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Ahmedabad: हड़ताल पर सिविल अस्पताल के 1200 रेजिडेंट डॉक्टर, भत्ता बढ़ाने की मांग; स्वास्थ्य सुविधाएं हुई बदहाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: पवन पांडेय Updated Mon, 02 Sep 2024 07:24 PM IST
सार

गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल के लगभग 1,200 रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

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Gujarat: 1200 Ahmedabad civil hospital resident doctors go on strike over stipend hike
डॉक्टरों की हड़ताल (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : ANI
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अहमदाबाद में आज स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित रही, दरअसल भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर सिविल अस्पताल के 1200 रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। वहीं इस हड़ताल के मद्देनजर प्रशासन द्वारा वैकल्पिक प्रबंध करने के बाद भी अस्पताल में सेवाएं प्रभावित रहीं। मरीजों और उनके परिजनों ने असवारा स्थित इस अस्पताल में लंबे इंतजार की शिकायत की। यह अस्पताल बी जे मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है और राज्य में सबसे बड़ा अस्पताल है।
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समाधान मिलने तक जारी रहेगा हड़ताल
रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि जब तक इस मामले में बेहतर समाधान नहीं मिल जाता है तब तक हड़ताल के तहत वे 'ट्रॉमा सेंटर', आपात चिकित्सा केंद्र और बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) समेत सभी विभागों के काम से दूर रहेंगे।
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'विभाग ने 40% मानदेय बढ़ाने पर जताई थी सहमति'
वहीं बीजे मेडिकल कॉलेज के 'जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन' के अध्यक्ष डॉ. धावल गामेटी ने कहा, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने हर तीन साल पर 40 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने पर सहमति जताई थी। यह बढ़ोत्तरी एक अप्रैल से लागू होनी थी। हालांकि, जुलाई तक इसे लागू नहीं किया गया, जिसके बाद हमने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल से मुलाकात की। इसके लागू होने का आश्वासन मिलने के बाद हमने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।

सरकार अपने वादे से मुकर गई- गामेटी
उन्होंने दावा किया, हम अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो गए हैं, क्योंकि हमें पता चला है कि राज्य सरकार ने केवल 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है, जो वादे से आधी है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने अब कहा है कि मानदेय तीन साल की जगह हर पांच साल में संशोधित की जाएगी। यह हमें मंजूर नहीं है क्योंकि सरकार अपने वादे से मुकर गई है।

मरीज और तीमारदार हो रहे हैं हलकान
जिले में इस हड़ताल के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। एक शख्स ने कहा कि वह अपने एक रिश्तेदार को पीलिया का इलाज करवाने लाए थे लेकिन उससे कहा गया कि डॉक्टर ही नहीं हैं। मरीज ने कहा, बरामदें में कई घंटे तक इंतजार करने के बाद अब हमें दूसरे दिन इलाज कराने आना होगा।

कई अन्य जिलों से बुलाए गए हैं डॉक्टर
वहीं सिविल अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक रजनीश पटेल ने कहा, सभी चिकित्सा और गैर चिकित्सा कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। हमने मरीजों की देखभाल के लिए ड्यूटी में फेरबदल किया गया है। हमने कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए अन्य जिला अस्पतालों से डॉक्टर बुलाए हैं। फिलहाल 130 चिकित्सा अधिकारी ड्यूटी पर हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने की रेजिडेंट डॉक्टरों की आलोचना
इधर एक बयान में स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने 40 प्रतिशत वृद्धि की मांग को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों की आलोचना की। मंत्री ने कहा, एक सितंबर से हमने 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है। गुजरात में रेजिडेंट डॉक्टरों को दी जाने वाला मानदेय देश में सबसे अधिक है। इस बढ़ोतरी के साथ डॉक्टरों को अब लगभग 1.30 लाख रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। कई राज्यों में मानदेय 40,000 रुपये से लेकर 70,000 रुपये प्रति माह तक है। इसके अलावा, यह मानदेय पूरी तरह से कर मुक्त है।


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