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कौन है व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी करने वाला रहमानुल्लाह लकनवाल?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Thu, 27 Nov 2025 12:39 PM IST
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अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के ठीक समीप मंगलवार देर रात एक भयावह गोलीबारी की घटना सामने आई जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमले का आरोप 29 वर्षीय अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लकनवाल पर लगा है, जिसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने संदिग्ध हमलावर के तौर पर चिन्हित किया है।
घटना कैसे हुई?
स्थानीय समयानुसार लगभग 2:15 बजे, उत्तर-पश्चिम डीसी स्थित फर्रागुट वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास तैनात गार्ड अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से सहम गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर ने सबसे पहले एक महिला नेशनल गार्ड कर्मी को निशाना बनाया। उसने बेहद करीब से पहले उसके सीने पर और फिर सिर पर गोली चलाई। इसके बाद वह वहीं तैनात दूसरे गार्ड की तरफ बढ़ा और उस पर भी गोलीबारी शुरू कर दी।
हमलावर तब तक गोलियां चलाता रहा, जब तक कि पास में तैनात तीसरा गार्ड तेजी से मौके पर पहुंचकर उसे काबू करने की कोशिश नहीं करता। संघर्ष के दौरान अन्य अधिकारियों ने भी फायरिंग की, जिसमें लकनवाल को चार गोलियां लगीं। उसे लगभग नग्न अवस्था में एम्बुलेंस में ले जाया गया। दोनों घायल गार्डों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हमलावर कौन है?
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रहमानुल्लाह लकनवाल 2021 में ऑपरेशन ‘एलाइज वेलकम’ के तहत अफगानिस्तान से अमेरिका पहुंचा था। अफगानिस्तान में अमेरिकी मिशन समाप्त होने और तालिबान के कब्जे के बाद बड़ी संख्या में नागरिकों को विशेष मानवीय कार्यक्रमों के तहत अमेरिका लाया गया था। लकनवाल उन्हीं में से एक था।
रिपोर्टें बताती हैं कि उसे वॉशिंगटन राज्य के बेलिंगहैम में पुनर्वासित किया गया और वह वहीं रह रहा था। एनबीसी न्यूज और द वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, एफबीआई इस घटना की जांच आतंकवाद की संभावित कार्रवाई के रूप में कर रही है। हालांकि अब तक पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि लकनवाल का उद्देश्य क्या था और वह किस मंशा से सैनिकों को निशाना बना रहा था।
बढ़ती सुरक्षा और राजनीतिक असर
हमले के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने वॉशिंगटन डीसी में 500 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की घोषणा की। एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि यह हमला “संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर हमला” है, इसलिए आरोपी पर फेडरल लेवल पर मुकदमा चलेगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जन-सुरक्षा संबंधी नीति के तहत पिछले कुछ महीनों में कई राज्यों ने वॉशिंगटन में गार्ड कर्मियों को भेजा है। इस पूरे ऑपरेशन का उद्देश्य राजधानी और अन्य प्रमुख शहरों को “क़ानून-व्यवस्था” मॉडल में बदलना है।
वर्तमान में वॉशिंगटन में लगभग 2,400 नेशनल गार्ड सैनिक तैनात हैं, जिनमें 958 डीसी नेशनल गार्ड और लगभग 1,300 आठ अन्य राज्यों से आए सैनिक शामिल हैं। इस तैनाती को 2026 की गर्मियों तक बढ़ा दिया गया है लेकिन व्हाइट हाउस के पास हुए इस हमले ने सुरक्षा ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि हमलावर अकेले ही कार्रवाई कर रहा था। हालांकि उसकी पृष्ठभूमि, मानसिक स्थिति, संभावित कट्टरता अथवा किसी नेटवर्क से संबंध की गहन जांच अब एफबीआई कर रही है।
राजधानी में हुई इस घटना ने अमेरिका में सुरक्षा अभियानों और आव्रजन कार्यक्रमों को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। दो घायल गार्डों के लिए देश भर से प्रार्थनाएं जारी हैं, जबकि प्रशासन और जांच एजेंसियों पर अब यह दबाव है कि इस हमले की पूरी सच्चाई जल्द सामने लाई जाए।
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