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Mumbai: वेबसाइट से ट्रंप का फर्जी आधार कार्ड बनाने का मामला, शरद गुट के MLA रोहित पवार के खुलासे पर केस दर्ज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 30 Oct 2025 10:24 AM IST
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सार
एनसीपी-एसपी गुट के विधायक रोहित पवार की तरफ से एक वेबसाइट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फर्जी आधार कार्ड बनाने के खुलासे पर कार्रवाई की गई है। मुंबई साइबर पुलिस ने दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता की धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, झूठी जानकारी फैलाने जैसी धाराओं के साथ सूचना प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधान भी लगाए गए हैं।
ट्रंप का फर्जी आधार कार्ड, रोहित पवार के खुलासे पर केस दर्ज
- फोटो : X @RRPSpeaks / ANI
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विस्तार
मुंबई पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार के उस दावे के बाद हुई है, जिसमें उन्होंने बताया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर फर्जी आधार कार्ड बनाया गया और उसका इस्तेमाल फर्जी वोटर रजिस्ट्रेशन में किया गया।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
रोहित पवार ने 16 अक्तूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया था कि कैसे एक वेबसाइट पर फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं और उनका इस्तेमाल फर्जी वोटरों को जोड़ने में किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया था कि यह तरीका चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है और बड़े पैमाने पर धांधली का संकेत देता है।
यह भी पढ़ें - Pune: लंदन में ही है गैंगस्टर निलेश घायवाल, ब्रिटिश उच्चायोग ने पुष्टि की; हत्या-वसूली के मामलों में है वांछित
भाजपा नेता ने की शिकायत
भाजपा की सोशल मीडिया सेल के सह-संयोजक धनंजय वागसकर ने इस वीडियो को एक यूट्यूब चैनल पर देखा, जहां इस संबंध में भाजपा के एक पदाधिकारी पर भी आरोप लगाए गए थे। इस पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी आधार कार्ड बनाना, जनता में गुस्सा और भ्रम फैलाने का प्रयास है और इससे सामाजिक सौहार्द को खतरा हो सकता है।
शरद गुट के विधायक रोहित पवार के आरोप
रोहित पवार ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनावों में भाजपा गठबंधन (महायुति) को अनुकूल परिणाम न मिलने के बाद फर्जी वोटर जोड़ने, सच्चे वोटरों के नाम हटाने, और डबल रजिस्ट्रेशन जैसी गड़बड़ियां हुईं। उन्होंने कहा था, 'कई जगह मृत मतदाताओं के नाम से वोट डाले गए। कुछ मतदाताओं के आधार कार्ड का इस्तेमाल दूसरे क्षेत्रों में दूसरे नाम और फोटो के साथ किया गया।' रोहित पवार के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच हर साल औसतन 6.5 लाख नए वोटर जोड़े गए, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों से लेकर छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच 48 लाख वोटर जुड़ गए, जो असामान्य रूप से ज्यादा है। अपने कारजत-जामखेड विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने बताया कि 14,292 वोटर जोड़े गए, 5,360 नाम हटाए गए और 14,162 डुप्लीकेट नाम जोड़े गए।
यह भी पढ़ें - Crime: छोटे से झगड़े में जोड़े ने कार से दो KM तक किया फूड डिलीवरी एजेंट का पीछा, टक्कर मार ली जान; गिरफ्तार
मामले की जांच में जुटी मुंबई पुलिस
वहीं पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह फर्जी वेबसाइट किसने बनाई, और इसका उपयोग किस उद्देश्य से किया गया। फिलहाल मामले की जांच साइबर पुलिस द्वारा जारी है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
रोहित पवार ने 16 अक्तूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया था कि कैसे एक वेबसाइट पर फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं और उनका इस्तेमाल फर्जी वोटरों को जोड़ने में किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया था कि यह तरीका चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है और बड़े पैमाने पर धांधली का संकेत देता है।
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भाजपा नेता ने की शिकायत
भाजपा की सोशल मीडिया सेल के सह-संयोजक धनंजय वागसकर ने इस वीडियो को एक यूट्यूब चैनल पर देखा, जहां इस संबंध में भाजपा के एक पदाधिकारी पर भी आरोप लगाए गए थे। इस पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी आधार कार्ड बनाना, जनता में गुस्सा और भ्रम फैलाने का प्रयास है और इससे सामाजिक सौहार्द को खतरा हो सकता है।
शरद गुट के विधायक रोहित पवार के आरोप
रोहित पवार ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनावों में भाजपा गठबंधन (महायुति) को अनुकूल परिणाम न मिलने के बाद फर्जी वोटर जोड़ने, सच्चे वोटरों के नाम हटाने, और डबल रजिस्ट्रेशन जैसी गड़बड़ियां हुईं। उन्होंने कहा था, 'कई जगह मृत मतदाताओं के नाम से वोट डाले गए। कुछ मतदाताओं के आधार कार्ड का इस्तेमाल दूसरे क्षेत्रों में दूसरे नाम और फोटो के साथ किया गया।' रोहित पवार के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच हर साल औसतन 6.5 लाख नए वोटर जोड़े गए, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों से लेकर छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच 48 लाख वोटर जुड़ गए, जो असामान्य रूप से ज्यादा है। अपने कारजत-जामखेड विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने बताया कि 14,292 वोटर जोड़े गए, 5,360 नाम हटाए गए और 14,162 डुप्लीकेट नाम जोड़े गए।
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मामले की जांच में जुटी मुंबई पुलिस
वहीं पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह फर्जी वेबसाइट किसने बनाई, और इसका उपयोग किस उद्देश्य से किया गया। फिलहाल मामले की जांच साइबर पुलिस द्वारा जारी है।