सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   Jyotiraditya Scindia broke his silence on Digvijay Singh-Kamal Nath's statement,

MP NEWS: दिग्विजय सिंह-कमलनाथ के बयान पर मंत्री सिंधिया ने तोड़ी चुप्पी, बताया बगावत और बंद कमरे का राज

Rahul Sampal राहुल संपाल
Updated Wed, 27 Aug 2025 05:03 PM IST
सार

हाल ही में एक इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह से कांग्रेस सरकार गिरने के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि कमलनाथ और सिंधिया में मतभेद वैचारिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत थे। दिग्विजय सिंह ने कहा सरकार गिरने का जिम्मेदार मैं नहीं हूं। मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जा सकते हैं।

विज्ञापन
Jyotiraditya Scindia broke his silence on Digvijay Singh-Kamal Nath's statement,
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

मध्य प्रदेश की राजनीति में एक फिर पांच साल पुराना जिन्न बाहर निकल आया है। जब महज 15 महीने में कमलनाथ सरकार गिर गई थी। कांग्रेस के दो दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से सरकार गिराए जाने की अलग-अलग वजह बताकर राजनीतिक हलचल मचा दी है। दिग्विजय सिंह ने एक पॉडकास्ट में 5 साल पहले वाली बंद कमरे की बात को सार्वजनिक कर दिया है। उन्होंने कहा कि, उनकी वजह से नहीं बल्कि कमलनाथ की वजह से सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए और सरकार गिर गई। इसके बाद कमलनाथ ने भी दिग्विजय सिंह पर खुलकर वार किया है। दोनों नेताओं के बीच चल रहे वार पलटवार के बीच पहली बार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

Trending Videos


मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एक अनौपचारिक बातचीत में अमर उजाला ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया से दिग्विजय-कमलनाथ की इस आपसी रस्साकशी पर राय पूछी। उन्होंने कहा कि 'मैं अतीत में नहीं जाना चाहूंगा।' मीडिया से चर्चा में सिंधिया ने कहा कि इस मुद्दे पर मुझे कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है। दोनों नेताओं के बयान ही स्पष्ट कर रहे हैं कि उनके बीच क्या चल रहा था? और अभी क्या चल रहा है? उन्होंने बताया, 'जहां तक दिग्विजय सिंह जी और कमलनाथ जी से मेरे संबंधों की बात है तो वह वर्षों पुराने पारिवारिक संबंध हैं। मैं आज भी दोनों नेताओं को उतना ही सम्मान देता हूं जैसा मैं पहले देता था।'
विज्ञापन
विज्ञापन

 
सिंधिया ने कहा, "मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी। तब मैंने अपने समर्थक मंत्रियों से साफ कहा था कि, सरकार से जुड़ा कोई भी काम को लेकर मेरे पास मत आया करो। सरकार के मुखिया कमलनाथ जी हैं। आप लोग सीधे उन्हीं से बात किया करो। मैं आपके मंत्रालयों से जुड़े मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करुंगा।"

ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब बगावत की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा, "मैं 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान ग्वालियर चंबल संभाग के अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में प्रचार के लिए गया था। इस दौरान मैंने कांग्रेस के उम्मीदवारों से वादा किया था। राज्य में कांग्रेस सरकार बनेगी तो आपके क्षेत्रों के विकास के काम प्राथमिकता के साथ कराए जाएंगे। जब कमलनाथ जी मुख्यमंत्री बने तो मैं केवल उनसे इन्हीं बातों को लेकर मिलने जाता था। मैंने उन्हें भी बताया था, जहां मैं प्रचार के लिए गया था। मैंने उन सभी लोगों से विकास के काम करवाने का वादा किया है। अब इन क्षेत्रों के विकास के काम प्राथमिकता के साथ पूरे होने चाहिए।"

