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भारतीय वायुसेना: लॉकहीड ने जताई भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने की इच्छा, 114 एफ-21 बेचने को उत्सुक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Sun, 14 Nov 2021 09:45 PM IST
सार

ब्लेयर ने कहा कि भारतीय वायुसेना की जरूरतों के अनुसार विशेष रूप से तैयार लॉकहीड के एफ-21 विमान, वायुसेना की 114 लड़ाकू  विमानों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। यदि कंपनी को वायुसेना से ये आर्डर मिल जाता है तो कंपनी विमानों का उच्च स्तरीय स्वदेशीकरण करेगी और निर्यात के लिए भारत में उत्पादन यूनिट स्थापित करेगी।

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Indian Air Force Latest News Update Lockheed expresses willingness to meet India defense needs eager to sell 114 F21
एफ-21 जेट (फाइल फोटो)
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विस्तार
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अमेरिका की दिग्गज विमान निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने कहा है कि भारत-अमेरिका के तेजी से बढ़ रहे सामरिक संबंधों से कदम मिलाते हुए कंपनी भारत की नए दौर की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और वाइस प्रेसिडेंट विलियम ब्लेयर ने कहा कि कंपनी मानवरहित प्लेटफार्म, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी के लिए भी पूरी तरह तैयार है।

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ब्लेयर ने कहा कि भारतीय वायुसेना की जरूरतों के अनुसार विशेष रूप से तैयार लॉकहीड के एफ-21 विमान, वायुसेना की 114 लड़ाकू  विमानों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। यदि कंपनी को वायुसेना से ये आर्डर मिल जाता है तो कंपनी विमानों का उच्च स्तरीय स्वदेशीकरण करेगी और निर्यात के लिए भारत में उत्पादन यूनिट स्थापित करेगी।
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वायुसेना से ये ठेका हासिल करने के लिए कंपनी ने पहले से ही भारत में टाटा समूह के साथ भारत में विमानों के उत्पादन के लिए साझेदारी कर ली है और ये वादा भी किया है कि एफ-21 विमानों को किसी दूसरे देश को नहीं बेचा जाएगा। ब्लेयर ने कहा कि अपने संयुक्त उद्यमों के तहत क्षमता निर्माण के लिए हम सक्रिय रूप से काम शुरू कर चुके हैं और जरूरतों को पहले ही पूरा करना शुरू कर चुके हैं जैसा कि हमने सी-130 जे के मामले में किया था। कंपनी ने पिछले सप्ताह बेंगलुरू में अपने 300 से अधिक आपूर्तिकर्ताओं और साझेदारों की बैठक बुलाई थी। ये भारत के विमानन क्षेत्र में सहभागिता बढ़ाने का कंपनी का प्रयास था।

दो साल पहले वायुसेना ने निकाला था टेंडर
दो साल पहले भारतीय वायुसेना ने 18 अरब डॉलर यानी करीब 1.34 लाख करोड़ रुपये में 114 लड़ाकू विमान खरीदने का शुरुआती ठेका जारी किया था। इसे हाल के वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य खरीद माना जा रहा है।

तलाश रहे हैं भारतीय साझेदार
ब्लेयर ने कहा कि लॉकहीड मार्टिन जल-थल-नभ और साइबर क्षेत्र में नए दौर के सैन्य समाधानों की जरूरत पूरा करने के लिए भारतीय साझेदारों की तलाश कर रही है। हालांकि उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया।

हवाईअड्डों के नजदीक ड्रोन पर निगाह रखेगी 9.9 करोड़ की ड्रोनरोधी प्रणाली
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) वर्ष 2022-23 में 9.9 करोड़ रुपये की दो ड्रोनरोधी प्रणाली खरीद सकता है। एएआई के हवाईअड्डा तंत्र निदेशालय की ओर से जारी एक दस्तावेज के अनुसार, इस ड्रोनरोधी प्रणाली को एयरपोर्ट के पास ड्रोन का इस्तेमाल पता लगाने, निगरानी, पहचान और उसे नष्ट करने के लिहाज से बहु संवेदी युक्त समाधान वाला होना चाहिए।

इस वर्ष जून में जम्मू हवाईअड्डे पर भारतीय वायु सेना के ठिकाने पर ड्रोन से दो बम गिराए गए थे, इसमें दो जवान घायल हो गए थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के निदेशक- भागीदारी, स्मित शाह ने जून में कहा था कि भारत को ड्रोन रोधी अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में अधिक निवेश करने की जरूरत है।

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