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Army: सेना को मिलेंगे 120 किमी मारक क्षमता वाले पिनाका रॉकेट, रक्षा मंत्रालय को भेजा गया खरीद का प्रस्ताव

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नितिन गौतम Updated Fri, 12 Dec 2025 11:51 PM IST
सार

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन पिनाका रॉकेट के नए संस्करण को विकसित करेगा। वर्तमान में पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) सिस्टम 40 किलोमीटर और 75 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है, लेकिन नई 120 किलोमीटर रेंज की रॉकेट को भी इसी लॉन्चर से दागा जा सकेगा।

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indian army get 120 km range pinaka rocket send procurement proposal to defence ministry
मल्टी-लॉन्च आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम 'पिनाका' - फोटो : ANi
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी लंबी दूरी की तोपखाना क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय सेना अब 120 किलोमीटर तक मार करने वाले उन्नत पिनाका रॉकेट खरीदने की तैयारी में है। इस परियोजना का मूल्य लगभग 2500 करोड़ रुपये है। इसके लिए सेना ने रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) जल्द इस प्रस्ताव पर विचार करेगी। यह नई और लंबी दूरी की पिनाका रॉकेट रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की जाएगी। 
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जल्द शुरू होगा परीक्षण
अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही इसके पहले परीक्षण किए जाने की योजना है। सफल परीक्षणों के बाद उत्पादन के लिए बोली प्रक्रिया द्वारा विकास-सह-उत्पादन भागीदार का चयन किया जाएगा। वर्तमान में पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) सिस्टम 40 किलोमीटर और 75 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है, लेकिन नई 120 किलोमीटर रेंज की रॉकेट को भी इसी लॉन्चर से दागा जा सकेगा। स्वदेशी हथियार प्रणालियों में पिनाका एक बड़ी सफलता रही और इसकी निर्यात में भी काफी मांग है। हाल में आर्मेनिया ने इसे खरीदा और फ्रांस समेत कई यूरोपीय देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी पिनाका के लंबी दूरी के संस्करणों को पूरा समर्थन दे रहे हैं। 
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पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट 16 को नौसेना में होगा शामिल
भारतीय नौसेना अपनी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए 16 दिसंबर को कोच्चि में स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट (डीएससी ए20) को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है। यह पोत दक्षिणी नौसेना कमान के तहत नौसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल होगा। यह समारोह वाइस एडमिरल समीर सक्सेना, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ दक्षिणी नौसेना कमान की उपस्थिति में होगा। इस पोत के शामिल होने से नौसेना की डाइविंग और पानी के भीतर सहायता क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। डीएससी ए20 स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पांच डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट की शृंखला में पहला पोत है। इसे कोलकाता स्थित मेसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) ने बनाया है।

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रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह पोत विशेष रूप से तटीय जल क्षेत्रों में डाइविंग और पानी के भीतर विभिन्न मिशनों के लिए बनाया गया है। यह अत्याधुनिक डाइविंग प्रणालियों से लैस है, जो सुरक्षा और परिचालन दक्षता के उच्चतम मानकों को पूरा करती हैं। इसमें कैटामारन हल फॉर्म की विशेषता है, जो बेहतर स्थिरता और उन्नत डेक क्षेत्र प्रदान करता है। इसका विस्थापन लगभग 390 टन है। डीएससी ए20 भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के नौसेना नियमों और विनियमों के अनुसार निर्मित किया गया है। इसका सफल परीक्षण नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम में किया गया था। यह पोत मेक इन इंडिया पहल की सफलता का प्रतीक है, जो भारतीय नौसेना की डाइविंग सहायता, पानी के भीतर निरीक्षण, बचाव सहायता और तटीय परिचालन तैनाती की क्षमता को मजबूत करेगा। डीएससी ए20 को कोच्चि में तैनात किया जाएगा।

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