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वायुसेना में शामिल होंगे 1500 करोड़ के 114 लड़ाकू विमान, टेंडर के लिए अमेरिकी-रूसी कंपनियां दौड़ में
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Nilesh Kumar
Updated Mon, 26 Aug 2019 01:41 AM IST
सार
- राफेल के बाद 114 लड़ाकू विमान खरीदना चाहती है वायुसेना
- वायुसेना को उम्मीद राफेल की तुलना में जल्द पूरी होगी खरीद प्रक्रिया
- बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, यूरोफाइटर और साब जैसी कंपनियां है दौड़ में
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F-21 fighter jet (File Photo)
- फोटो : social media
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विस्तार
भारतीय वायुसेना राफेल विमानों के बाद 114 लड़ाकू विमानों को खरीदना चाहती है। वायुसेना को उम्मीद है कि इन विमानों की खरीद प्रक्रिया राफेल से जल्द पूरी होगी, जिसमें 10 साल से अधिक का समय लग गया। राफेल अनुबंध 126 से 36 होने के बाद वायुसेना ने इन विमानों की खरीद के लिए वैश्विक बाजार का रुख किया है। बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, यूरोफाइटर, रशियन युनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन और साब जैसे लड़ाकू जेट बनाने वाली कंपनियां 1500 करोड़ का अनुबंध हासिल करने की दौड़ में हैं।
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इन कंपनियों ने इससे पहले मल्टी रोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। भारत से ऑर्डर हासिल के लिए कुछ अच्छे ऑफर भी दिए थे। अमेरिकी कंपनी ने भारत में एफ-16 व एफ-16 जेट की उत्पादन इकाई स्थापित करने की पेशकश भी की थी। वहीं, भारत और फ्रांस 36 और राफेल विमान की आपूर्ति की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि वायुसेना मिग-21 को चरणबद्ध तरीके से हटाना चाहती है, लेकिन कुछ कारणों से इनका विकल्प उपलब्ध होने में देरी हुई है। वायुसेना को पहला राफेल विमान अगले महीने मिलेगा, जबकि चार साल में सभी 36 राफेल विमान मिल जाएंगे। साथ ही वायुसेना रूस से मिग-29 लेने के साथ सुखोई एसयू-30 एमकेआई का ऑर्डर देने पर विचार कर रही है। भारत की योजना जगुआर को भी उन्नत बनाने की है, जो पिछले कई सालों से लंबित है।