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GST तो फायदेमंद पर एक गलती हुई तो पड़ेगा पछताना
amarujala.com, Presented By: विकास जांगड़ा
Updated Tue, 21 Mar 2017 11:06 AM IST
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GST BILL
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कैबिनेट में पास हो चुका जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) सबसे बड़ा टैक्स रिफोर्म है। यह काफी फायदेमंद है, लेकिन एक इस गलती के कारण पछताना पड़ सकता है।
अभी तक एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुएं ले जाने पर केंद्र सरकार की ओर से आठ तो राज्य सरकार की ओर से नौ प्रकार के अलग-अलग टैक्स वसूल किए जाते थे। इन्हें मिलाकर अब एक ही कर दिया है, लेकिन इसमें रिटर्न भरने के दौरान कोई गलती हुई तो वह काफी महंगी पड़ेगी। इसके लिए जुर्माना भी देना पड़ेगा पर यह कुछ हद तक रिफंड भी हो जाएगा।
ऐसा मानना है सीए रोहिणी अग्रवाल का। उन्होंने कहा कि जीएसटी में रिटर्न को तीन भागों में बांटा गया है। पहले चरण के तहत महीने की 10 तारीख इसके बाद 15 और 20 तक रिटर्न भरना होता है। अभी तक सर्विस और एक्साइज टैक्स के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन होते थे, लेकिन जीएसटी में एक ही रजिस्ट्रेशन होगा।
आयुक्त हिमांशु गुप्ता ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में जीएसटी लगभग 150 देशों में लागू हो चुका है। टैक्स के लागू होने से हमें व्यापारिक नीतियां बनाने में सुविधा होगी। सन 1944 में एक्साइज टैक्स का कानून बना था, जिसमें आज भी कई परेशानियां आती हैं। एक जुलाई को जीएसटी के लागू होने से देश की जीडीपी ग्रोथ एक साल में दो से तीन प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए व्यापारी का पेन कार्ड होना बहुत जरूरी है। एक पेन कार्ड से अधिकतम 35 रजिस्ट्रेशन हो सकते हैं। जीएसटी से मिला रजिस्ट्रेशन नंबर 15 अंकों का होता है। इसमें पहले दो नंबर स्टेट कोड के होते हैं। इसके बाद तीन से 11 तक पेन कार्ड का नंबर होगा। इसके बाद इनटाइटी कोड, दो खाली और एक चेक डिजिट होगा।

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ऐसा मानना है सीए रोहिणी अग्रवाल का। उन्होंने कहा कि जीएसटी में रिटर्न को तीन भागों में बांटा गया है। पहले चरण के तहत महीने की 10 तारीख इसके बाद 15 और 20 तक रिटर्न भरना होता है। अभी तक सर्विस और एक्साइज टैक्स के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन होते थे, लेकिन जीएसटी में एक ही रजिस्ट्रेशन होगा।
आयुक्त हिमांशु गुप्ता ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में जीएसटी लगभग 150 देशों में लागू हो चुका है। टैक्स के लागू होने से हमें व्यापारिक नीतियां बनाने में सुविधा होगी। सन 1944 में एक्साइज टैक्स का कानून बना था, जिसमें आज भी कई परेशानियां आती हैं। एक जुलाई को जीएसटी के लागू होने से देश की जीडीपी ग्रोथ एक साल में दो से तीन प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए व्यापारी का पेन कार्ड होना बहुत जरूरी है। एक पेन कार्ड से अधिकतम 35 रजिस्ट्रेशन हो सकते हैं। जीएसटी से मिला रजिस्ट्रेशन नंबर 15 अंकों का होता है। इसमें पहले दो नंबर स्टेट कोड के होते हैं। इसके बाद तीन से 11 तक पेन कार्ड का नंबर होगा। इसके बाद इनटाइटी कोड, दो खाली और एक चेक डिजिट होगा।