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Vasundhara Oswal: 'युगांडा की जेल में खाने-पीने को तरसाया गया, नहाने से भी रोका गया', वसुंधरा ने सुनाई आपबीती

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Sat, 22 Feb 2025 01:13 PM IST
सार

26 वर्षीय वसुंधरा को अपने पिता पंकज के पूर्व कर्मचारी मुकेश मेनारिया के अपहरण और हत्या के आरोप में एक अक्तूबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में मेनारिया तंजानिया में जीवित पाया गया। जिसके बाद, 21 अक्तूबर 2024 को उन्हें जमानत दे दी गई। 

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Indian origin billionaire daughter Vasundhara Oswal says torture given in Uganda jail human rights violations
वसुंधरा ओसवाल - फोटो : Instagram/vasundharaoswal
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विस्तार
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भारतीय मूल के अरबपति पंकज ओसवाल की बेटी वसुंधरा ओसवाल ने शुक्रवार को युगांडा में दी गई यातनाओं की आपबीती सुनाई। उन्होंने दावा किया कि उन्हें युगांडा में तीन सप्ताह से अधिक समय तक सलाखों के पीछे रख यातनाएं दी गईं, जो मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन था। 

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26 वर्षीय वसुंधरा को अपने पिता पंकज के पूर्व कर्मचारी मुकेश मेनारिया के अपहरण और हत्या के आरोप में एक अक्तूबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में मेनारिया तंजानिया में जीवित पाया गया। जिसके बाद, 21 अक्तूबर 2024 को उन्हें जमानत दे दी गई। 
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बुनियादी जरूरतों के लिए पुलिस को देनी पड़ी रिश्वत 
वसुंधरा ने शुक्रवार को पीटीआई को दिए साक्षात्कार में बताया कि मुझे पांच दिनों तक हिरासत में रखा गया। फिर दो सप्ताह के लिए जेल में डाल दिया गया। वसुंधरा ने दावा किया कि युगांडा के पुलिस अधिकारियों ने मुझे नहाने तक नहीं दिया। साथ ही भोजन-पानी देने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि मेरे माता-पिता को मेरे लिए भोजन, पानी और बुनियादी जरूरतों के लिए वकीलों के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ी। उन्होंने दावा किया कि उन्हें किसी सजा के तौर पर शौचालय का इस्तेमाल तक करने की अनुमति नहीं दी गई। 

बिना वारंट पुलिस ने परिसर की ली तलाशी 
वसुंधरा ने दावा किया कि पुलिस ने बिना वारंट उनके परिसर की तलाशी ली। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मैंने पुलिस अधिकारियों से तलाशी वारंट दिखाने के लिए कहा, तो उन्होंने मुझसे कहा कि हम युगांडा में हैं। यहां हम कुछ भी कर सकते हैं। तुम अब यूरोप में नहीं हो। 

आरोप- अधिकारियों ने इंटरपोल जाने के लिए मजबूर किया
वसुंधरा ने आरोप लगाया कि युगांडा के अधिकारियों ने मुझे उनके निदेशक से मिलने के बहाने इंटरपोल जाने के लिए मजबूर किया। जब मैंने ऐसा करने से मना किया तो एक पुरुष अधिकारी ने मुझे उठा लिया और अपनी वैन में फेंक दिया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें बिना किसी आपराधिक वकील के बयान देने के लिए मजबूर किया गया।

आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद भी नहीं मिला पुलिस बॉन्ड
वसुंधरा ने बताया कि बयान देने के बाद उन्हें एक सेल में हिरासत में रखा गया। उनसे 30,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करने और पुलिस बॉन्ड के लिए अपना पासपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया। वसुंधरा ने दावा किया कि आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बावजूद भी उन्हें पुलिस बॉन्ड नहीं मिला और वापस सेल में डाल दिया। 

अदालत से रिहाई के आदेश के बावजूद 72 घंटे हिरासत में रखा
वसुंधरा ने आरोप लगाया कि अदालत से बिना शर्त रिहाई का आदेश दिखाने के बावजूद उन्हें 72 घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। उन्होंने कहा कि मैंने दो सप्ताह नाकासोंगोला जेल में बिताए। जब उन्हें पता चला कि मुकेश जीवित है, तब भी पुलिस अधिकारियों ने उन्हें जेल में रखा। 

अपनी गलतियों को स्वीकार करे युगांडा सरकार
उन्होंने कहा कि युगांडा सरकार को अपनी गलतियों को सुधारना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं कि युगांडा सरकार अपनी गलतियों को स्वीकार करे। अन्य देशों ने अपने कानूनों का सही तरीके से पालन किया है। इसलिए, यह युगांडा पर निर्भर करता है कि वह मेरे प्रति अपनी गलतियों को सुधारें।'

19 दिसंबर को खारिज कर दिया गया वसुंधरा का मामला
वसुंधरा का मामला 19 दिसंबर, 2024 को खारिज कर दिया गया। अब वह जेल में हुई घटनाओं के लिए कानूनी कदम उठाने की योजना बना रही हैं।

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