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यदि एफ-21 जेट का ठेका मिला, तो दूसरे मुल्कों को नहीं बेचेंगे : लॉकहीड मार्टिन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव द्विवेदी
Updated Tue, 14 May 2019 05:43 AM IST
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एफ-21 जेट (फाइल फोटो)
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अमेरिका में विमान बनाने वाली दिग्गज कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने कहा है कि यदि भारतीय वायु सेना से 114 एफ-21 लड़ाकू विमान का करार हुआ, तो वह किसी और देश को यह जेट नहीं बेचेगी। दरअसल इसके जरिये कंपनी का मकसद अपने अमेरिकी, यूरोपीय और रूसी प्रतिस्पर्धियों से आगे रहना है।
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लॉकहीड मार्टिन के स्ट्रैटजी एंड बिजनेस डेवलपमेंट के उपाध्यक्ष विवेक लाल ने कहा कि यदि एफ-21 का ठेका मिला, तो भारत को भी कंपनी के 165 अरब डॉलर के वैश्विक लड़ाकू विमान के कारोबार का लाभ मिलेगा। लाल ने बताया कि नए लड़ाकू विमान को भारत के 60 से ज्यादा वायु सैनिक अड्डों से उड़ाने भर सकने की क्षमता को देखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें मुख्य रूप से उत्कृष्ट इंजन मैट्रिक्स, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक तंत्र और शस्त्र वाहक क्षमता को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हम इस सिस्टम और विन्यास को दुनिया में किसी को नहीं देंगे। यह लॉकहीड मार्टिन का महत्वपूर्ण वचन है।
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उल्लेखनीय है कि पिछले महीने भारतीय वायु सेना ने 18 अरब डॉलर के 114 जेट के लिए रिक्वेस्ट फॉर इनफर्मेशन (आरएफआई) या प्रारंभिक निविदा जारी किया था। बताया जाता है कि यह हाल के वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य करार होगा।
ठेका लेने की होड़ में हैं ये कंपनियां
यह सैन्य करार पाने की होड़ में लॉकहीड मार्टिन की एफ-21, बोइंग की एफ/ए-18, दसॉ एविएशन की राफेल, यूरोफाइटर टाइफून, रूसी एयरक्राफ्ट मिग 35 और साब की ग्रिपेन शामिल हैं। लाल ने बताया कि यदि लॉकहीड मार्टिन को यह ठेका मिला तो यह टाटा समूह के साथ मिलकर न केवल अत्याधुनिक एफ-21 का कारखाना लगाएगी, बल्कि भारत में सैन्य साजो-सामान के समग्र विकास में परितंत्र बनाने में मदद करेगी।