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Goa: पीले रंग की परत वाले धातु को सोना बताकर कई बैंकों से लिया लोन, ED ने ऐसे किया साजिश का भंडाफोड़
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Mon, 08 Sep 2025 07:29 PM IST
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सार
गोवा में ईडी ने नकली सोने के जरिए बैंक से लोन लेकर की गई ठगी का पर्दाफाश किया है। गुंडू केल्वेकर और हेमंत रायकर ने मेटल पर पीली प्लेटिंग कर उसे सोना बताकर बैंकों से करोड़ों रुपये के स्वर्ण ऋण लिए। अब तक 2.63 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का पता चला है।

ED
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गोवा में बड़े पैमाने पर बैंक धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। जांच एजेंसी ने पांच सितंबर 2025 को पणजी आंचलिक कार्यालय के नेतृत्व में कई परिसरों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई उस मामले से जुड़ी है जिसमें आरोपियों ने मेटल पर पीले रंग की प्लेटिंग कर उसे सोना बताकर बैंकों से करोड़ों का स्वर्ण ऋण लिया। ईडी ने इस मामले में 2.63 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का पता लगाया है।
ईडी की कार्रवाई गुंडू केल्वेकर और हेमंत रायकर के आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर की गई। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने धातु को सोने का रूप देकर बैंकों से कर्ज लिया। इस धोखाधड़ी से यूको बैंक को अकेले 2.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, यह सिर्फ शुरुआत है और कुल आपराधिक आय इससे कहीं अधिक हो सकती है।
एफआईआर के आधार पर जांच शुरू
ईडी ने यह मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, उत्तरी गोवा द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर उठाया। एफआईआर में आरोप था कि गुंडू केल्वेकर ने यूको बैंक के सूचीबद्ध स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता हेमंत रायकर के साथ मिलकर वेरना, फतोर्दा और मडगांव शाखाओं से कई बार धोखाधड़ी करके ऋण लिया। इस काम में गुंडू की पत्नी मयूरी गुंडू केल्वेकर ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
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व्यवस्थित तरीके से लोन की ठगी
जांच में सामने आया कि 2019 से 2023 के बीच, गुंडू केल्वेकर और उनके सहयोगियों ने व्यवस्थित तरीके से यह धोखाधड़ी की। उन्होंने कई खातों के नाम पर लोन लिया और फिर तुरंत राशि अपने खातों में स्थानांतरित कर ली। इसके बाद पैसे का बड़ा हिस्सा नकद निकाल लिया गया। ईडी के अनुसार, गुंडू ने 79.65 लाख और उनकी पत्नी ने 48.75 लाख रुपये नकद निकाले।
धन को वैध दिखाने की कोशिश
ईडी ने पाया कि अपराध की आय को वैध दिखाने के लिए कुछ राशि बुलियन डीलरों और अन्य संस्थाओं के पास भेजी गई। यह धनराशि एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित की जाती थी ताकि इसे सफेद धन के रूप में दिखाया जा सके। इस प्रक्रिया को मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता है, जो पीएमएलए कानून के तहत गंभीर अपराध है।
ये भी पढ़ें- पलानीस्वामी ने किया आगामी विधानसभा चुनाव में 210 सीटें जीतने का दावा, कहा- AIADMK-DMK के बीच मुकाबला
कई बैंकों से लिया गया स्वर्ण ऋण
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि ठगी केवल यूको बैंक तक सीमित नहीं थी। आरोपियों ने अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सहकारी बैंकों से भी इसी तरीके से लोन लिया। अभी तक अपराध की आय 2.63 करोड़ रुपये बताई गई है, लेकिन यह रकम और बढ़ सकती है। फिलहाल ईडी ने जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है।
ईडी ने स्पष्ट किया कि यह मामला बड़ा बैंकिंग घोटाला है और इसमें कई अन्य नाम सामने आ सकते हैं। एजेंसी अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या बैंक अधिकारियों की मिलीभगत भी इसमें शामिल थी। मामले की आगे की जांच जारी है और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।

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एफआईआर के आधार पर जांच शुरू
ईडी ने यह मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, उत्तरी गोवा द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर उठाया। एफआईआर में आरोप था कि गुंडू केल्वेकर ने यूको बैंक के सूचीबद्ध स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता हेमंत रायकर के साथ मिलकर वेरना, फतोर्दा और मडगांव शाखाओं से कई बार धोखाधड़ी करके ऋण लिया। इस काम में गुंडू की पत्नी मयूरी गुंडू केल्वेकर ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
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व्यवस्थित तरीके से लोन की ठगी
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धन को वैध दिखाने की कोशिश
ईडी ने पाया कि अपराध की आय को वैध दिखाने के लिए कुछ राशि बुलियन डीलरों और अन्य संस्थाओं के पास भेजी गई। यह धनराशि एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित की जाती थी ताकि इसे सफेद धन के रूप में दिखाया जा सके। इस प्रक्रिया को मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता है, जो पीएमएलए कानून के तहत गंभीर अपराध है।
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ईडी ने स्पष्ट किया कि यह मामला बड़ा बैंकिंग घोटाला है और इसमें कई अन्य नाम सामने आ सकते हैं। एजेंसी अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या बैंक अधिकारियों की मिलीभगत भी इसमें शामिल थी। मामले की आगे की जांच जारी है और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।
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