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Nimesulide: सरकार ने दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड के उत्पादन पर लगाया बैन, सभी ओरल दवाओं की बिक्री पर भी रोक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 31 Dec 2025 03:10 PM IST
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सार
Nimesulide: सरकार ने लोकप्रिय दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड के निर्माण, वितरण और बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, निमेसुलाइड की ऐसी उन सभी खाने वाली दवाओं की बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें तय सीमा से अधिक मात्रा होती है।
दवा (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
कार ने दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही, निमेसुलाइड की ऐसी सभी खाने वाली (ओरल) दवाओं की बिक्री और वितरण भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिनमें 100 मिलीग्राम से अधिक मात्रा होती है। यह प्रतिबंध 1940 के औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धारा 26ए के तहत ड्रग्स तकनीकी सलाहकार बोर्ड से परामर्श के बाद लगाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड दवाओं के इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य को जोखिम हो सकता है और इनके सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसको लेकर 29 दिसंबर 2025 को अधिसूचना जारी की। मंत्रालय ने बताया कि निइमेसुलाइड की 100 मिलीग्राम से ज्यादा मात्रा वाली ओरल दवाएं मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम हो सकती हैं, जबकि इसके सुरक्षित विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं। इसी वजह से जनहित में यह कदम उठाया गया है।
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सरकार ने स्पष्ट कहा कि यह प्रतिबंध औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत लगाया गया है और यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इसके तहत देश में निमेसुलाइड की तय मात्रा से अधिक वाली ओरल दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण पूरी तरह बंद रहेगा। इससे पहले मंत्रालय ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 में संशोधन का मसौदा भी जारी किया था और इस पर आम लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे। तय समय के भीतर मिले सुझावों पर विचार करने के बाद सरकार ने यह अंतिम फैसला लिया।
सरकार का कहना है कि यह कदम लोगों की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है और दवाओं के इस्तेमाल में किसी भी संभावित खतरे को रोकने के मकसद से उठाया गया है।
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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसको लेकर 29 दिसंबर 2025 को अधिसूचना जारी की। मंत्रालय ने बताया कि निइमेसुलाइड की 100 मिलीग्राम से ज्यादा मात्रा वाली ओरल दवाएं मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम हो सकती हैं, जबकि इसके सुरक्षित विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं। इसी वजह से जनहित में यह कदम उठाया गया है।
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सरकार ने स्पष्ट कहा कि यह प्रतिबंध औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत लगाया गया है और यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इसके तहत देश में निमेसुलाइड की तय मात्रा से अधिक वाली ओरल दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण पूरी तरह बंद रहेगा। इससे पहले मंत्रालय ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 में संशोधन का मसौदा भी जारी किया था और इस पर आम लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे। तय समय के भीतर मिले सुझावों पर विचार करने के बाद सरकार ने यह अंतिम फैसला लिया।
सरकार का कहना है कि यह कदम लोगों की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है और दवाओं के इस्तेमाल में किसी भी संभावित खतरे को रोकने के मकसद से उठाया गया है।
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