{"_id":"68b6b50a95b32fc24c034306","slug":"kaleshwaram-project-telangana-high-court-relief-to-former-cm-kcr-and-ex-minister-no-adverse-action-till-oct-7-2025-09-02","type":"story","status":"publish","title_hn":"Telangana High Court: पूर्व CM केसीआर और उनके मंत्री को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 7 अक्तूबर तक कार्रवाई पर रोक","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Telangana High Court: पूर्व CM केसीआर और उनके मंत्री को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 7 अक्तूबर तक कार्रवाई पर रोक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद।
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Tue, 02 Sep 2025 02:42 PM IST
सार
तेलंगाना हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर और पूर्व मंत्री हरीश राव को बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा कि कालेश्वरम परियोजना पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सात अक्तूबर तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। सरकार ने रिपोर्ट को लेकर सीबीआई जांच का आदेश दिया है।
विज्ञापन
पूर्व सीएम केसीआर। (फाइल)
- फोटो : PTI
विज्ञापन
विस्तार
तेलंगाना हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) और पूर्व मंत्री टी. हरीश राव को राहत दी है। अदालत ने निर्देश दिया है कि कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना से जुड़ी न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सात अक्तूबर तक दोनों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह आदेश आयोग की रिपोर्ट और उस पर उठे विवाद के बीच दिया गया।
यह मामला तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पी.सी. घोष की अध्यक्षता वाले आयोग ने 31 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इसमें कालेश्वरम परियोजना के निर्माण और अन्य पहलुओं में अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया और केसीआर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। साथ ही उस समय के सिंचाई मंत्री रहे हरीश राव पर भी सवाल उठाए गए।
ये भी पढ़ें- जरांगे का मराठा आरक्षण के लिए फिर क्यों जारी है प्रदर्शन, हाईकोर्ट से किस बात पर मांगी माफी?
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
रिपोर्ट के खिलाफ केसीआर और हरीश राव ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अंतरिम याचिका दायर की और सरकार को किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकने की मांग की। हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगली तारीख यानि सात अक्तूबर तक रिपोर्ट के आधार पर कोई प्रतिकूल कदम नहीं उठाया जाएगा।
सरकार की दलील और सीबीआई जांच
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता सुदर्शन रेड्डी ने अदालत को बताया कि फिलहाल आयोग की रिपोर्ट पर कोई एक्शन टेकन रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई है। लेकिन सरकार को इसे पेश करना बाध्यकारी है। सरकार ने राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (NDSA) और अन्य रिपोर्टों के आधार पर मामले को सीबीआई को सौंप दिया है।
ये भी पढ़ें- दिल्ली में पकड़ी अवैध हथियार की फैक्टरी: भारी मात्रा में कच्चा माल जब्त, तीन गिरफ्तार; यूपी से कनेक्शन
विधानसभा में सीएम का बयान
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में चर्चा के बाद घोषणा की कि कालेश्वरम परियोजना की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह उचित कदम है क्योंकि परियोजना में अंतरराज्यीय मुद्दे और विभिन्न केंद्रीय व राज्य एजेंसियों की भूमिका रही है। अब मामला अदालत और सीबीआई जांच दोनों के घेरे में है।
कालेश्वरम परियोजना को लेकर विवाद अब न्यायिक आयोग, अदालत और सीबीआई जांच तक पहुंच गया है। हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश केसीआर और हरीश राव के लिए फिलहाल राहत लेकर आया है, लेकिन सात अक्तूबर के बाद मामला किस दिशा में बढ़ेगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।
Trending Videos
यह मामला तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पी.सी. घोष की अध्यक्षता वाले आयोग ने 31 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इसमें कालेश्वरम परियोजना के निर्माण और अन्य पहलुओं में अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया और केसीआर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। साथ ही उस समय के सिंचाई मंत्री रहे हरीश राव पर भी सवाल उठाए गए।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें- जरांगे का मराठा आरक्षण के लिए फिर क्यों जारी है प्रदर्शन, हाईकोर्ट से किस बात पर मांगी माफी?
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
रिपोर्ट के खिलाफ केसीआर और हरीश राव ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अंतरिम याचिका दायर की और सरकार को किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकने की मांग की। हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगली तारीख यानि सात अक्तूबर तक रिपोर्ट के आधार पर कोई प्रतिकूल कदम नहीं उठाया जाएगा।
सरकार की दलील और सीबीआई जांच
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता सुदर्शन रेड्डी ने अदालत को बताया कि फिलहाल आयोग की रिपोर्ट पर कोई एक्शन टेकन रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई है। लेकिन सरकार को इसे पेश करना बाध्यकारी है। सरकार ने राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (NDSA) और अन्य रिपोर्टों के आधार पर मामले को सीबीआई को सौंप दिया है।
ये भी पढ़ें- दिल्ली में पकड़ी अवैध हथियार की फैक्टरी: भारी मात्रा में कच्चा माल जब्त, तीन गिरफ्तार; यूपी से कनेक्शन
विधानसभा में सीएम का बयान
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में चर्चा के बाद घोषणा की कि कालेश्वरम परियोजना की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह उचित कदम है क्योंकि परियोजना में अंतरराज्यीय मुद्दे और विभिन्न केंद्रीय व राज्य एजेंसियों की भूमिका रही है। अब मामला अदालत और सीबीआई जांच दोनों के घेरे में है।
कालेश्वरम परियोजना को लेकर विवाद अब न्यायिक आयोग, अदालत और सीबीआई जांच तक पहुंच गया है। हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश केसीआर और हरीश राव के लिए फिलहाल राहत लेकर आया है, लेकिन सात अक्तूबर के बाद मामला किस दिशा में बढ़ेगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।