सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Justice Swaminathan Case: 36 Former Judges Slam Impeachment Move, Warn of Threat to Democracy Independence

जस्टिस स्वामीनाथन केस: महाभियोग की कोशिश पर 36 पूर्व जज भड़के, बोले- लोकतंत्र और न्यायपालिका खतरे में

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवम गर्ग Updated Sat, 20 Dec 2025 12:17 PM IST
सार

Madras High Court: 36 पूर्व जजों ने एक बयान जारी कर मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन का समर्थन किया है। पूर्व जजों ने इस मामले में महाभियोग के प्रस्ताव पर गंभीर आपत्ति जाहिर की है।

विज्ञापन
Justice Swaminathan Case: 36 Former Judges Slam Impeachment Move, Warn of Threat to Democracy Independence
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन। - फोटो : एएनआई/सोशल मीडिया
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस जी. आर. स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग लाने की विपक्षी कोशिश पर देश के 36 पूर्व न्यायाधीशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। पूर्व जजों ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जड़ों पर सीधा हमला बताते हुए संसद सदस्यों और आम जनता से इस कदम की खुलकर निंदा करने की अपील की है।

Trending Videos


पूर्व न्यायाधीशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अगर इस तरह की कोशिशों को आगे बढ़ने दिया गया, तो इससे न्यायाधीशों को राजनीतिक और वैचारिक दबाव में काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
विज्ञापन
विज्ञापन


पूर्व जजों की सख्त चेतावनी
संयुक्त बयान में कहा गया कि यह कदम उन जजों को डराने की कोशिश है, जिनके फैसले किसी खास राजनीतिक या वैचारिक समूह की अपेक्षाओं से मेल नहीं खाते। पूर्व न्यायाधीशों ने कहा लोकतंत्र में फैसलों की परीक्षा अपील और कानूनी समीक्षा से होती है, न कि महाभियोग की धमकियों से। उन्होंने जोर देकर कहा कि न्यायाधीश संविधान और अपनी शपथ के प्रति जवाबदेह होते हैं, न कि किसी राजनीतिक दल के दबाव के प्रति।

ये भी पढ़ें:- Bangladesh: 'मोहम्मद यूनुस खुद दें दखल, भीड़तंत्र को हावी...', बांग्लादेश हिंसा पर शशि थरूर ने दी सलाह

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कोशिशें
बयान में यह भी कहा गया कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। पूर्व जजों ने 2018 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कोशिश और बाद में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई, एस. ए. बोबडे और डी. वाई. चंद्रचूड़ के खिलाफ चलाए गए अभियानों का भी जिक्र किया। उन्होंने मौजूदा सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत के खिलाफ हो रहे हमलों को भी इसी खतरनाक प्रवृत्ति का हिस्सा बताया।

पूर्व न्यायाधीशों ने सांसदों, वकीलों, नागरिक समाज और आम नागरिकों से अपील की कि वे इस तरह की कोशिशों का एकजुट होकर विरोध करें, ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संवैधानिक लोकतंत्र सुरक्षित रह सके।

क्या है स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग लाने का मामला?
1 दिसंबर को जस्टिस स्वामीनाथन ने आदेश दिया था कि तमिलनाडु के अरुलमिघु सुब्रमणिया स्वामी मंदिर में दीपथून के दौरान दीप जलाना मंदिर की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इससे पास स्थित दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता। इस फैसले के बाद विवाद खड़ा हो गया। 9 दिसंबर को डीएमके के नेतृत्व में कुछ विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नोटिस देकर जज को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed