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इंडिया रेटिंग्स की चेतावनी: एनपीए हो सकता है दो लाख करोड़ का कॉरपोरेट कर्ज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: गौरव द्विवेदी
Updated Wed, 06 Feb 2019 06:15 AM IST
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एनपीए
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बैंकों की ओर से दिए गए कुल कॉरपोरेट लोन में से करीब 3.9 फीसदी यानी 3.5 लाख करोड़ रुपये की पहचान बैंकों के लोन बुक में होना मुश्किल होगा। इसमें से 40 फीसदी से ज्यादा राशि सितंबर, 2020 तक निष्क्रिय यानी एनपीए हो सकती है। इंडिया रेटिंग्स की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है।
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इंडिया रेटिंग्स के बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान के सह-निदेशक जिंदल हरिया ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में 1.5 से 2 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर्ज गैर निस्पादित आस्तियों (एनपीए) में जा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि करीब 14 लाख करोड़ रुपये के फंसे कॉरपोरेट लोन में से बैंकों ने सितंबर, 2018 तक सिर्फ 10 लाख करोड़ के कर्ज की पहचान की है।
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बैंकों को इन दो लाख करोड़ में से अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये ही मिल सकते हैं, शेष एनपीए में फिसल जाएगा। रिपोर्ट में सभी बड़े निजी बैंकों और दो सरकारी बैंक एसबीआई व बैंक ऑफ बड़ौदा को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों को वित्त वर्ष 2020 के लिए नकारात्मक परिदृश्य में रखा गया है।
75 फीसदी रिकवरी ही संभव
रिपोर्ट के अनुसार, एनसीएलटी में समाधान प्रक्रिय के तहत मौजूद 40 शीर्ष संपत्तियों का मूल्य 4.50 लाख करोड़ रुपये है लेकिन इसमें से सिर्फ 70-75 फीसदी राशि ही मिल सकेगी। एजेंसी को उम्मीद है कि सरकार वित्त वर्ष 2018-19 में सरकारी बैंकों में 1.94 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी, जो पहली छमाही की इक्विटी का 33 फीसदी होगा। उसने अनुमान जताई कि सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 66 हजार करोड़ रुपये की मदद की जरूरत होगी।