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महामारी के बाद पहले जैसी नहीं होगी दुनिया, रूढ़ियों से बाहर आने की जरूरत: एस जयशंकर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 21 Aug 2020 02:40 AM IST
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विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)
- फोटो : PTI
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोरोना महामारी से दुनिया की अर्थव्यवस्था और समाजिक जीवन पर इतना घातक असर हुआ है, वह हमारी कल्पना से परे है। उन्होंने कहा, महामारी से बाहर आने के बाद एक बात तय है कि दुनिया फिर पहले जैसी नहीं होगी।
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इसका मतलब यह है कि हमें नई सोच, नए विचार, नई कल्पना और ज्यादा खुलापन के साथ आगे आना होगा। दुनिया को रूढ़ियों के दायरे से निकलने की जरूरत है।
आसियान-भारत नेटवर्क थिंक टैंक के छठे गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, यह संकट 1930 के दशक में आई बड़ी आर्थिक मंदी जैसा ही है, जिसने पूरी विश्व बिरादरी के सामने अभूतपूर्व संकट पैदा कर दिया।
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मौजूदा अनुमानों के अनुसार कुल नुकसान दुनिया के वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तकरीबन 6.5-9.7 फीसदी है। विश्व अर्थव्यवस्था सिमटने की भविष्यवाणी की जा रही है। निश्चित रूप से यह महामंदी के बाद सबसे बड़ा होगा।
विदेश मंत्री ने कहा, महामारी से मुकाबला करने में अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और मंच प्रभावी तरीके से कार्रवाई नहीं कर सके। महामारी ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि संकट के समय कैसे मिलजुलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सबसे अधिक मूल्यवान वस्तु विश्वास है। हमने पहले से ही कई स्तरों पर राष्ट्रीय सुरक्षा को आर्थिक सुरक्षा में शामिल करने के लिए नए सिरे से परिभाषित किया है। हाल ही में इसने प्रौद्योगिकी सुरक्षा के बारे में सवाल और चिंताओं को भी जन्म दिया है। वहीं, महामारी ने अब स्वास्थ्य सुरक्षा के महत्व को बढ़ा दिया है।
भारत-आसियान एक-दूसरे के करीब, सोच से आगे बढ़ें
जयशंकर ने कहा, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हम न केवल एक-दूसरे के समीप हैं, बल्कि साथ मिलकर एशिया और दुनिया को आकार देने में मदद करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि इस मोड़ पर एक सोच से आगे बढ़ें। सुरक्षा, संपर्क, अर्थव्यवस्था और राजनीति जैसे विषय चर्चाओं में जगह बनाएंगे।