AAIB Report: बोइंग का ईंधन स्विच कैसे बंद हुआ? रिपोर्ट के बाद उठा सबसे बड़ा सवाल, विशेषज्ञों ने बताई यह वजह
अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (एआई 171) 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। टेकऑफ के बाद दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद होते ही केवल 29 सेकेंड बाद विमान मेघाणीनगर में क्रैश हो गया।
विस्तार
अहमदाबाद विमान हादसे पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (एआई 171) 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। टेकऑफ के बाद दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद होते ही केवल 29 सेकेंड बाद विमान मेघाणीनगर में क्रैश हो गया। अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि एयर इंडिया के बोइंग विमान का ईंधन स्विच कैसे बंद हुआ? कई विनानन विशेषज्ञों का कहना है कि यांत्रिक और विद्युत संबंधी समस्याओं के कारण भी विमान में ईंधन स्विच की स्थिति में बदलाव हो सकता है। हालांकि इसका सटीक कारण आगे की जांच में ही पता चलेगा।
विशेषज्ञों का है ये कहना
भारतीय पायलट महासंघ (एफपीआई) के अध्यक्ष और एयर इंडिया के पूर्व पायलट कैप्टन सी. एस. रंधावा ने कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति केवल मानवीय हस्तक्षेप से ही बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि ये स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं और इनमें एक लॉक लगा होता है। उन्होंने कहा कि अगर इन्हें रन स्थिति में लाना है, तो पहले इसे बाहर निकालना होगा और फिर उस स्थिति में लाना होगा। उन्होंने कहा कि ये स्विच आमतौर पर तब इस्तेमाल किए जाते हैं जब दोनों इंजनों में आग लग गई हो। प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट नहीं है कि स्विच की स्थिति क्यों बदली गई? हो सकता है कि यांत्रिक और विद्युत संबंधी गड़बड़ी के कारण स्विच अपने आप बंद हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि विमान में जब ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद करना होता है, तो उड़ान भर रहा पायलट कहता है कि ईंधन नियंत्रण स्विच बाएँ, पुष्टि करें। जिस पर को पायलट या फर्स्ट ऑफिसर इसकी पुष्टि करता है। पुष्टि के बाद कैप्टन मॉनिटरिंग स्विच को बंद कर देगा, लेकिन इस दुर्घटना में फर्स्ट ऑफिसर विमान को उड़ा रहा था और मेन पायलट मॉनिटरिंग कर रहा था। ऐसे में यह भी जांच का विषय है कि क्या नियंत्रण स्विच को लेकर यह वार्ता कैप्टन और फर्स्ट ऑफिसर के बीच हुआ था। इस रिपोर्ट से बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है।
उन्होंने कहा कि ईंधन स्विच थ्रॉटल के नीचे होते हैं। दोनों इंजन में आग लगने की स्थिति में, स्वचालित थ्रॉटल स्विच बंद कर दिए जाते हैं। बाद में ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद करके चालू कर दिया जाता है। उन्होंने कहा हालांकि मूलतः वे पुनः सक्रिय हो जाते हैं।
ईंधन स्विच की स्थिति में क्यों हुआ बदलाव?
वहीं, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति में बदलाव हुआ था और सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने कहा कि जांच इस दिशा में आगे बढ़ेगी कि स्विच की स्थिति क्यों बदली, क्या यह कोई यांत्रिक खराबी थी। या यह जानबूझकर हुआ या अनजाने में हुआ या कुछ और समस्या थी। उन्होंने कहा कि सवाल यह भी है कि क्या कोई सॉफ़्टवेयर गड़बड़ी थी या नहीं।
रिपोर्ट में क्या-क्या दावे किए गए?
- अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (एआई 171) 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। टेकऑफ के बाद दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद होते ही केवल 29 सेकेंड बाद विमान मेघाणीनगर में क्रैश हो गया।
- एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के समय ईंधन सप्लाई बंद होते ही इंजनों की पंखे की गति कम होने लगी थी। 213.4 टन वजन के साथ उड़ा विमान हवाई अड्डे की परिधि की दीवार पार करने से पहले ही नीचे आने लगा। इस समय विमान में 54,200 किलोग्राम फ्यूल था और टेक-ऑफ वजन 2,13,401 किलोग्राम रहा, जो अधिकतम अनुमत वजन 2,18,183 किलोग्राम से कम था।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरक्राफ्ट ने 180 नॉट्स की अधिकतम रफ्तार हासिल की और उसी दौरान दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच रन से कटऑफ में बदल गए। इन दोनों स्विच में सिर्फ 1 सेकंड का अंतर था।
- एएआईबी ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का भी विश्लेषण किया। इसमें एक पायलट दूसरे से पूछता है, "तुमने कटऑफ क्यों किया? जवाब मिलता है, "मैंने नहीं किया।" इससे अंदेशा है कि ये कटऑफ स्वचालित या तकनीकी गड़बड़ी के चलते हुआ, जिसे अब गहराई से जांचा जा रहा है।
- रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि पायलटों ने दोनों इंजनों को फिर से शुरू करने की कोशिश की। इंजन-1 दोबारा शुरू होने लगा और उसकी गति रिकवर होने लगी, लेकिन इंजन-2 बार-बार फ्यूल रीइंट्रोड्यूस करने के बावजूद पर्याप्त गति नहीं पकड़ पाया।
- 12 साल पुराने एअर इंडिया के बोइंग विमान ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी।
- उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद विमान बीजे मेडिकल की आवासीय बिल्डिंग पर क्रैश हुआ।
- 12 क्रू मेंबर समेत बोइंग विमान में सवार थे 242 यात्री। एक यात्री बचा, बाकी की मौत।
- 241 विमान यात्रियों समेत कुल 260 लोगों की इस हादसे में हुई मौत।
- एकमात्र जीवित बचे ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश (45) सीट नंबर 11ए पर बैठे थे।
- 13 जून को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने जांच शुरू की। जांच टीम गठित की।
- 16 जून को घटनास्थल से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) बरामद।
- 24 जून को विमान का ब्लैक बॉक्स वायुसेना के विमान से अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया।
- 24 जून को ही ब्लैक बॉक्स से डाटा निकालने की प्रक्रिया शुरू।
- 25 जून को सामने वाले ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) निकाला गया।
- 12 जुलाई को एएआईबी ने एअर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की।