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Fighter Jet: एचएएल ने स्पष्ट किया Mk2 विमान अमेरिकी इंजन पर आधारित, फ्रेंच इंजन पर नहीं की कोई चर्चा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Thu, 25 Sep 2025 08:10 PM IST
सार

एचएएल ने स्पष्ट किया कि एलसीएम Mk2 विमान जनरल इंजन 414 इंजन पर आधारित है और फ्रेंच इंजन पर कोई चर्चा नहीं हो रही। डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी और 180 विमान वित्तीय वर्ष 2032-33 तक पूरे होंगे। 64% से अधिक स्वदेशी सामग्री और उन्नत प्रणालियां शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट 11,750 रोजगार सृजित करेगा और भारत की एयरोस्पेस आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।

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Fighter Jet HAL clarifies LCM Mk2 aircraft based on American GE-414 engine no discussion on French engine
फाइटर जेट (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : PTI
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विस्तार
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एचएएल के चेयरमैन और एमडी डॉ. डीके सुनील ने कहा कि एलसीएम एमके2 विमान के लिए फ्रेंच इंजन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। भारत का यह स्वदेशी विकसित उन्नत लड़ाकू विमान 414 इंजन के आधार पर डिजाइन किया गया है। सुनील ने मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के साथ वार्ता अंतिम चरण में है।


डॉ. सुनील ने कहा कि जनरल इलेक्ट्रिक के साथ छह दौर की बैठकें हो चुकी हैं और अक्टूबर के पहले सप्ताह में अमेरिका में अगले दौर की बैठक होगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 12 इंजन की आपूर्ति का वादा था, जिसमें 10 इंजन इस वित्तीय वर्ष में मिलेंगे और शेष मार्च तक। 10वां विमान तैयार हो चुका है, 11वां विमान निर्माणाधीन है।
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करार और उत्पादन लक्ष्य
डिफेंस मंत्रालय ने हाल ही में एचएएल के साथ 97 एलसीए Mk1A विमानों के लिए 62,370 करोड़ रुपये का करार किया है। इनमें 68 फाइटर और 29 ट्विन सीटर शामिल हैं। डिलीवरी 2027-28 से शुरू होकर छह साल में पूरी होगी। विमान में 64% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी और 67 नई वस्तुएं शामिल की गई हैं।

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उन्नत सिस्टम और आत्मनिर्भरता
एलसीएम Mk2 में यूटीटीएम एईएसए राडार, स्वयं रक्षा कवच और कंट्रोल एक्ट्यूएटर जैसी उन्नत स्वदेशी प्रणालियां शामिल हैं। यह कदम भारत की आत्मनिर्भरता की पहल को और मजबूत करेगा। लगभग 105 भारतीय कंपनियां सीधे निर्माण में शामिल हैं।इस प्रोजेक्ट से छह वर्षों में लगभग 11,750 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। यह घरेलू एयरोस्पेस उद्योग को भी मजबूत करेगा और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाएगा।

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भविष्य की तैयारियां
डॉ. सुनील ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2032-33 तक सभी 180 विमान तैयार किए जाएंगे। एलसीए Mk1A भारतीय वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने वाला सबसे उन्नत विमान है और यह स्वदेशी तकनीक को विश्वस्तरीय मंच पर प्रस्तुत करेगा।

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