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सलाह: IIMC का शैक्षणिक सत्र 2021-22 शुरू, ओम बिरला बोले- लोकतंत्र को सशक्त बनाता है निष्पक्ष मीडिया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार संभव
Updated Tue, 26 Oct 2021 07:48 PM IST
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सार
बिरला ने कहा कि हमारी सभ्यता, संस्कृति और विचारों में लोकतंत्र है। विश्व में भारत का लोकतंत्र सबसे समृद्ध है। संविधान के सहारे भारतीय लोकतंत्र ने विकास और समृद्धि की यात्रा तय की है। आज पूरा देश स्वतंत्रता की हीरक जयंती मना रहा है।

आईआईएमसी के कार्यक्रम में बोलते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
- फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के शैक्षणिक सत्र 2021-22 का शुभारंभ सोमवार (25 अक्तूबर) को हुआ। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साथ ही, पत्रकारिता एवं जनसंचार के विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे तथ्यों के आधार पर खबर बनाएं और अपनी रिपोर्टिंग से सकारात्मक व रचनात्मक संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया लोकतंत्र को सशक्त बनाता है।
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बिरला ने कहा कि हमारी सभ्यता, संस्कृति और विचारों में लोकतंत्र है। विश्व में भारत का लोकतंत्र सबसे समृद्ध है। संविधान के सहारे भारतीय लोकतंत्र ने विकास और समृद्धि की यात्रा तय की है। आज पूरा देश स्वतंत्रता की हीरक जयंती मना रहा है। सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में व्यापक प्रगति हो रही है। पूरी दुनिया हमारी कर्मठता, नवाचार, संकल्प शक्ति और सामूहिक शक्ति से परिचित है। आजादी के आंदोलन के इतिहास की तरह आजादी के बाद की 75 वर्षों की यात्रा, भारतीयों के परिश्रम, इनोवेशन और उद्यमशीलता का प्रतिबिंब है।
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समस्याओं का समाधान दे रहे हैं युवा: प्रो. द्विवेदी
नवागत विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि भारत में मीडिया का प्रभाव पिछले दो दशकों में तेजी से बढ़ा है। मीडिया का इस्तेमाल और उपयोग करने वाले लोग भी बढ़े हैं। तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था के साथ चलते हुए मीडिया आज एक बड़े उद्योग में बदल गया है।
मीडिया ने दिलाई लोक संस्कृति को नई पहचान: मालिनी अवस्थी
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रख्यात लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने 'लोक संस्कृति और मीडिया' विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि अखबारों ने लोक संस्कृति को बचाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। आज जो लोक संस्कृति, लोकगीत, लोकगाथाएं हमारे सामने प्रचलित हैं, वे हमारे पूर्वजों के अथक प्रयासों का परिणाम हैं। हमारे पुरखों ने कहीं परंपराओं के माध्यम से, तो कहीं लोकगीतों के रूप में इन्हें संजोए रखा है।
कार्यक्रम में आईआईएमसी के अपर महानिदेशक आशीष गोयल, सत्रारंभ कार्यक्रम के संयोजक एवं डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह सहित सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी मंगलवार (26 अक्तूबर) को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पैरालंपिक मैडल विजेता सुहास यथिराज, दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल और खेती विरासत मिशन, पंजाब के कार्यकारी निदेशक उमेंद्र दत्त विद्यार्थियों से रूबरू होंगे।