मुताबिक केंद्र सरकार ने जिस किसी भी वजह से उनके संगठन से बात कर कानून में बदलाव का भरोसा दिलाया है, वह सबसे महत्वपूर्ण है। फिलहाल अब इंतजार उस दिन का है, जिस दिन यह कानून बदल जाएगा।

दरअसल एक जनवरी से शुरू हुई ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से देश में लोगों के सामने परेशानियां खड़ी कर दी थीं। सबसे ज्यादा दिक्कत राजमार्गों पर ट्रक ड्राइवरों के जाम से लोगों को होनी शुरू हुई। उसके बाद रोजमर्रा के जरूरतों के सामान की आपूर्ति भी बाधित होनी शुरू हो गई थी। दवाओं से लेकर फलों, सब्जियों, पेट्रोल-डीजल, सीएनजी जैसी जरूरत की चीजें लोगों को नहीं मिल रही थीं। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में जरूरत की चीजों की आपूर्ति धीमी होने लगी थी। हालात यह हो गए थे कि हड़ताल के नाम पर इन राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में अचानक जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ने लगे। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारी नवीन अग्रवाल का कहना है कि सरकार को हड़ताल की गंभीरता का अंदाजा था। यही वजह रही कि गृह मंत्रालय के साथ उनके संगठन की सकारात्मक बातचीत शुरू हुई। संगठन से जुड़े पंकज शुक्ल कहते हैं कि उनकी ओर से सभी ड्राइवर संगठनों को हड़ताल वापसी के लिए कहा गया है। सभी लोग बीती रात से ही काम पर वापस लौट आए हैं।


ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के मुताबिक केंद्र सरकार ने जो उनको आश्वासन दिया है, वह इस आधार पर हड़ताल वापस कर रहे हैं। लेकिन उनका कहना है कि अगर इस नए कानून को लागू करने में हिट एंड रन एक्ट में बदलाव नहीं हुआ, तो यह हड़ताल आगे भी हो सकती है। ट्रक ड्राइवर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रभाकर मौर्य कहते हैं कि उनकी ओर से ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस को यह सुझाव भी दिया गया कि बातचीत के दौरान उनके कुछ पहलू भी सामने रखे जाएं। वह कहते हैं कि जो प्रावधान सरकार ने हिट एंड रन कानून के लिए रखा है, अगर वह शराब पीकर वाहन चलाने वालों के लिए भी कर दें, तो एक आम सहमति बन सकती है। प्रभाकर कहते हैं कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कड़े नियम लागू किए जाने चाहिए।

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