सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   'First announce, second think': Cong's dig after MHA says Chandigarh bill not to be brought in Winter session

Chandigarh Bill: चंडीगढ़ बिल पर केंद्र सरकार ने दी सफाई, कांग्रेस ने कसा तंज, कहा- पहले घोषणा, फिर सोचना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Sun, 23 Nov 2025 05:55 PM IST
सार

Chandigarh Bill: संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस ने केंद्र और गृह मंत्रालय पर निशाना साधा है। दरअसल, चंडीगढ़ से जुड़े एक संवैधानिक बिल, जो एक दिन संसद की सूची में दिखाई दिया और अगले दिन सरकार ने हटाया और कहा कि उसका इसे पेश करने का कोई इरादा ही नहीं है। इसे लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है।

विज्ञापन
'First announce, second think': Cong's dig after MHA says Chandigarh bill not to be brought in Winter session
जयराम रमेश, नेता, कांग्रेस - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

चंडीगढ़ से जुड़े एक संवैधानिक बिल को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। यह बिल एक दिन संसद की सूची में दिखाई दिया और अगले ही दिन सरकार ने कहा कि उसका तो इसे पेश करने का कोई इरादा ही नहीं। सरकार के इस 'यू-टर्न' ने कांग्रेस को कटाक्ष का मौका दे दिया और पार्टी ने केंद्र पर जमकर निशाना साधा।
Trending Videos


यह भी पढ़ें - नागरिकता: CAA के पीछे सरकार की मंशा क्या? रक्षा मंत्री ने पिछली सरकारों को दिखाया आईना, PM की नीति-सोच भी बताई
विज्ञापन
विज्ञापन


कांग्रेस का आरोप- सरकार की शैली- पहले घोषणा, बाद में सोच
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि शनिवार को संसद के बुलेटिन में संविधान (131वां संशोधन) विधेयक, 2025 सूचीबद्ध था। इसका उद्देश्य था- चंडीगढ़ के लिए एक पूर्णकालिक उपराज्यपाल (एलजी) नियुक्त करने का रास्ता साफ करना। पंजाब और कांग्रेस, दोनों ही इस प्रस्ताव के खिलाफ तुरंत खड़े हो गए। रमेश बोले, 'अब गृह मंत्रालय कह रहा है कि उसे सर्दियों के सत्र में कोई बिल लाने का इरादा नहीं है। यह सरकार की वही पुरानी शैली है, पहले घोषणा, बाद में सोच।'

गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण: 'न परंपरा बदलेगी, न संरचना'
केंद्र सरकार ने रविवार को साफ किया कि चंडीगढ़ को लेकर कोई बिल अभी सत्र में नहीं आएगा। मंत्रालय ने कहा कि, यह प्रस्ताव सिर्फ कानून बनाने की प्रक्रिया सरल करने के लिए था। चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के बीच चली आ रही परंपरागत व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा। फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। सभी हितधारकों से बातचीत के बाद ही आगे कदम उठाया जाएगा। इस सफाई के बाद मंत्रालय ने चिंता जताने की जरूरत न होने की बात दोहराई।

यह भी पढ़ें - SIR: 'बंगाल में चार बार दिया वोट', अवैध बांग्लादेशियों के चौंकाने वाले कबूलनामे; हाकिमपुर बॉर्डर पर उमड़ी भीड़

बिल को लेकर क्यों हंगामा हुआ?
सूचीबद्ध बिल का मकसद था, चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 के दायरे में शामिल करना। अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को उन केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विशेष कानून बनाने का अधिकार देता है, जिनकी अपनी विधानसभा नहीं होती, जैसे अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दादरा-नगर हवेली, दमन-दीव और कभी-कभी पुडुचेरी। चंडीगढ़ फिलहाल पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है और उसका प्रशासन उपराज्यपाल नहीं, बल्कि पंजाब के राज्यपाल की तरफ से ही संभाला जाता है। यही 'परंपरा' पंजाब के नेताओं के लिए बेहद संवेदनशील मुद्दा है। इसीलिए बिल के दिखते ही राजनीतिक तापमान बढ़ गया।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed