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ऑनलाइन भुगतान का नुकसान: भारतीयों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी के मामले 25 फीसदी बढ़े
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Mon, 18 Jun 2018 05:38 PM IST
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भारत भले ही डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा हो लेकिन ऑनलाइन होते भारतीय कंगाल हो रहे हैं। चार में से एक भारतीय धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एक्सपीरियन की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारतीयों के ऑनलाइन अधिक सक्रिय होने की वजह से धोखाधड़ी का शिकार होने के मामले भी 25 फीसदी अधिक हो गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चार में से एक ग्राहक के ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होने का जोखिम बढ़ गया है।
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वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एक्सपीरियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 24 फीसदी भारतीय ऑनलाइन लेनदेन के दौरान सीधे तौर पर फर्जीवाड़े के शिकार होते हैं और दूरसंचार (57 फीसदी), बैंक (54 फीसदी) तथा रिटेलर्स (46 फीसदी) जैसे क्षेत्र इसके सबसे बड़े भुक्तभोगी हैं।
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इसके अलावा, भारतीय बैंकों (50 फीसदी) के साथ डाटा साझा करने में सबसे ज्यादा सहज महसूस करते हैं, जबकि ब्रांडेड रिटेलर्स (30 फीसदी) के साथ सबसे कम। ऑनलाइन अधिक सक्रिय औसतन 65 फीसदी लोगों ने मोबाइल से भुगतान को अपना लिया है, क्योंकि वे इसे सुविधाजनक मानते हैं।
देश में मात्र छह फीसदी उपभोक्ता ही सेवा प्रदाताओं को दिए जाने वाले डाटा पर सोच-समझकर निगाह रखते हैं, जबकि जापान के लिए यह आंकड़ा आठ फीसदी है। भारतीय विभिन्न सेवा पेशकशों का फायदा उठाने के लिए भी अपने निजी डाटा (51 फीसदी) को बिना किसी झिझक के साझा करते हैं।