कमलनाथ सरकार गिराने और कांग्रेस छोड़ने की बात पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया कहते है कि दोनों नेताओं से मेरे परिवार के वर्षों पुराने संबंध हैं। जब कभी दिग्विजय सिंह जी मेरे पिता जी से मिलने घर आते थे। तब पिताजी किसी अन्य काम में व्यस्त होते थे तो दिग्विजय सिंह जी के साथ बैठने और बातचीत करने की जिम्मेदारी मेरी होती थी। कमलनाथ जी भी मेरे पिताजी के समकक्ष हैं। मैं बचपन से उन्हें कमल अंकल कहकर बुलाता आया हूं।  

सिंधिया ने कहा, "जब बात सम्मान और स्वाभिमान की होती है तो सोचना पड़ता है। बंद कमरे में मेरे और मेरे परिवार के लिए कई बार बहुत सी बातें बोली गईं। लेकिन मैंने उन पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन सार्वजनिक तौर जब मेरे और परिवार के खिलाफ कुछ बातें बोली गईं तो मुझे एक्शन लेना पड़ा।"

सिंधिया ने कहा, "कमलनाथ जी मुझे लेकर सार्वजनिक तौर पर टिप्पणियां करते थे। ये बातें जब पार्टी के भीतर उठी तो उनसे इन पर माफी मांगने को लेकर कहा गया। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अगर बंद कमरे में कोई बात होती तो मामला खत्म हो जाता। इन्हीं सभी घटनाक्रम के बाद मुझे एक्शन लेना पड़ा। क्योंकि हर चीज की एक लिमिट होती है। कांग्रेस छोड़ने से पहले ये सभी बातें मैंने पार्टी के एक शीर्ष नेता को बता दी थी। इसके बाद ही मैंने पार्टी बदलने का फैसला लिया था। '



पूर्व सीएम दिग्विजय के बयान से खड़ा हुआ था विवाद
दरअसल, हाल ही में एक इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह से कांग्रेस सरकार गिरने के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि कमलनाथ और सिंधिया में मतभेद वैचारिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत थे। दिग्विजय सिंह ने कहा सरकार गिरने का जिम्मेदार मैं नहीं हूं। मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जा सकते हैं। इसके बाद एक बड़े उद्योगपति हैं, जिनके कमलनाथ और सिंधिया दोनों से अच्छे संबंध हैं। उनके पास जाकर मैंने कहा था कि आप बात कीजिए, वरना दोनों की लड़ाई में हमारी सरकार गिर जाएगी। इसके बाद उद्योगपति के घर डिनर पर हम मिले। जहां मामला निपटाने की कोशिश की गई, लेकिन जिन मुद्दों पर वहां बात हुई, बाद में उसका पालन नहीं हुआ। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने बताया वे छोटे-मोटे मुद्दे थे, जैसे ग्वालियर चंबल संभाग में जैसा कहेंगे, वैसा कर दीजिएगा। ऐसे कुछ मुद्दों पर बात नहीं बनी। उन्होंने बाद में कहा अगर ग्वालियर चंबल संभाग के मुद्दों पर कमलनाथ सिंधिया की बात मान लेते तो क्या सरकार नहीं गिरती, जिस पर दिग्विजय सिंह कहते हैं हां शायद फिर सरकार नहीं गिरती।

ये भी पढ़ें: Rahul vs ECI: राहुल ने चुनाव आयोग पर फिर बोला हमला; गुजरात की गुमनाम पार्टियों के 4300 करोड़ चंदे पर उठाए सवाल

दिग्विजय सिंह के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी बयान जारी कर अपना पक्ष रखा। कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं, लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिराई।" 

कुल मिलाकर दिग्वजय और कमलनाथ की इस आपसी खींचतान में कांग्रेस के भीतर की फूट खुलकर सामने आ गई, वहीं इस वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया का पक्ष मजबूत ही हुआ है। ये भी पता चलता है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस किसी और से नहीं बल्कि खुद से हारी है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed