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चिकित्सा विज्ञान की श्रेष्ठता को पछाड़ 27 साल बाद कोमा से लौटी महिला
एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: Avdhesh Kumar
Updated Fri, 26 Apr 2019 01:17 AM IST
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : social media
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संयुक्त अरब अमीरात की एक महिला ने चिकित्सा विज्ञान की प्रधानता को धता बताते हुए 27 साल बाद अपनी चेतना को वापस पा लिया। दरअसल महिला 27 साल पहले एक सड़क हादसे का शिकार हो गई थीं। दिमाग में गंभीर चोट लगने से वह कोमा में चली गई थीं।
मुनिरा अब्दुल्ला का वर्ष 1991 में सड़क दुर्घटना में जख्मी होने के बाद वह सालों तक अचेत रहीं। घटना के 27 साल बाद जून 2018 में पहली बार अब्दुल्ला ने जर्मनी के एक क्लिनिक में अपनी आंखें खोलीं। डॉक्टर वहां सालों से उनका उपचार कर रहे थे। महिला के 32 वर्षीय बेटे ओमर ने कहा, ‘मैंने उनको लेकर कभी हार नहीं मानी, क्योंकि मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि एक दिन वह जरूर उठकर बैठेंगी।’ महिला के साथ जब यह हादसा हुआ तब ओमर चार साल के थे।
डॉक्टर मुलर ने कहा, ‘महिला के चामत्कारिक रूप से ठीक होने का पहला संकेत पिछले साल दिखाई पड़ा, जब अब्दुल्ला ने अपने बेटे का नाम लेना शुरू किया। पहले तो हमें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन आखिर में यह साफ हो गया कि वह अपने बेटे का ही नाम ले रही थीं।’ डॉक्टरों ने बताया कि उसके दो हफ्ते बाद महिला कुरान की आयतें दोहराने लगी, जो उन्होंने दशकों पहले सीखी थीं।
डॉक्टर इसे दुर्लभ मामला बता रहे
अब्दुल्ला जैसे केस में ठीक होने की उम्मीद बेहद कम रहती है। ऐसे चंद लोग ही हैं, जो इस अवस्था में स्वस्थ हो पाए हैं। ऐसा एक मशहूर केस टेरी वॉलिस का है, जिन्होंने कोमा में जाने के दो दशक बाद पहला शब्द ‘मॉम’ बोला था। मुनिरा अब्दुल्ला संयुक्त अरब अमीरात लौट चुकी हैं और अबू धाबी में उनका इलाज चल रहा है।
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मुनिरा अब्दुल्ला का वर्ष 1991 में सड़क दुर्घटना में जख्मी होने के बाद वह सालों तक अचेत रहीं। घटना के 27 साल बाद जून 2018 में पहली बार अब्दुल्ला ने जर्मनी के एक क्लिनिक में अपनी आंखें खोलीं। डॉक्टर वहां सालों से उनका उपचार कर रहे थे। महिला के 32 वर्षीय बेटे ओमर ने कहा, ‘मैंने उनको लेकर कभी हार नहीं मानी, क्योंकि मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि एक दिन वह जरूर उठकर बैठेंगी।’ महिला के साथ जब यह हादसा हुआ तब ओमर चार साल के थे।
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डॉक्टर मुलर ने कहा, ‘महिला के चामत्कारिक रूप से ठीक होने का पहला संकेत पिछले साल दिखाई पड़ा, जब अब्दुल्ला ने अपने बेटे का नाम लेना शुरू किया। पहले तो हमें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन आखिर में यह साफ हो गया कि वह अपने बेटे का ही नाम ले रही थीं।’ डॉक्टरों ने बताया कि उसके दो हफ्ते बाद महिला कुरान की आयतें दोहराने लगी, जो उन्होंने दशकों पहले सीखी थीं।
डॉक्टर इसे दुर्लभ मामला बता रहे
अब्दुल्ला जैसे केस में ठीक होने की उम्मीद बेहद कम रहती है। ऐसे चंद लोग ही हैं, जो इस अवस्था में स्वस्थ हो पाए हैं। ऐसा एक मशहूर केस टेरी वॉलिस का है, जिन्होंने कोमा में जाने के दो दशक बाद पहला शब्द ‘मॉम’ बोला था। मुनिरा अब्दुल्ला संयुक्त अरब अमीरात लौट चुकी हैं और अबू धाबी में उनका इलाज चल रहा है।