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Karnataka: सिद्धारमैया के 'वफादार' राजन्ना से डीके शिवकुमार की मुलाकात, क्या है इसके पीछे की सियासी रणनीति?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: लव गौर
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:35 PM IST
सार
Karnataka Politics: कर्नाटक की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को खींचतान लेकर चल रही है। इस बीच उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस विधायक के.एन. राजन्ना की मुलाकात ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें तेज हैं।
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कांग्रेस विधायक के एन राजन्ना से मिले डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार
- फोटो : X-@DKShivakumar
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विस्तार
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कांग्रेस विधायक के.एन. राजन्ना से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि राजन्ना को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का करीबी माना जाता है। यहां तक राजन्ना शुरुआत से ही यह दावा करते आ रहे हैं कि सिद्धारमैया ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। ऐसे में उनका अचानक डी.के. शिवकुमार से मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है। खुद राजन्ना भी इस अप्रत्याशित मुलाकात को लेकर चर्चा में हैं।
मधुगिरी से विधायक राजन्ना सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, 'वोट चोरी' से जुड़े बयान देकर पार्टी और नेता राहुल गांधी को असहज करने के बाद कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। उस समय राजन्ना के समर्थकों ने इसके पीछे शिवकुमार के खिलाफ साजिश का आरोप भी लगाया था।
मुलाकात पर क्या बोले डीके शिवकुमार?
वहीं इसे मुलाकात के बाद शिवकुमार ने इसे सौहार्दपूर्ण बताते हुए कहा, 'राजन्ना हमारे विधायक हैं। वह हमारी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मैंने उनसे मुलाकात की और आगे भी करता रहूंगा। मैं उनसे मिल नहीं पाया था, उन्होंने कहा था कि राजभवन के एक कार्यक्रम के बाद मिलेंगे।' मुलाकात के कारण पर सवाल किए जाने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वे दोनों एक ही पार्टी के सहयोगी हैं। उन्होंने कहा, 'उन्होंने कोई बयान दिया होगा, मुझे उससे कोई बुरा नहीं लगता। मैंने कभी किसी से झगड़ा नहीं किया और न ही किसी के खिलाफ बयान दिया। मैं केवल विपक्ष के आरोपों का जवाब देता हूं।'
राजन्ना हाल ही में दलित मुख्यमंत्री की मांग को लेकर सुर्खियों में थे। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। अब डी.के. शिवकुमार और राजन्ना की मुलाकात हुई, जहां दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। इस मुलाकात की अंदरूनी चर्चा अब राज्य की राजनीति में अटकलों का विषय बन गई है।
'करीबी' होने पर भी बोले शिवकुमार
इधर, जब पत्रकारों ने कहा कि राजन्ना को सिद्धारमैया के करीबी माना जाता है, तो शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा, "क्या आप जानते हैं कि मैं राजन्ना के कितना करीब हूं? जब मैंने एस एम कृष्णा सरकार के दौरान उन्हें जिला एपेक्स कोऑपरेटिव बैंक का चेयरमैन बनाया था, तब उनका सिद्धारमैया से कोई संबंध नहीं था। मैंने उन्हें एपेक्स बैंक का चेयरमैन बनाया। राजन्ना से पूछिए। वह आपको बताएंगे।"
शिवकुमार ने यह भी कहा कि राजन्ना हमेशा उनके करीब थे, ठीक वैसे ही जैसे वह सिद्धारमैया के साथ थे। उन्होंने आगे कहा, "अब जब आप कह रहे हैं कि वह सीएम के करीब हैं, तो वह (राजन्ना) मेरे भी करीब हैं। सीएम और मैं भी बहुत करीब से जुड़े हुए हैं। हम भाइयों की तरह काम कर रहे हैं।"
ये भी पढ़ें: Politics: कर्नाटक कांग्रेस में CM पद को लेकर चर्चा फिर तेज, शिवकुमार बोले- हाईकमान के बुलाने पर जाएंगे दिल्ली
इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं: राजन्ना
इस बीच, राजन्ना ने कहा कि शिवकुमार प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के तौर पर उनसे मिलने आए थे और पार्टी को मजबूत करने पर चर्चा की। मीटिंग के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, "शिवकुमार हमारी पार्टी के अध्यक्ष हैं। वह जब चाहें मुझसे मिल सकते हैं। वह किसी को भी बुला सकते हैं या किसी से भी मिल सकते हैं। वह वही करेंगे, जो पार्टी के सबसे अच्छे हित में होगा। इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है।"
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अक्सर शिवकुमार का विरोध किया है, तो राजन्ना ने कहा कि वह अपने रुख पर कायम हैं। उन्होंने आगे कहा, "रुख में कोई बदलाव नहीं है।"शिवकुमार के डिनर मीटिंग में शामिल होने पर विधायक ने कहा कि वे सिर्फ शिष्टाचार मुलाकातें थीं। जब पूछा गया कि क्या ये मीटिंग मुख्यमंत्री बनने की कोशिश थीं, तो मधुगिरी के विधायक ने कहा कि अगर कोई कोशिश करता भी है, तो अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान का होता है।
ये भी पढ़ें: Congress: कर्नाटक में ढाई साल वाला फॉर्मूला फिर चर्चा में... CM कुर्सी पर खींचतान जारी, अब खरगे ने कही ये बात
सिद्धारमैया को लेकर कही बड़ी बात
उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने बार-बार कहा है कि वह CM बने रहेंगे और जब तक पार्टी हाईकमान चाहेगा, इस पद पर रहेंगे। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा सिद्धारमैया के पक्ष में हूं, भले ही वह (शिवकुमार) कितनी भी कोशिश करें। मैं अपने बयान पर कायम हूं। मैं उस पर कायम हूं।" यह मीटिंग सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता की खींचतान के बीच हुई, हालांकि कांग्रेस हाईकमान के कहने पर दोनों नेताओं ने अपनी 'ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी' के जरिए एकजुटता दिखाई है।
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मधुगिरी से विधायक राजन्ना सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, 'वोट चोरी' से जुड़े बयान देकर पार्टी और नेता राहुल गांधी को असहज करने के बाद कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। उस समय राजन्ना के समर्थकों ने इसके पीछे शिवकुमार के खिलाफ साजिश का आरोप भी लगाया था।
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मुलाकात पर क्या बोले डीके शिवकुमार?
