ED: आईटी पार्क में अवैध कॉल सेंटर, अमेरिकी लोगों से 100-5000$ तक की ठगी, टॉप कंपनियों का किया इस्तेमाल
सर्टिस्जेप इनोवेशन (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के मालिक महेश चंद्रशेखर शेट्ये को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी तकनीकी सहायता कॉल सेंटरों के संचालन से आपराधिक आय अर्जित की है।
विस्तार
विदेशी नागरिकों, विशेषकर अमेरिका के लोगों को फर्जी तकनीकी सहायता मुहैया कराने के लिए 'कॉल सेंटर' शुरु कर दिया। प्रारंभ में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विदेशी लोगों द्वारा कई तरह के सवाल पूछे जाते, लेकिन कुछ समय बाद आरोपियों ने सब कुछ सेट कर लिया। उन्होंने खुद को नेटफ्लिक्स, अमेजन, स्पेक्ट्रम और एटीएंडटी जैसी अन्य अमेरिकी-आधारित कंपनियों के प्रतिनिधियों के तौर पर पेश किया। हालांकि उनका इन कंपनियों से कोई लेना-देना नहीं था। वीओआईपी डायलर और रिमोट-एक्सेस टूल्स का इस्तेमाल करके, आरोपियों ने अमेरिकी नागरिकों को झूठे तकनीकी मुद्दों पर विश्वास दिलाया। जिन लोगों को तकनीकी मदद चाहिए थी, उनके साथ 100 अमेरिकी डॉलर से लेकर 5,000 अमेरिकी डॉलर तक की ठगी की गई। फर्जी कॉल सेंटर संचालन के जरिए आरोपियों ने करोड़ों रुपये की अपराध की आय (पीओसी) एकत्रित की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले का खुलासा किया है। ईडी के चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने शनिवार को सर्टिस्जेप इनोवेशन (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के मालिक महेश चंद्रशेखर शेट्ये को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी तकनीकी सहायता कॉल सेंटरों के संचालन से आपराधिक आय अर्जित की है। पीओसी की आय को ठिकाने लगाने के लिए हवाला चैनलों का इस्तेमाल किया गया। आरोपी महेश चंद्रशेखर शेट्ये को विशेष न्यायालय, पंचकूला के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां उसे सात दिनों की अवधि (06.12.2025 तक) के लिए ईडी की हिरासत में दे दिया है।
ईडी ने साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, पंचकूला (एफआईआर संख्या 100/2025 और एफआईआर संख्या 101/2025) और चंडीमंदिर पुलिस स्टेशन (एफआईआर संख्या 344/2025) द्वारा दर्ज तीन केसों के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी। आरोपी व्यक्ति ने अवैध कमाई के लिए आईटी पार्क, पंचकूला में फर्जी कॉल सेंटर खोला। विदेशी लोगों को यकीन दिलाने के लिए यह कॉल सेंटर फर्जी नहीं है, आरोपियों ने खुद को नेटफ्लिक्स, अमेजन, स्पेक्ट्रम और एटीएंडटी जैसी टॉप कंपनियों का प्रतिनिधि बताया। वीओआईपी डायलर और रिमोट-एक्सेस टूल्स का इस्तेमाल करके, आरोपियों ने अमेरिकी नागरिकों को अपने झांसे में फंसाया। उन्हें झूठे तकनीकी मुद्दों पर भरोसा देकर उनसे प्रति पीड़ित 100 अमेरिकी डॉलर से लेकर 5,000 अमेरिकी डॉलर तक की रकम ठगी। जेले, रेमिटली, बिटकॉइन और कैशऐप गिफ्ट कार्ड के जरिए धोखाधड़ी से पैसे निकाले गए। हवाला नेटवर्क के जरिए वह मनी भारत में ट्रांसफर की गई।
ईडी की जांच से पता चला है कि एफआईआर संख्या 100/2025 के मुख्य आरोपी महेश चंद्रशेखर शेट्ये, अपने सहयोगियों—सुश्री सुरभि दुहान, ऋषभ दुहान और राहुल चूकर के साथ मिलकर मेसर्स सर्टिज़ेप इनोवेशन्स (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड नाम से बिना किसी अनिवार्य दूरसंचार विभाग लाइसेंस, ग्राहक समझौते या नियामक अनुपालन के, फर्जी कॉल सेंटर का सक्रिय रूप से संचालन कर रहे थे। कॉल सेंटर के कर्मचारियों ने महेश चंद्रशेखर शेट्ये की पहचान प्रमुख संचालकों में से एक के रूप में की है।
ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि विदेशों से प्राप्त पीओसी को हवाला के माध्यम से नकद रूप में भारत लाया गया। उस राशि को आरोपी के निजी खातों, मैक एंड क्रिस एंटरप्राइजेज (महेश की स्वामित्व वाली फर्म) के बैंक खातों में जमा किया गया। बाद में उस राशि को उसकी मां शालिनी शेट्टी के बैंक खाते के माध्यम से स्तरीकृत किया गया। इस राशि का इस्तेमाल निवेश, संपत्ति खरीद, कार खरीद और अन्य व्यक्तिगत उपयोग में किया गया। ईडी ने धन के अवैध स्रोत को छिपाने के लिए तृतीय-पक्ष फर्मों से जुड़े कई स्तरीकृत लेनदेन की भी पहचान की है। अब तक की जांच से यह पता चला है कि फर्जी कॉल सेंटर संचालन के माध्यम से करोड़ों रुपये के पीओसी उत्पन्न किए गए। आरोपी से जुड़ी संस्थाओं और व्यक्तियों के बैंकिंग चैनलों के माध्यम से धनशोधन किया गया।
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