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Ceasefire: भारत-PAK सीजफायर के एलान पर MEA सचिव ट्रोल, समर्थन में उतरे नेता; NCW ने बेटी पर 'हमले' की निंदा की

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Mon, 12 May 2025 06:11 AM IST
सार

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। ट्रोलिंग से परेशान होकर उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट प्रोटेक्ट कर दिए, जिसके बाद अखिलेश यादव, ओवैसी और पूर्व राजनयिक मिस्री के समर्थन में सामने आए हैं।

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Former diplomat, politicians come out in support of FS Misri after he faces online trolling News In Hindi
विदेश सचिव विक्रम मिस्री (फाइल) - फोटो : ANI
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विस्तार
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भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद बीते 10 मई को अचानक से संघर्ष विराम की घोषणा हुई। इस घोषणा का दारोमदार विदेश सचिव विक्रम मिस्री के कंधों पर था। बीते सात मई से लगातार मीडिया के सामने आ रहे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य कार्रवाई और भारत सरकार की सख्ती के बारे में जानकारी दे रहे थे। हालांकि, जैसे ही 10 मई की शाम करीब छह बजे भारत-पाकिस्तान सीजफायर समझौते का एलान हुआ, इसके बाद से मिस्री को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा। इसके बाद मिस्री ने अपने एक्स अकाउंट के पोस्ट प्रोटेक्ट कर दिए। सबसे शर्मनाक पहलू ये है कि सोशल मीडिया ट्रोल्स ने मिस्री के परिवार और उनकी बेटी पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।

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विदेश सचिव भारत-पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा के बाद ट्रोल्स के निशाने पर आए
पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बेटी की ऑनलाइन ट्रोलिंग की निंदा करते हुए शालीनता और संयम बरतने का आह्वान किया। गौरतलब है कि मिस्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम पांच बजे से सीजफायर की घोषणा की थी। 10 मई की शाम करीब छह बजे जब मिस्री ने इसकी घोषणा की, इसी के बाद से उनके परिवार और विशेष रूप से उनकी बेटी को ऑनलाइन ट्रोल किया जाने लगा।
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खतरे में बेटी की सुरक्षा; NCW ने कहा- व्यक्तिगत हमले अस्वीकार्य
सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों का संज्ञान लेते हुए NCW चीफ विजया रहाटकर ने कहा कि युवती का व्यक्तिगत संपर्क विवरण साझा किया जाना निंदनीय और गैरजिम्मेदाराना कृत्य है। आयोग ने इसे गोपनीयता के गंभीर उल्लंघन का मामला भी बताया, जिससे विक्रम मिस्री की बेटी की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। रहाटकर ने कहा कि ऐसे वरिष्ठ नौकरशाह को परिवार के सदस्यों पर व्यक्तिगत हमले अस्वीकार्य होने के साथ-साथ नैतिक रूप से भी अक्षम्य हैं। बढ़ती ट्रोलिंग के बीच कई दिग्गज नेता और पूर्व अधिकारी मिस्री के समर्थन में सामने आए। 

मिस्री के समर्थन में आए अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री के ट्रोलिंग के विरोध में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से उन ईमानदार अधिकारियों का मनोबल टूटता है जो देश के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।

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उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां तय करने की जिम्मेदारी सरकार की होती है, किसी एक अधिकारी की नहीं। कुछ असामाजिक और आपराधिक तत्व खुलेआम अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार और उसके मंत्री उनकी इज्जत बचाने या ऐसे लोगों पर कार्रवाई की बात नहीं कर रहे।

पूर्व विदेश सचिव ने दिया समर्थन
अखिलेश के बाद पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव ने भी सोशल मीडिया पर मिस्री के विरोध में हो रहे ट्रोलिंग को बहुत शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि विक्रम मिस्री और उनके परिवार को निशाना बनाना सभी मर्यादाओं को लांघना है। वो एक समर्पित और पेशेवर अधिकारी हैं जिन्होंने देश की सेवा पूरी ईमानदारी से की है। उन्होंने आगे कहा कि मिस्री की बेटी की निजी जानकारी (डॉक्सिंग) सोशल मीडिया पर साझा करना और उनके परिवार को गालियां देना बहुत ही गलत और खतरनाक चलन है।

ओवैसी ने भी दिया समर्थन
वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विक्रम मिस्री का समर्थन किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा कि विक्रम मिस्री एक ईमानदार, मेहनती और देशभक्त अधिकारी हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि सिविल सर्वेंट सरकार के अधीन काम करते हैं, न कि अपने फैसले खुद लेते हैं। ओवैसी ने कहा कि किसी राजनयिक को राजनीतिक फैसलों के लिए दोषी ठहराना गलत है।

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भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद संघर्ष विराम की घोषणा हुई। ये घोषणा दोनों देशों के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की सैन्य कार्रवाई तुरंत रोकने को लेकर था। इस समझौते से पहले चार दिन तक सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमलों से तनाव काफी बढ़ गया था और युद्ध जैसे हालात बन गए थे।

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