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Ganga Water: 'महाकुंभ के दौरान और उसके बाद भी गंगाजल की शुद्धता पर नहीं आई आंच', सरकार ने कहा- गुणवत्ता बरकरार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 24 Jul 2025 08:09 PM IST
सार
Ganga Water Quality: गंगा की शुद्धता को लेकर जो दावे पुराने समय से किए जाते रहे हैं। उस पर महाकुंभ 2025 के दौरान कई सवाल उठाए गए। अब मामले में केंद्र सरकार ने कहा है कि महाकुंभ के दौरान और उसके बाद गंगा का जल सुरक्षित मानक की सीमा के अंदर रही है।
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प्रयागराज में महाकुंभ मेला (जनवरी 2024)
- फोटो : ANI
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विस्तार
केंद्र सरकार ने कहा है कि प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान और उसके बाद गंगा नदी की जल गुणवत्ता नहाने के लिए सुरक्षित मानकों के भीतर रही। जल शक्ति मंत्रालय ने लोकसभा में बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने गंगा के आठ प्रमुख घाट, जैसे श्रृंगवेरपुर, संगम और दीहा घाट, पर जल की गुणवत्ता की निगरानी की। इसमें पीएच, घुलित ऑक्सीजन (डीओ), बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और फैकल कॉलिफॉर्म (एफसी) जैसे सभी मानक सुरक्षित स्तर पर पाए गए।
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12 जनवरी से 20 फरवरी तक की गई निगरानी
यह निगरानी 12 जनवरी से 20 फरवरी 2025 तक अमृत स्नान और उससे जुड़ी तिथियों के दौरान की गई। मंत्रालय ने बताया कि मेले के दौरान 250 किलोमीटर लंबी अस्थायी ड्रेनेज, बायोरिमीडिएशन तालाब और मोबाइल सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्रों का इस्तेमाल किया गया। वहीं, मेला खत्म होने के बाद सभी व्यवस्थाओं को सुरक्षित तरीके से हटाया और भविष्य में पुनः उपयोग के लिए संग्रहित किया गया।
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अब तक 502 परियोजनाओं में से 323 पूरी
'नमामि गंगे' योजना के तहत अब तक 502 परियोजनाओं में से 323 पूरी हो चुकी हैं, 150 पर काम जारी है और 29 टेंडर प्रक्रिया में हैं। एक स्वतंत्र मूल्यांकन में भी इस कार्यक्रम को प्रदूषण में कमी और स्थानीय भागीदारी के लिए सफल बताया गया है। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, सकारात्मक परिणाम मेले के दौरान लागू की गई स्वच्छता और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्रणालियों की प्रभावशीलता को दर्शाते हैं।
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12 जनवरी से 20 फरवरी तक की गई निगरानी
यह निगरानी 12 जनवरी से 20 फरवरी 2025 तक अमृत स्नान और उससे जुड़ी तिथियों के दौरान की गई। मंत्रालय ने बताया कि मेले के दौरान 250 किलोमीटर लंबी अस्थायी ड्रेनेज, बायोरिमीडिएशन तालाब और मोबाइल सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्रों का इस्तेमाल किया गया। वहीं, मेला खत्म होने के बाद सभी व्यवस्थाओं को सुरक्षित तरीके से हटाया और भविष्य में पुनः उपयोग के लिए संग्रहित किया गया।
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अब तक 502 परियोजनाओं में से 323 पूरी
'नमामि गंगे' योजना के तहत अब तक 502 परियोजनाओं में से 323 पूरी हो चुकी हैं, 150 पर काम जारी है और 29 टेंडर प्रक्रिया में हैं। एक स्वतंत्र मूल्यांकन में भी इस कार्यक्रम को प्रदूषण में कमी और स्थानीय भागीदारी के लिए सफल बताया गया है। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, सकारात्मक परिणाम मेले के दौरान लागू की गई स्वच्छता और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्रणालियों की प्रभावशीलता को दर्शाते हैं।