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Everest: चाय की दुकान से माउंट एवरेस्ट तक का सफर, हौसलों की ऊंची उड़ान की कहानी है रिफिनीस वारजरी की
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिलॉन्ग
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 16 Jul 2025 12:04 PM IST
सार
रिफिनीस ने कहा, 'मैं युवाओं, खासकर लड़कियों को यह दिखाना चाहती हूं कि हम बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें साकार भी कर सकते हैं। भले ही हम छोटी शुरुआत करें।'
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रिफाइनीस वारजरी
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
सड़क किनारे चाय और नूडल्स परोसने से लेकर सभी सातों महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने का सपना, मेघालय की रिफिनीस वारजरी की कहानी हौसलों की ऊंची उड़ान की कहानी है। 20 साल की पर्वतारोही वारजरी ने हाल ही में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर कीर्तिमान रच दिया है। इसके साथ ही वारजरी मेघालय की सबसे युवा पर्वतारोही बन गई हैं, जो माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी हैं।
रिफिनीस अभी भी अपनी मां की चाय की दुकान पर काम करती हैं
रिफिनीस अपनी इस उपलब्धि पर गौरवान्वित हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने अपने पैरों को जमीन पर ही रखा है। न केवल शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक ताकत, बल्कि उनकी विनम्रता और गर्मजोशी भरे स्वभाव ने भी कई लोगों का दिल जीत लिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में रिफिनीस ने उम्मीद जताई कि उनकी यात्रा कई लोगों को प्रेरित करेगी, खासकर उन महिलाओं को जो छोटे शहरों या पिछड़े परिवारों से आती हैं और बड़े सपनों का पीछा कर रही हैं। रिफिनीस का जन्म मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के नॉन्गथिमाई इलाके में हुआ था, लेकिन अब रिफिनीस और उनका परिवार शिलॉन्ग के बाहरी इलाके में रहता है। रिफिनीस एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनकी मां सड़क किनारे चाय और नूडल्स की दुकान चलाती हैं। वहीं उनके पिता चिकन बेचते हैं।
विनम्र रहना सिखाते हैं पहाड़
माउंट एवरेस्ट नापने के बाद रिफिनीस को कई सम्मान और पहचान मिल चुकी है, लेकिन अभी भी रिफिनीस ने अपने आप को विनम्र बनाए रखा है और वे अभी भी अपनी मां की दुकान पर काम करती हैं। जहां वे टेबल साफ करने से लेकर लोगों को चाय परोसने जैसे काम करती हैं। रिफिनीस ने कहा कि 'पहाड़ हमें विनम्र रहना सिखाते हैं। जब मैं माउंट एवरेस्ट पर खड़ी थी तो मुझे अहसास हुआ कि हम कितने छोटे और महत्वहीन हैं। ये एक सबक है, जिसे मैं साथ लेकर आई हूं और इसे सभी के साथ साझा कर रही हूं।'
ये भी पढ़ें- Meghalaya Smuggling: मवेशी तस्करों के हमले में दो BSF जवान घायल, मेघालय में भारत-बांग्लादेश सीमा पर हुई घटना
'बड़े सपने देखते रहें'
रिफिनीस की सफलता पर उसके परिजन भी बेहद खुश और गौरवान्वित हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की रिफिनीस को कोई सरकारी नौकरी मिल जाए ताकि वह अपने परिवार की मदद कर सके। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वे नहीं चाहते कि रिफिनीस अब सपने देखना बंद कर दे। रिफिनीस की बहन उसकी सफलता से बेहद खुश है। वंचित परिवारों के बच्चों के लिए अपने संदेश में रिफिनीस ने कहा कि 'आपकी पृष्ठभूमि आपकी महत्वाकांक्षा को कभी सीमित नहीं करनी चाहिए। खुद पर विश्वास रखें और आगे बढ़ते रहें।'
सीएम और रक्षा मंत्री ने भी की तारीफ
रिफिनीस की सफलता पर मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने उन्हें सम्मानित किया। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बधाई दी और रिफिनीस को भारत की युवा पीढ़ी के जुझारूपन का उदाहरण बताया। कई सरकारी विभाग भी रिफिनीस को सम्मानित कर चुके हैं।
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रिफिनीस अभी भी अपनी मां की चाय की दुकान पर काम करती हैं
रिफिनीस अपनी इस उपलब्धि पर गौरवान्वित हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने अपने पैरों को जमीन पर ही रखा है। न केवल शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक ताकत, बल्कि उनकी विनम्रता और गर्मजोशी भरे स्वभाव ने भी कई लोगों का दिल जीत लिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में रिफिनीस ने उम्मीद जताई कि उनकी यात्रा कई लोगों को प्रेरित करेगी, खासकर उन महिलाओं को जो छोटे शहरों या पिछड़े परिवारों से आती हैं और बड़े सपनों का पीछा कर रही हैं। रिफिनीस का जन्म मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के नॉन्गथिमाई इलाके में हुआ था, लेकिन अब रिफिनीस और उनका परिवार शिलॉन्ग के बाहरी इलाके में रहता है। रिफिनीस एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनकी मां सड़क किनारे चाय और नूडल्स की दुकान चलाती हैं। वहीं उनके पिता चिकन बेचते हैं।
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विनम्र रहना सिखाते हैं पहाड़
माउंट एवरेस्ट नापने के बाद रिफिनीस को कई सम्मान और पहचान मिल चुकी है, लेकिन अभी भी रिफिनीस ने अपने आप को विनम्र बनाए रखा है और वे अभी भी अपनी मां की दुकान पर काम करती हैं। जहां वे टेबल साफ करने से लेकर लोगों को चाय परोसने जैसे काम करती हैं। रिफिनीस ने कहा कि 'पहाड़ हमें विनम्र रहना सिखाते हैं। जब मैं माउंट एवरेस्ट पर खड़ी थी तो मुझे अहसास हुआ कि हम कितने छोटे और महत्वहीन हैं। ये एक सबक है, जिसे मैं साथ लेकर आई हूं और इसे सभी के साथ साझा कर रही हूं।'
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'बड़े सपने देखते रहें'
रिफिनीस की सफलता पर उसके परिजन भी बेहद खुश और गौरवान्वित हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की रिफिनीस को कोई सरकारी नौकरी मिल जाए ताकि वह अपने परिवार की मदद कर सके। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वे नहीं चाहते कि रिफिनीस अब सपने देखना बंद कर दे। रिफिनीस की बहन उसकी सफलता से बेहद खुश है। वंचित परिवारों के बच्चों के लिए अपने संदेश में रिफिनीस ने कहा कि 'आपकी पृष्ठभूमि आपकी महत्वाकांक्षा को कभी सीमित नहीं करनी चाहिए। खुद पर विश्वास रखें और आगे बढ़ते रहें।'
सीएम और रक्षा मंत्री ने भी की तारीफ
रिफिनीस की सफलता पर मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने उन्हें सम्मानित किया। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बधाई दी और रिफिनीस को भारत की युवा पीढ़ी के जुझारूपन का उदाहरण बताया। कई सरकारी विभाग भी रिफिनीस को सम्मानित कर चुके हैं।
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