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Ceasefire: 'युद्ध बॉलीवुड की कोई रोमांटिक फिल्म नहीं', संघर्ष विराम पर बोले पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पुणे Published by: नितिन गौतम Updated Mon, 12 May 2025 01:30 PM IST
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सार

मनोज नरवणे ने कहा कि 'युद्ध कोई बॉलीवुड की रोमांटिक फिल्म नहीं है। यह बेहद गंभीर मसला है। युद्ध या हिंसा सबसे आखिरी उपाय होना चाहिए। यही वजह है कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह दौर युद्ध का दौर नहीं है। हालांकि कुछ बेवकूफ लोगों द्वारा हमारे ऊपर लड़ाई थोपी जाएगी, लेकिन हमें इसका जश्न नहीं मनाना चाहिए।

ex army chief manoj naravane said War is not romantic Bollywood movie
पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे (फाइल फोटो) - फोटो : पीटीआई
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भारतीय थल सेना के पूर्व प्रमुख रिटायर्ड जनरल मनोज नरवणे ने उन लोगों की आलोचना की है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम पर सवाल उठा रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर लड़ाई छेड़ने की वकालत कर रहे हैं। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध कोई रोमांटिक बॉलीवुड फिल्म नहीं है। रविवार को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान नरवणे ने कहा कि अगर उन्हें आदेश मिलता तो वे जरूर युद्धभूमि में जाते, लेकिन कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाना उनकी पहली प्राथमिकता होता। 
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'लड़ाई के चलते लोग सदमे में'
इंस्टीट्यूट ऑफ कोस्ट अकाउंटेंट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग लड़ाई के चलते सदमे में हैं। खासकर बच्चे, जो बमबारी की वजह से रातें बंकरों में बिताने के लिए मजबूर हैं। नरवणे ने कहा कि जिन लोगों ने लड़ाई में अपनों को खोया है, उसका सदमा अब पीढ़ी दर पीढ़ी रहेगा। एक पीटीएसडी (पोस्ट ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) नामक समस्या के चलते पीड़ित लोग 20 साल बाद भी घबराहट और चिंता का शिकार रहते हैं। ऐसे लोगों को कई बार मनोचिकित्सक की मदद लेनी पड़ती है।
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'युद्ध आखिरी विकल्प होना चाहिए'
मनोज नरवणे ने कहा कि 'युद्ध कोई बॉलीवुड की रोमांटिक फिल्म नहीं है। यह बेहद गंभीर मसला है। युद्ध या हिंसा सबसे आखिरी उपाय होना चाहिए। यही वजह है कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह दौर युद्ध का दौर नहीं है। हालांकि कुछ बेवकूफ लोगों द्वारा हमारे ऊपर लड़ाई थोपी जाएगी, लेकिन हमें इसका जश्न नहीं मनाना चाहिए। अभी भी लोग सोच रहे हैं कि बड़े पैमाने पर लड़ाई होनी चाहिए। एक सैनिक होने के नाते अगर मुझे आदेश मिलेगा तो मैं लड़ाई लड़ूंगा, लेकिन यह मेरी पहली पसंद नहीं होगी।' उन्होंने कहा कि उनकी पहली पसंद कूटनीति है, जिसमें बातचीत के जरिए मसलों को निपटाया जाता है ताकि युद्ध की जरूरत ही न पड़े।

गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए भारत ने 6-7 मई की मध्य रात्रि पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इससे दोनों देशों में संघर्ष छिड़ गया। हालांकि शनिवार शाम को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बन गई। हालांकि शनिवार रात को ही पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, जिसका भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि रविवार को शांति रही। 

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