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रक्षा क्षेत्र: जयपुर की यूनिवर्सिटी रिसर्च के लिए सप्त शक्ति कमांड की करेगी मदद, इन क्षेत्रों में होगा शोध
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Sun, 19 Jan 2025 06:16 PM IST
सार
Sapta Shakti Command: सप्त शक्ति कमांड लगातार रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण और रिचर्स के काम पर जोर दे रहा है। अपने प्रयासों को ओर बढ़ावा देने के लिए कमांड ने निर्वाण यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया है।
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लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान के जयपुर स्थित मिलिट्री स्टेशन सप्त शक्ति कमांड लगातार रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण और रिचर्स के काम पर जोर दे रहा है। इसी सिलसिले में लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर, साउथ वेस्टर्न कमांड ने निर्वाण यूनिवर्सिटी, जयपुर के वाइस चेयरमैन डॉ. आरके अरोड़ा से मुलाकात की।
इस दौरान रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय सेना के लिए विविध अनुसंधान और विकास के पहलुओं के बारे में चर्चा हुई। आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने निर्वाण यूनिवर्सिटी रिसर्च और डेवलपमेंट के प्रयासों की सराहना की और रक्षा प्रौद्योगिकियों में आधुनिकीकरण के विभिन्न क्षेत्रों में सप्त शक्ति कमांड के साथ सहयोग के अवसरों पर प्रकाश डाला।
आर्मी कमांडर ने यह भी दोहराया कि राजस्थान में प्रतिभाशाली युवाओं का एक बड़ा समूह है। जिनके पास उच्च तकनीकी क्षमताएं हैं। इसलिए समन्वय और सहयोग की आवश्यकता है। जो युवाओं को सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक तकनीकी प्रगति की आवश्यकता को समझने और आवश्यक दिशाओं में अनुसंधान एवं विकास करने में सुविधा प्रदान करेगी।
इस बातचीत में तकनीकी नवाचार और परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग और साझेदारी की संभावना की पहचान की गई, जो एक आधुनिक सेना के लिए जरूरी है। यह अनुसंधान और विकास प्रयासों का मार्गदर्शन करेगा और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
दरअसल, दक्षिण पश्चिमी कमान अग्रणी संस्थानों के साथ जुड़ने और सैन्य तकनीकी आवश्यकताओं के समाधान के लिए कई पहल कर रही है। विकसित भारत के दृष्टिकोण की दिशा में रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण, तकनीकी अवशोषण और क्षमता विकास जैसे कई प्रयास किए गए हैं।
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इस दौरान रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय सेना के लिए विविध अनुसंधान और विकास के पहलुओं के बारे में चर्चा हुई। आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने निर्वाण यूनिवर्सिटी रिसर्च और डेवलपमेंट के प्रयासों की सराहना की और रक्षा प्रौद्योगिकियों में आधुनिकीकरण के विभिन्न क्षेत्रों में सप्त शक्ति कमांड के साथ सहयोग के अवसरों पर प्रकाश डाला।
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आर्मी कमांडर ने यह भी दोहराया कि राजस्थान में प्रतिभाशाली युवाओं का एक बड़ा समूह है। जिनके पास उच्च तकनीकी क्षमताएं हैं। इसलिए समन्वय और सहयोग की आवश्यकता है। जो युवाओं को सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक तकनीकी प्रगति की आवश्यकता को समझने और आवश्यक दिशाओं में अनुसंधान एवं विकास करने में सुविधा प्रदान करेगी।
इस बातचीत में तकनीकी नवाचार और परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग और साझेदारी की संभावना की पहचान की गई, जो एक आधुनिक सेना के लिए जरूरी है। यह अनुसंधान और विकास प्रयासों का मार्गदर्शन करेगा और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
दरअसल, दक्षिण पश्चिमी कमान अग्रणी संस्थानों के साथ जुड़ने और सैन्य तकनीकी आवश्यकताओं के समाधान के लिए कई पहल कर रही है। विकसित भारत के दृष्टिकोण की दिशा में रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण, तकनीकी अवशोषण और क्षमता विकास जैसे कई प्रयास किए गए हैं।