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Sabarimala Gold Theft: सबरीमाला मंदिर की मूर्तियों से कैसे गायब हुआ सोना, SIT ने खोली चोरी की परतें; जांच जारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, तिरुवनंतपुरम Published by: हिमांशु चंदेल Updated Sun, 21 Dec 2025 10:48 PM IST
सार

सबरीमाला मंदिर से जुड़े सोना चोरी मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में पंकज भंडारी और जौहरी गोवर्धन रोड्डम की अहम भूमिका सामने आई है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग के दौरान मंदिर की मूर्तियों से सोना निकाला गया। आरोपी मंदिर से जुड़े भरोसेमंद लोग थे।

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Sabarimala Case How gold disappear from idols in temple SIT uncovered layers of theft investigation continues
सबरीमाला मंदिर - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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सबरीमाला मंदिर से जुड़े सोना चोरी मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में पंकज भंडारी और जौहरी गोवर्धन रोड्डम की अहम भूमिका सामने आई है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग के दौरान मंदिर की मूर्तियों से सोना निकाला गया। आरोपी मंदिर से जुड़े भरोसेमंद लोग थे। एसआईटी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है।

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केरल के विश्वप्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर से जुड़े सोना गायब होने के मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने विजिलेंस कोर्ट को बताया है कि इस पूरे मामले में पंकज भंडारी और बल्लारी के जौहरी गोवर्धन रोड्डम की अहम भूमिका रही है। एसआईटी के अनुसार, यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश थी, जिसमें मंदिर की पवित्र धरोहरों से सोना चोरी किया गया।
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इलेक्ट्रोप्लेटिंग के नाम पर सोने की चोरी
एसआईटी ने अदालत को बताया कि वर्ष 2019 में सबरीमाला मंदिर की द्वारपालक मूर्तियों और अन्य धातु की कलाकृतियों पर इलेक्ट्रोप्लेटिंग का काम कराया गया था। इसी दौरान तांबे की प्लेटों से सोना अलग कर लिया गया। जांच में सामने आया कि यह सोना मंदिर का था और आरोपी इस बात से पूरी तरह अवगत थे। इसके बावजूद उन्होंने जानबूझकर मंदिर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सोना हड़प लिया।

मुख्य आरोपी और साजिश का ताना-बाना
एसआईटी की रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, इस चोरी की योजना पहले आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी, पंकज भंडारी और गोवर्धन रोड्डम ने मिलकर बनाई थी। तीनों ने मिलकर यह तय किया कि इलेक्ट्रोप्लेटिंग के दौरान सोना निकाल लिया जाएगा और उसे दूसरी जगह भेज दिया जाएगा। जांच एजेंसी का कहना है कि हिरासत में पूछताछ के दौरान आरोपियों ने इस साजिश से जुड़े कई अहम राज खोले हैं।

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मंदिर की रक्षा करने वाले ही बने आरोपी
एसआईटी ने अदालत को बताया कि इस अपराध में शामिल लोग वही थे, जिन्हें मंदिर की कीमती धरोहरों की सुरक्षा और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उन्होंने अपने पद और भरोसे का गलत इस्तेमाल किया। जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला सिर्फ चोरी का नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास को तोड़ने का भी है।

भंडारी के मंदिर से करीबी रिश्ते
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि पंकज भंडारी का सबरीमाला मंदिर से पहले से गहरा संबंध रहा है। वह 2019 से पहले मंदिर से जुड़े प्रायोजन कार्यों में शामिल था और कई बार दर्शन के लिए मंदिर जा चुका था। उसे यह भी जानकारी थी कि यूबी ग्रुप की ओर से मंदिर को सोने का चढ़ावा दिया गया था। इसके अलावा, भंडारी के त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड और उसके अधिकारियों से सीधे संपर्क होने की बात भी एसआईटी ने उजागर की है।

एसआईटी का कहना है कि आरोपियों ने जानबूझकर मंदिर की धरोहरों से सोना निकालकर अन्य लोगों के साथ मिलकर उसे इधर-उधर किया। फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की पूछताछ जारी है। जांच एजेंसी को आशंका है कि इस मामले में और भी लोगों की भूमिका सामने आ सकती है। सबरीमाला जैसे पवित्र स्थल से जुड़े इस मामले ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है।

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