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Indian Army: 'तीनों सेनाओं में तालमेल और तकनीकी बदलाव जरूरी', ट्राइडेंट लेक्चर सीरीज में बोले CDS अनिल चौहान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शुभम कुमार
Updated Tue, 05 Aug 2025 06:21 PM IST
सार
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि बदलते युद्ध के दौर में नई तकनीकों को अपनाना और थल, वायु, नौसेना के बीच तालमेल बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने दिल्ली में आयोजित ट्राइडेंट लेक्चर सीरीज में यह बात कही।
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जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
- फोटो : ANI
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विस्तार
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि बदलते युद्ध के तरीकों को देखते हुए हमें जल्द से जल्द नई और आधुनिक तकनीकों को अपनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी व्यवस्था पर दोबारा विचार करना और थल, वायु और नौसेना के बीच बेहतर तालमेल बनाना बेहद जरूरी है।
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जनरल चौहान मंगलवार को दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित वार्षिक त्रिशूल व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र की स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी तालमेल और तीनों सेनाओं के एकीकृत ऑपरेशन आज के समय की जरूरत हैं। रक्षा मंत्रालय ने उनके इस संबोधन की जानकारी साझा की।
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सीडीएस ने कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान की ओर से किसी भी हिंसक गतिविधि का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा, चाहे वह सरकार की ओर से हो या गैर-सरकारी संगठनों की ओर से। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को इस नई सामान्य स्थिति को समझना होगा।
कार्यक्रम में मुख्य वक्तव्य देते हुए जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान की सभी तरह की विचारधारा को चुनौती देने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में छुप नहीं सकते। उन्होंने दोहराया कि सैन्य तैयारियां उच्च स्तर की होनी चाहिए, जो चौबीस घंटे और पूरे साल निरंतर बनी रहें।
सीडीएस ने यह भी कहा कि युद्ध और शांति के बीच बहुत कम फर्क बचा है और दोनों धीरे-धीरे एक-दूसरे में विलय हो रहे हैं। उन्होंने कहा, हमें असामान्य और परमाणु क्षेत्रों के बीच पारंपरिक अभियानों के लिए अधिक जगह बनानी होगी और हमें पाकिस्तान की हर स्तर की विचारधारा को चुनौती देना होगा।
उन्होंने यह भी जोर दिया कि भारतीय सेना के पास अत्यधिक दूरी पर स्थिर और चलायमान दोनों प्रकार के लक्ष्यों की मारक क्षमता होनी चाहिए। जनरल चौहान ने कहा, हमें पाकिस्तान की ओर से किसी भी हिंसात्मक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा, चाहे वह सरकार की ओर से हो या गैर सरकारी संगठनों की से और यह पहला नियम है जिसे हमें समझना होगा। यह हम सभी के लिए नई सामान्य स्थिति है।