वहीं इसे मुलाकात के बाद शिवकुमार ने इसे सौहार्दपूर्ण बताते हुए कहा, 'राजन्ना हमारे विधायक हैं। वह हमारी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मैंने उनसे मुलाकात की और आगे भी करता रहूंगा। मैं उनसे मिल नहीं पाया था, उन्होंने कहा था कि राजभवन के एक कार्यक्रम के बाद मिलेंगे।' मुलाकात के कारण पर सवाल किए जाने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वे दोनों एक ही पार्टी के सहयोगी हैं। उन्होंने कहा, 'उन्होंने कोई बयान दिया होगा, मुझे उससे कोई बुरा नहीं लगता। मैंने कभी किसी से झगड़ा नहीं किया और न ही किसी के खिलाफ बयान दिया। मैं केवल विपक्ष के आरोपों का जवाब देता हूं।'
राजन्ना हाल ही में दलित मुख्यमंत्री की मांग को लेकर सुर्खियों में थे। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। अब डी.के. शिवकुमार और राजन्ना की मुलाकात हुई, जहां दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। इस मुलाकात की अंदरूनी चर्चा अब राज्य की राजनीति में अटकलों का विषय बन गई है।
'करीबी' होने पर भी बोले शिवकुमार
इधर, जब पत्रकारों ने कहा कि राजन्ना को सिद्धारमैया के करीबी माना जाता है, तो शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा, "क्या आप जानते हैं कि मैं राजन्ना के कितना करीब हूं? जब मैंने एस एम कृष्णा सरकार के दौरान उन्हें जिला एपेक्स कोऑपरेटिव बैंक का चेयरमैन बनाया था, तब उनका सिद्धारमैया से कोई संबंध नहीं था। मैंने उन्हें एपेक्स बैंक का चेयरमैन बनाया। राजन्ना से पूछिए। वह आपको बताएंगे।"
शिवकुमार ने यह भी कहा कि राजन्ना हमेशा उनके करीब थे, ठीक वैसे ही जैसे वह सिद्धारमैया के साथ थे। उन्होंने आगे कहा, "अब जब आप कह रहे हैं कि वह सीएम के करीब हैं, तो वह (राजन्ना) मेरे भी करीब हैं। सीएम और मैं भी बहुत करीब से जुड़े हुए हैं। हम भाइयों की तरह काम कर रहे हैं।"
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इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं: राजन्ना
इस बीच, राजन्ना ने कहा कि शिवकुमार प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के तौर पर उनसे मिलने आए थे और पार्टी को मजबूत करने पर चर्चा की। मीटिंग के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, "शिवकुमार हमारी पार्टी के अध्यक्ष हैं। वह जब चाहें मुझसे मिल सकते हैं। वह किसी को भी बुला सकते हैं या किसी से भी मिल सकते हैं। वह वही करेंगे, जो पार्टी के सबसे अच्छे हित में होगा। इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है।"
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अक्सर शिवकुमार का विरोध किया है, तो राजन्ना ने कहा कि वह अपने रुख पर कायम हैं। उन्होंने आगे कहा, "रुख में कोई बदलाव नहीं है।"शिवकुमार के डिनर मीटिंग में शामिल होने पर विधायक ने कहा कि वे सिर्फ शिष्टाचार मुलाकातें थीं। जब पूछा गया कि क्या ये मीटिंग मुख्यमंत्री बनने की कोशिश थीं, तो मधुगिरी के विधायक ने कहा कि अगर कोई कोशिश करता भी है, तो अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान का होता है।
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सिद्धारमैया को लेकर कही बड़ी बात
उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने बार-बार कहा है कि वह CM बने रहेंगे और जब तक पार्टी हाईकमान चाहेगा, इस पद पर रहेंगे। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा सिद्धारमैया के पक्ष में हूं, भले ही वह (शिवकुमार) कितनी भी कोशिश करें। मैं अपने बयान पर कायम हूं। मैं उस पर कायम हूं।" यह मीटिंग सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता की खींचतान के बीच हुई, हालांकि कांग्रेस हाईकमान के कहने पर दोनों नेताओं ने अपनी 'ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी' के जरिए एकजुटता दिखाई है।
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