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Hit and Run: किसान आंदोलन की तरह BJP के गले की फांस बन जाते ड्राइवर, इस खुफिया अलर्ट ने उड़ाई थी सरकार की नींद

Jitendra Bhardwaj जितेंद्र भारद्वाज
Updated Wed, 03 Jan 2024 02:25 PM IST
सार
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को ट्रक ड्राइवर हड़ताल के दौरान खुफिया अलर्ट मिला था। कुछ राजनीतिक दल, इस हड़ताल को किसान आंदोलन की तरह आगे बढ़ाना चाहते थे। खासतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, ओडिशा, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु सहित कई दूसरे राज्यों में इस हड़ताल को लंबा खींचने की तैयारी हो रही थी...
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Hit and Run: Central government received intelligence input Like the farmers protest about drivers protest
Hit and Run - फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht

विस्तार
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देश में 'हिट एंड रन' के नए कानून को लेकर ट्रक/बस चालकों की हड़ताल का असर आम जनजीवन पर पड़ने लगा था। इसके अलावा देश में दो बड़े आयोजन भी थे। एक, 22 जनवरी को अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह और दूसरा, देशभर में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस कार्यक्रम। केंद्र सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, इस मामले में एक खुफिया अलर्ट भी मिला था। वह अलर्ट ऐसा था, जिसने सरकार की नींद उड़ा दी थी। उसके चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय को फौरी तौर से अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक करनी पड़ी। उस अलर्ट में ऐसी आशंका जताई गई थी कि देश में कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े लोग 'ट्रक/बस ड्राइवर हड़ताल' को किसान आंदोलन की तर्ज पर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में इस हड़ताल ने उग्र रूप लेना शुरू कर दिया था।  

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, 'ड्राइवर ही देश के ड्राइवर बदल देंगे'। यादव ने कहा, ड्राइवरों का दर्द वही समझ सकता है, जिन्होंने उनके साथ रोटी साझा की है। ड्राइवरों के खिलाफ लाए गए 'काले कानून' के विरोध में हमारी तरह देश-प्रदेश की जनता भी ड्राइवरों के साथ खड़ी है। इस मामले में दंभी भाजपा सरकार को बैक गियर भी डालना होगा और यू-टर्न भी करना होगा। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिट एंड रन कानून और ट्रक ड्राइवरों के प्रदर्शन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि बिना चर्चा के कानून बनाने की जिद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है। जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया, जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्टी में झोंकना, उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इस कानून का दुरुपयोग, संगठित भ्रष्टाचार के साथ वसूली तंत्र को बढ़ावा दे सकता है। लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार शहंशाह के फरमान और न्याय के बीच का फर्क भूल चुकी है। प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में केंद्र सरकार को घेरने का प्रयास किया।

सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को ट्रक ड्राइवर हड़ताल के दौरान खुफिया अलर्ट मिला था। कुछ राजनीतिक दल, इस हड़ताल को किसान आंदोलन की तरह आगे बढ़ाना चाहते थे। खासतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, ओडिशा, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु सहित कई दूसरे राज्यों में इस हड़ताल को लंबा खींचने की तैयारी हो रही थी। राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने के अलावा रेलवे ट्रैक पर भी भारी वाहन खड़ा करने का अलर्ट सामने आया था। अगर यह हड़ताल आगे बढ़ती, तो केंद्र सरकार के दो बड़े आयोजनों पर संकट मंडरा सकता था। एक, राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और दूसरा गणतंत्र दिवस समारोह। देशभर से लाखों लोग अयोध्या पहुंचेंगे। हड़ताल के दौरान वहां पर जरूरी सामान और निर्माण से जुड़ी वस्तुओं का पहुंचना मुश्किल हो जाता। इस तरह के अलर्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय सतर्क हो गया। सबसे पहले ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से संपर्क साधा गया। आनन फानन में एसोसिएशन अध्यक्ष राजेंद्र कपूर के माध्यम से एक अपील जारी की गई। राजेंद्र कपूर ने सभी परिवहन चालकों और स्वामियों से अपील करते हुए कहा, इस विषय में बातचीत से हल संभव है। सभी लोग धैर्य से काम लें। ये कानून अगर लागू भी होंगे तो वे एक अप्रैल 2024 से अस्तित्व में आएंगे। सरकार के समक्ष मजबूती से ड्राइवरों का पक्ष रखा जाएगा।

मंगलवार को देर शाम हिट एंड रन के नए कानून को लेकर अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस और गृह मंत्रालय के बीच लंबी बातचीत हुई। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भी अपना बयान जारी कर दिया। उन्होंने कहा, हमने आज अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की है। सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। हम ये भी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद ट्रक/बस ड्राइवरों की हड़ताल वापस ले ली गई। नए कानून के मुताबिक, अगर हिट एंड रन से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और आरोपी ड्राइवर पुलिस को सूचित किए बिना ही मौके पर फरार हो जाता है, तो उसे 10 साल की जेल की सजा हो सकती है। सात लाख रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। इस मामले में आरोपी ड्राइवर को पुलिस थाने से जमानत नहीं मिलेगी। पहले वाला कानून बेहद नरम था। उसमें लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण किसी व्यक्ति की मौत होती है तो उस पर अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है। आरोपी ड्राइवर को थाने से जमानत भी मिल जाती है।

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