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Karnataka: कर्नाटक में अब किसे मिलेगी CM की कुर्सी? नेतृत्व परिवर्तन पर खरगे बोले- पूरा हाईकमान करेगा फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:49 AM IST
सार
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को कहा कि इस मुद्दे पर फैसला बातचीत के बाद ही किया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि यह निर्णय अकेले नहीं बल्कि सामूहिक रूप से लिया जाएगा। उन्होंने बंगलूरू में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस पर पूरा हाईकमान फैसला करेगा।
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डीके शिवकुमार, मल्लिकार्जुन खरगे और सिद्धारमैया (बाएं से दाएं)
- फोटो : ANI
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विस्तार
कर्नाटक में अब मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी? इस सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया दी है। खरगे ने बंगलूरू में पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मैं सबको बुलाकर चर्चा करूंगा। उस बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। पूरी हाईकमान टीम मिलकर निर्णय लेगी।' कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा सफर पूरा किया है। इसी के बाद सत्ता परिवर्तन की चर्चा फिर तेज हो गई है क्योंकि चुनाव से पहले यह संकेत मिले थे कि ढाई-ढाई साल सत्ता साझा होगी, हालांकि पार्टी ने कभी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की।
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शिवकुमार का संदेश- बात पर कायम रहना ही ताकत
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसे राजनीतिक हलकों में कांग्रेस नेतृत्व के लिए संकेत माना जा रहा है। उन्होंने लिखा, 'वचन की ताकत ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। जो कहा है, उस पर चलना चाहिए- चाहे वह जज हो, राष्ट्रपति हो या मैं खुद ही क्यों न रहूं।' उनका पोस्ट ऐसे समय पर आया है जब खुद शिवकुमार ने 29 नवंबर को सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मांगा है।
पार्टी के अंदर मतभेद खुलकर सामने
इसी बीच कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री केएन राजन्ना ने कहा कि अगर पार्टी में नेतृत्व को लेकर विवाद है तो विधानसभा भंग कर दोबारा चुनाव कराया जाए। उन्होंने कहा, 'जब सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री चुना गया था तो वह कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का फैसला था। ऐसे में अगला फैसला भी सीएलपी को ही करना चाहिए।' हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सिद्धारमैया को पूरा कार्यकाल देने का समर्थन किया और दूसरे विकल्प के तौर पर गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर का नाम भी सामने रखा।
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सिद्धारमैया बोले- बेवजह की बहस
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस पूरी चर्चा को 'अनावश्यक बहस' बताया है। वहीं डीके शिवकुमार ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं और उनके इस्तीफे की खबरें सिर्फ अफवाह हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान आने वाले कुछ दिनों में फैसला कर सकता है। अब सभी की निगाहें आगामी बैठक और दिल्ली में होने वाली अहम बातचीत पर टिकी हुई हैं।
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शिवकुमार का संदेश- बात पर कायम रहना ही ताकत
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसे राजनीतिक हलकों में कांग्रेस नेतृत्व के लिए संकेत माना जा रहा है। उन्होंने लिखा, 'वचन की ताकत ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। जो कहा है, उस पर चलना चाहिए- चाहे वह जज हो, राष्ट्रपति हो या मैं खुद ही क्यों न रहूं।' उनका पोस्ट ऐसे समय पर आया है जब खुद शिवकुमार ने 29 नवंबर को सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मांगा है।
ಕೊಟ್ಟ ಮಾತು ಉಳಿಸಿಕೊಳ್ಳುವುದೇ ವಿಶ್ವದಲ್ಲಿರುವ ದೊಡ್ಡ ಶಕ್ತಿ! pic.twitter.com/klregNRUtv
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) November 27, 2025
पार्टी के अंदर मतभेद खुलकर सामने
इसी बीच कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री केएन राजन्ना ने कहा कि अगर पार्टी में नेतृत्व को लेकर विवाद है तो विधानसभा भंग कर दोबारा चुनाव कराया जाए। उन्होंने कहा, 'जब सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री चुना गया था तो वह कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का फैसला था। ऐसे में अगला फैसला भी सीएलपी को ही करना चाहिए।' हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सिद्धारमैया को पूरा कार्यकाल देने का समर्थन किया और दूसरे विकल्प के तौर पर गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर का नाम भी सामने रखा।
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सिद्धारमैया बोले- बेवजह की बहस
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस पूरी चर्चा को 'अनावश्यक बहस' बताया है। वहीं डीके शिवकुमार ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं और उनके इस्तीफे की खबरें सिर्फ अफवाह हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान आने वाले कुछ दिनों में फैसला कर सकता है। अब सभी की निगाहें आगामी बैठक और दिल्ली में होने वाली अहम बातचीत पर टिकी हुई हैं।