Health Ministry: सरकार की रडार पर छह वेबसाइट्स, राज्यों से ई-सिगरेट प्रतिबंध के उल्लंघन की जानकारी देने को कहा
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि ऐसा लगता है कि मई में लॉन्च किए गए पोर्टल के बारे में लोगों के बीच जागरूकता की कमी है। कोई भी इस पोर्टल पर जानकारी दे सकता है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ई-सिगरेट के विज्ञापन और बिक्री पर भी बारीकी से नजर रख रहा है।

विस्तार
देश में ई-सिगरेट पर साल 2019 से बैन लगा हुआ है। फिर भी कुछ ऑनलाइन शॉपिंग साइटों और खुदरा दुकानों पर धड़ल्ले से इसे बेचा जा रहा है। अब केंद्र सरकार ने सख्ती करते हुए राज्यों से अपने पोर्टल पर ई-सिगरेट प्रतिबंध के उल्लंघन की जानकारी देने को कहा है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जानकारी एकत्र करने और रिपोर्ट किए गए उल्लंघनों पर त्वरित कार्रवाई करने में पोर्टल (www.violation-reporting.in) मदद करेगा।

15 वेबसाइटों को भेजा था नोटिस
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (PECA) 2019 में लागू हुआ था। इसके अंतर्गत ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर बैन लगाया गया है। बता दें, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के लिए उसी दिन आदेश जारी किया था, जिस दिन केंद्र ने ई-सिगरेट बेचने वाली 15 वेबसाइटों को नोटिस भेजा था। इसमें उन्हें प्रतिबंधित उत्पादों के विज्ञापन और बिक्री को रोकने का निर्देश दिया गया था।
मई में किया गया था पोर्टल लॉन्च
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि ऐसा लगता है कि मई में लॉन्च किए गए पोर्टल के बारे में लोगों के बीच जागरूकता की कमी है। कोई भी व्यक्ति वेबसाइट पर पीईसीए और सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम-2003 के उल्लंघन की रिपोर्ट कर सकता है। अधिकारियों ने कहा कि छह और वेबसाइटें रडार पर हैं। मंत्रालय सोशल मीडिया पर ई-सिगरेट के विज्ञापन और बिक्री पर भी बारीकी से नजर रख रहा है और जल्द ही उन्हें नोटिस भेज सकता है।
प्रतिबंधित होने के बाद भी उपलब्ध
मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे अपने पत्र में कहा कि यह सूचित किया जाता है कि COTPA-2003 और PECA-2019 के तहत ऑनलाइन उल्लंघनों की सूचना उक्त पोर्टल पर की जा सकती है। वहीं, वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी भावना मुखोपाध्याय ने कहा कि ई-सिगरेट और इसी तरह के उत्पाद युवाओं को निकोटीन की ओर आकर्षित करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह चिंताजनक है कि एक प्रतिबंधित उत्पाद इतनी आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुरू की गई वेबसाइट, प्रतिबंधित उत्पाद के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम करती है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकारों को ई-सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए समान कदम उठाने चाहिए।
बाजार में आसानी से उपलब्ध
वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यक्रम प्रबंधक बिनॉय मैथ्यू ने कहा कि स्कूली बच्चों सहित युवाओं में ई-सिगरेट का बड़े पैमाने पर उपयोग देखा गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि ई-सिगरेट पर प्रतिबंध होने के बाद भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है। मैथ्यू ने प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए वेबसाइट लॉन्च करने के स्वास्थ्य मंत्रालय के कदम का स्वागत किया। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के वकील रंजीत सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय के कदम की सराहना की।