कोरोना वायरस को बिना मास्क ऐसे बाय-बाय बोल रहे हैं एक करोड़ ट्रक ड्राइवर
कोरोना वायरस, इससे सब लोग अपने-अपने तरीके से निपट रहे हैं। कोई मास्क पहनकर तो कोई सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर खुद को इसकी चपेट में आने से बचा रहा है। जिनको शक होता है कि उनके शरीर में कोरोना जैसे लक्ष्ण हैं, वे अपना टेस्ट कराकर क्वारंटाइन केंद्र में चले जाते हैं। इन सबके बीच देश में एक करोड़ से ज्यादा ट्रकों को दौड़ाने वाले ड्राइवर भी हैं। ये भी खुद को कोरोना से बचा रहे हैं। इनके पास न तो मास्क है और न ही सेनेटाइजर जैसा कोई आइटम। ये ड्राइवर हर पचास किलोमीटर पर ट्रक रोकते हैं और साबुन से मुंह हाथ धोते हैं। देश की सप्लाई चेन बाधित न हो, इसे ध्यान में रखते हुए ये लोग छुट्टी भी नहीं ले रहे हैं।सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन कर ट्रक ड्राइवर कोरोना वायरस को बाय-बाय कह रहे हैं।
आल इंडिया ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन प्रदीप सिंघल के अनुसार, देश में करीब एक करोड़ ट्रक हैं। इतने ही ड्राइवर हैं। अगर इनमें क्लीनर को जोड़ दें तो यह संख्या डेढ़ करोड़ के पार चली जाती है। अभी तक ट्रक व्यवसाय पर कोरोना वायरस का कहीं कोई बड़ा असर नजर नहीं आता। जैसे जैसे माल आता है, हम लोग बिना किसी देरी के उसे डिलिवर कर देते हैं। पिछले दिनों एसोसिएशन ने अपनी सभी क्षेत्रीय इकाइयों के साथ बैठक कर ड्राइवरों के लिए एक एडवायजरी जारी की थी। इसमें ड्राइवरों से कहा गया कि वे कोरोना को लेकर खुद निर्णय ले सकते हैं। हालांकि अधिकांश ड्राइवर एसोसिएशन के साथ खड़े नजर आए। ड्राइवरों का कहना था कि सभी चालकों ने एक ही मूल मंत्र अपनाने की बात कही। वे मास्क या सेनेटाइजर लेने की स्थिति में नहीं हैं। हर पचास किलोमीटर पर गाड़ी रोक कर मुंह हाथ धो लेंगे।
प्रदीप सिंघल का कहना है कि ये ट्रक ड्राइवरों का एक बड़ा फैसला है कि वे कोरोना के चलते अवकाश नहीं लेंगे। ऐसे नहीं है कि ट्रांसपोर्टरों के पास कोई आर्डर नहीं आ रहा है। पहले की तरह आर्डर आ रहे हैं। हमारा काम भी तो ऐसा है कि घर बैठकर नौकरी नहीं हो सकती। अभी केवल आयात का सामान नहीं आ रहा है। इनमें ज़्यादातर गाड़ियां और कुछ इलेक्ट्रॉनिक आइटम आदि शामिल हैं।इनकी डिलिवरी पूरी तरह बंद नहीं हुई है, केवल देरी हो रही है। अच्छी बात यह है कि कोरोना वायरस जिस तरह से फैल रहा है, उसमें हमारे ड्राइवर, ट्रक से दूर नहीं जा रहे हैं। वे अपने हाथ धो कर ट्रक चला रहे हैं। ये ड्राइवर अपने जितने भी साथियों से मिलते हैं, उनसे हाथ धोने की बात कह देते हैं। खास बात है कि खाना खाने से पहले ही नहीं, ये ड्राइवर हर पचास किलोमीटर पर ट्रक रोक कर साबुन से पहले हाथ धोते हैं और उसके बाद चेहरा। इसी वजह से ये ट्रक ड्राइवर कोरोना को मात देने में कामयाब हो रहे हैं।