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ED: जालसाज इंदरजीत यादव के दस ठिकानों पर ईडी की रेड, अवैध तरीके से कमाए करोड़ों रुपये
डिजिटल ब्यूरो अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Mon, 29 Dec 2025 04:13 PM IST
सार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हत्या, जबरन वसूली, जालसाजी के आरोपी इंद्रजीत सिंह यादव के दस ठिकानों पर छापेमारी की है। पुलिस ने बड़ी संख्या में गाड़ियां और कैश जब्त किया है। जानें क्या है पूरा मामला...
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ईडी की छापेमारी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हत्या, जबरन वसूली, जालसाजी, निजी वित्तदाताओं के जबरन ऋण निपटान, हथियारों की धमकी और ऐसी अवैध गतिविधियों से कमीशन अर्जित करने के आरोपी इंद्रजीत सिंह यादव के दस ठिकानों पर ईडी ने रेड की है। फिलहाल यादव, यूएई से फरार बताया जा रहा है। तलाशी और जब्ती अभियान के परिणामस्वरूप 5 लग्जरी कारें, बैंक लॉकर, 17 लाख रुपये नकद, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और इंद्रजीत सिंह व उसके साथियों से संबंधित डिजिटल डेटा जब्त किया गया है। यह छापेमारी दिल्ली, गुरुग्राम और रोहतक में की गई है।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 26.12.2025 और 27.12.2025 को यह छापेमारी की है। यह रेड, इंद्रजीत सिंह यादव, उनके सहयोगियों, अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अन्य संबंधित संस्थाओं/व्यक्तियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत चल रहे धन शोधन मामले से संबंधित है। जांच एजेंसी ने यह रेड, इंद्रजीत सिंह यादव द्वारा अवैध वसूली, निजी वित्तदाताओं के जबरन ऋण निपटान, हथियारों की धमकी और ऐसी अवैध गतिविधियों से कमीशन अर्जित करने के संबंध में धन शोधन, केस की जांच के चलते की है।
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कई मामलों में वांछित है आरोपी
हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा शस्त्र अधिनियम, 1959, बीएनएस, 2023 और आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई 15 से अधिक एफआईआर/चार्जशीट के आधार पर ईडी ने इंद्रजीत सिंह यादव और उसके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इंद्रजीत सिंह यादव, जो मेसर्स जेम रिकॉर्ड्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ('जेम्स ट्यून्स' के नाम से संचालित) का मालिक और प्रमुख नियंत्रक है, हत्या, जबरन वसूली, निजी वित्तदाताओं द्वारा दिए गए ऋणों का जबरन निपटान, धोखाधड़ी, जालसाजी, अवैध भूमि हड़पने और हिंसक अपराधों जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल एक कुख्यात दबंग है। इंदरजीत सिंह यादव हरियाणा पुलिस के विभिन्न मामलों में वांछित है और वर्तमान में यूएई से फरार है।
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ईडी की जांच में पता चला है कि अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अन्य जैसी कुछ कंपनियों ने कथित तौर पर डीघल 'झज्जर' स्थित निजी फाइनेंसरों से भारी मात्रा में नकद ऋण लिया। सुरक्षा के तौर पर पोस्ट-डेटेड चेक जारी किए गए। इंद्रजीत सिंह यादव एक दबंग और गुंडे के रूप में काम करता था, जो करोड़ों रुपये के इन उच्च-मूल्य वाले निजी ऋण लेनदेन और वित्तीय विवादों के जबरन निपटारे में मदद करता था। आरोप है कि ये निपटारे धमकियों, डरा-धमकाकर और सशस्त्र सहयोगियों/स्थानीय सशस्त्र गिरोहों के इस्तेमाल से किए गए, जिनमें विदेशों से संचालित संगठित अपराध गिरोहों की मिलीभगत थी।
इस निपटारे की प्रक्रिया में, उसने कथित तौर पर इन कंपनियों से करोड़ों रुपये कमीशन के रूप में कमाए। इंद्रजीत सिंह यादव द्वारा इन धोखाधड़ीपूर्ण तरीकों से अर्जित करोड़ों रुपये की आय का इस्तेमाल कथित तौर पर अचल संपत्तियों, लग्जरी कारों के अधिग्रहण और विलासितापूर्ण जीवन शैली बनाए रखने के लिए किया गया, जबकि उसने न्यूनतम आयकर रिटर्न दाखिल किया। तलाशी में यह भी पता चला कि इंद्रजीत सिंह यादव द्वारा कॉरपोरेट घरानों और निजी वित्तदाताओं के बीच ऋण निपटान के लिए एक वेबसाइट/पोर्टल विकसित और संचालित किया जा रहा था। इसके अलावा, अपराध की आय से इंद्रजीत सिंह यादव और उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर विभिन्न चल और अचल संपत्तियां अर्जित की गई थीं।