SY Quraishi: 'वोट चोरी के आरोपों की जांच के बजाय राहुल पर गुस्सा क्यों?' पूर्व CEC ने की चुनाव आयोग की आलोचना
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने राहुल गांधी के वोट चोरी आरोपों पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया की जोरदार आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, उनकी बातों की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। कुरैशी ने चुनाव आयोग को केवल निष्पक्ष नहीं, बल्कि निष्पक्ष दिखने की भी सलाह दी।

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विपक्षी इंडिया गठबंधन की तरफ से केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर लगाए गए वोट चोरी के आरोपों के चलते देशभर की सियासत में गर्माहट है। मामले में दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी अपने चरम पर है। ऐसे में देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने मामले में आयोग की तरफ से आरोपों पर दी गई प्रतिक्रियाओं की आलोचना करते हुए पलटवार किया है। कुरेसी ने आयोग के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी वाले बयान पर चुनाव आयोग को गुस्से में प्रतिक्रिया देने के बजाय तथ्यों की जांच करवानी चाहिए थी।

राहुल के आरोपों पर आयोग की प्रतिक्रिया से जताई आपत्ति
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर आयोग की प्रतिक्रिया से आपत्ति जताते हुए कुरैशी ने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, कोई आम नागरिक नहीं। उन्होंने लाखों लोगों की भावना को उठाया है, ऐसे में चुनाव आयोग को उनकी बात गंभीरता से लेनी चाहिए थी न कि आपत्तिजनक भाषा में बात करनी चाहिए थी। कुरैशी ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग को सिर्फ निष्पक्ष होना ही नहीं, बल्कि दिखना भी चाहिए। अगर कोई शिकायत करता है, तो जांच करना आयोग की जिम्मेदारी बनती है, फिर चाहे शिकायत करने वाला आम नागरिक हो या विपक्ष का नेता।
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'मेरे समय में विपक्ष को प्राथमिकता मिलती थी'
एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षत्कार में कुरैशी ने याद दिलाया कि जब वे मुख्य चुनाव आयुक्त थे, उन्होंने अपने कर्मचारियों को निर्देश दे रखा था कि विपक्षी नेताओं को प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि वे सत्ता में नहीं होते और उनकी आवाज को भी सुना जाना चाहिए।
कुरैशी ने चुनाव आयोग को दी सलाह
कुरैशी ने चुनाव आयोग से आत्मचिंतन की सलाह दी। साथ ही कहा कि अगर विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है, तो ये एक गंभीर संकेत है कि संस्थान को सुधार की जरूरत है। इसके अलावा पूर्व सीईसी ने राहुल गांधी से हलफनामा मांगने की आलोचना करते हुए कहा कि अगर ऐसा ही रवैया रहा, तो कल विपक्ष भी चुनाव आयोग से हलफनामा मांगने लगेगा।
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क्या है पूरा मामला, समझिए
बता दें कि कुरैशी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने वोट चोरी के आरोपो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि राहुल गांधी को अपने आरोपों को लेकर सात दिनों में शपथ-पत्र देना होगा, वरना उनके वोट चोरी के दावे निराधार और अमान्य माने जाएंगे।
इससे पहले राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा वोट चोरी होने का दावा किया था। उन्होंने इसमें पांच तरीकों से धांधली होने की बात कही थी और यह भी कहा था कि ऐसे ही मामलों की अन्य राज्यों में भी जांच होनी चाहिए। इसके बाद राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार में वोटर अधिकार यात्रा भी निकाली, जिसमें उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से वोट चोरी का आरोप लगाया।