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Karnataka: भाजपा विधायक जनार्दन रेड्डी अयोग्य घोषित, अवैध खनन मामले में दोषी पाए जाने के बाद गई विधायकी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 09 May 2025 09:57 AM IST
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जी. जनार्दन रेड्डी, कर्नाटक के पूर्व मंत्री
- फोटो : ANI

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कर्नाटक के भाजपा विधायक जी जनार्दन रेड्डी को विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। अवैध खनन मामले में दोषी पाए जाने के बाद कर्नाटक विधानसभा ने यह आदेश जारी किया। इसके साथ कर्नाटक विधानसभा की एक सीट खाली हो गई है। जी जनार्दन रेड्डी कर्नाटक की गंगावती सीट से विधायक थे। रेड्डी को 6 मई 2025 को अवैध खनन मामले में सजा सुनाई गई थी, उसी तारीख से रेड्डी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई।
अवैध लौह अयस्क खनन मामले में मिली सजा
कर्नाटक विधानसभा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 191(1) और जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 8 के तहत जनार्दन रेड्डी को विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। रेड्डी अपनी रिहाई के छह साल बाद तक भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। उल्लेखनीय है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने जी जनार्दन रेड्डी और तीन अन्य को ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी द्वारा लौह अयस्क का अवैध खनन करने का दोषी पाए जाने के बाद सात साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोषियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
ये भी पढ़ें- Illegal Mining Case: कर्नाटक के पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी समेत तीन को सात साल की सजा; CBI ने हिरासत में लिया
14 साल लंबी लड़ाई लड़ी
जी जनार्दन रेड्डी ने इस मामले में 14 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। आखिरकार अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया। अदालत के आदेश के तुरंत बाद जी जनार्दन रेड्डी को सीबीआई ने हिरासत में ले लिया और जेल भेज दिया। जनार्दन रेड्डी ने साल 2023 में भाजपा से अलग होकर अपनी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष नामक पार्टी बनाई थी और गंगावती सीट से चुनाव जीता था। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव के समय रेड्डी वापस भाजपा में शामिल हो गए थे और अपनी पार्टी का भी भाजपा में विलय कर लिया था।
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अवैध लौह अयस्क खनन मामले में मिली सजा
कर्नाटक विधानसभा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 191(1) और जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 8 के तहत जनार्दन रेड्डी को विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। रेड्डी अपनी रिहाई के छह साल बाद तक भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। उल्लेखनीय है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने जी जनार्दन रेड्डी और तीन अन्य को ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी द्वारा लौह अयस्क का अवैध खनन करने का दोषी पाए जाने के बाद सात साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोषियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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14 साल लंबी लड़ाई लड़ी
जी जनार्दन रेड्डी ने इस मामले में 14 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। आखिरकार अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया। अदालत के आदेश के तुरंत बाद जी जनार्दन रेड्डी को सीबीआई ने हिरासत में ले लिया और जेल भेज दिया। जनार्दन रेड्डी ने साल 2023 में भाजपा से अलग होकर अपनी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष नामक पार्टी बनाई थी और गंगावती सीट से चुनाव जीता था। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव के समय रेड्डी वापस भाजपा में शामिल हो गए थे और अपनी पार्टी का भी भाजपा में विलय कर लिया था।