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CIC: पहली बार वंचित समुदाय से होंगे आठ में से पांच सूचना आयुक्त; राहुल का अनदेखी वाला दावा निराधार

अमर उजाला ब्यूरो Published by: पवन पांडेय Updated Fri, 12 Dec 2025 05:59 AM IST
सार

केंद्रीय सूचना आयोग में अब आठ में से पांच सूचना आयुक्त वंचित समुदाय से होंगे। गुरुवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समति ने पांच लोगों के नामों की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी है। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिला वर्ग के एक-एक सदस्य हैं। 

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For first time in the country, 5 out of 8 Information Commissioners in CIC will be from deprived community
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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देश में पहली बार केंद्रीय सूचना आयोग में आठ में से पांच सूचना आयुक्त वंचित समुदाय से होंगे। गुरुवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समति ने जिन आठ नामों की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी है उनमें अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिला वर्ग के एक-एक सदस्य हैं। इस संदर्भ में बुधवार को हुई बैठक में बतौर नेता प्रतिपक्ष समिति के सदस्य के रूप में उपस्थित रहे राहुल गांधी ने सांविधानिक और स्वायत्त संस्थाओं में नियुक्तियों के मामले में 90 फीसदी वंचित वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाया था। जबकि इसी बैठक में पहली बार वंचित वर्ग के ही सर्वाधिक उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया गया।
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बुधवार की बैठक में आते ही राहुल ने अनदेखी का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बीते करीब एक दशक में ऐसी नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के अनदेखी की जाती रही है। करीब 88 मिनट चली इस बैठक में उन्होंने इस स्थिति पर निराशा जताते हुए डिसेंट (असहमति) नोट भी दिया था। बैठक में तीसरे सदस्य के रूप में गृह मंत्री अमित शाह मौजूद थे।

नाम फिलहाल सार्वजनिक नहीं
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में मुख्य रूप से सूचना आयुक्त के खाली पड़े जिन आठ पदों के लिए नामों पर चर्चा हुई, उनमें सर्वाधिक वंचित समुदाय से थे। इसके बाद आठ में से पांच पदों केलिए वंचित समुदाय से जुड़े नामों की ही सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी गई। इनमें एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिला वर्ग से एक-एक नाम हैं। हालांकि सूची सार्वजनिक नहीं की और राष्ट्रपति की अधिसूचना का इंतजार करने के लिए कहा।

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यूपीए कार्यकाल में एक भी एससी-एसटी नहीं था
हालांकि तथ्य बताते हैं कि यूपीए-प्रथम और यूपीए-द्वितीय की सरकार में सूचना आयोग में एससी-एसटी वर्ग के एक भी व्यक्ति को मौका नहीं मिला। साल 2005 में गठित केंद्रीय सूचना आयोग में पहली बार मोदी सरकार के शासनकाल में 2018 में एसटी वर्ग के सुरेश चंद्रा सूचना आयुक्त बने। इसके दो साल के बाद 2020 में पहली बार एससी वर्ग के हीरालाल समारिया सूचना आयुक्त बने, जो बाद में मुख्य सूचना आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए।


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