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Karnataka: कर्नाटक सरकार की शक्ति योजना ने बनाया ऐतिहासकि विश्व रिकॉर्ड, महिलाओं के लिए बनी सबसे बड़ी ताकत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Mon, 18 Aug 2025 10:41 PM IST
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सार
कर्नाटक की शक्ति योजना ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने बताया कि 11 जून 2023 से 20 जुलाई 2024 तक 500 करोड़ महिलाओं ने मुफ्त बस यात्रा की। यह उपलब्धि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई है। योजना से रोजगार और आय में बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।

कर्नाटक सरकार की शक्ति योजना ने रचा इतिहास।
- फोटो : X / @siddaramaiah
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विस्तार
कर्नाटक सरकार की महत्वाकांक्षी शक्ति योजना ने नया इतिहास रच दिया है। राज्य के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने सोमवार को घोषणा की कि इस योजना के तहत 11 जून 2023 से 20 जुलाई 2024 तक कुल 500 करोड़ बार महिलाओं ने सरकारी बसों में सफर किया । यह उपलब्धि अमेरिका आधारित गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गई है, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा महिला सार्वजनिक परिवहन रिकॉर्ड बनाती है।
परिवहन मंत्री ने कर्नाटक राज्य परिवहन निगम (केएसआरटीसी), बेंगलुरु महानगरीय परिवहन निगम (बीएमटीसी), नॉर्थ वेस्ट कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट और कल्याण कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन को इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय दिया। रेड्डी ने कहा कि कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और श्रमिक नेताओं का सहयोग इस सफलता की नींव है। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्री बनने के बाद ही इस योजना को लागू किया गया और पांच से छह साल से बंद पड़ी बसों की खरीद फिर शुरू हुई।
नई बसें और भर्ती से सुधरी स्थिति
मंत्री के अनुसार, शक्ति योजना के दो वर्षों में 5,800 नई बसें परिवहन बेड़े में जोड़ी गईं और 10,000 नई भर्तियां भी की गईं। साथ ही, राज्य सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये भी खर्च किए। रेड्डी ने कहा कि पहले परिवहन निगम कर्ज से दबे हुए थे और लंबे समय तक कोई नया निवेश नहीं हुआ था, लेकिन अब सामूहिक प्रयासों से स्थिति बेहतर हो रही है।
ये भी पढ़ें- क्या बिहार मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण के परिणाम दूरगामी? राहुल गांधी की राजनीति का दांव...
महिलाओं के रोजगार और आय में बढ़ोतरी
रेड्डी ने बियॉन्ड फ्री राइड्स नामक अध्ययन का हवाला दिया और कहा कि इस योजना से बेंगलुरु में महिला कर्मचारियों की संख्या 23 प्रतिशत और हुबली-धारवाड़ में 21 प्रतिशत बढ़ी है। इससे महिलाओं की आय और राज्य का प्रति व्यक्ति आय स्तर दोनों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह केवल मुफ्त यात्रा योजना नहीं है बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ये भी पढ़ें- लोकसभा-राज्यसभा में हंगामा, सरकार ने पास कराए अहम विधेयक; जानें सदन की कार्यवाही में क्या-क्या हुआ
अन्य राज्यों के लिए बनी मिसाल
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर कहा कि इस योजना की सफलता का श्रेय कर्नाटक की माताओं और बहनों को जाता है, जो रोजगार, शिक्षा और इलाज जैसे कामों के लिए रोजाना यात्रा करती हैं। उन्होंने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार का साहसिक कदम बताया। मंत्री रेड्डी ने यह भी जोड़ा कि कई अन्य राज्य अब इस योजना को अलग-अलग नाम और रूप में लागू कर रहे हैं, जो इसकी सफलता का प्रमाण है।

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परिवहन मंत्री ने कर्नाटक राज्य परिवहन निगम (केएसआरटीसी), बेंगलुरु महानगरीय परिवहन निगम (बीएमटीसी), नॉर्थ वेस्ट कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट और कल्याण कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन को इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय दिया। रेड्डी ने कहा कि कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और श्रमिक नेताओं का सहयोग इस सफलता की नींव है। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्री बनने के बाद ही इस योजना को लागू किया गया और पांच से छह साल से बंद पड़ी बसों की खरीद फिर शुरू हुई।
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नई बसें और भर्ती से सुधरी स्थिति
मंत्री के अनुसार, शक्ति योजना के दो वर्षों में 5,800 नई बसें परिवहन बेड़े में जोड़ी गईं और 10,000 नई भर्तियां भी की गईं। साथ ही, राज्य सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये भी खर्च किए। रेड्डी ने कहा कि पहले परिवहन निगम कर्ज से दबे हुए थे और लंबे समय तक कोई नया निवेश नहीं हुआ था, लेकिन अब सामूहिक प्रयासों से स्थिति बेहतर हो रही है।
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महिलाओं के रोजगार और आय में बढ़ोतरी
रेड्डी ने बियॉन्ड फ्री राइड्स नामक अध्ययन का हवाला दिया और कहा कि इस योजना से बेंगलुरु में महिला कर्मचारियों की संख्या 23 प्रतिशत और हुबली-धारवाड़ में 21 प्रतिशत बढ़ी है। इससे महिलाओं की आय और राज्य का प्रति व्यक्ति आय स्तर दोनों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह केवल मुफ्त यात्रा योजना नहीं है बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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अन्य राज्यों के लिए बनी मिसाल
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर कहा कि इस योजना की सफलता का श्रेय कर्नाटक की माताओं और बहनों को जाता है, जो रोजगार, शिक्षा और इलाज जैसे कामों के लिए रोजाना यात्रा करती हैं। उन्होंने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार का साहसिक कदम बताया। मंत्री रेड्डी ने यह भी जोड़ा कि कई अन्य राज्य अब इस योजना को अलग-अलग नाम और रूप में लागू कर रहे हैं, जो इसकी सफलता का प्रमाण है।
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