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Karnataka: नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर सिद्धारमैया ने लगाया विराम; आरक्षण-कैबिनेट विस्तार के मसले पर भी बोले
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दावणगेरे
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 05 Jan 2025 04:56 PM IST
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सार
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच, सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य कांग्रेस अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी निर्णय पार्टी हाईकमान की तरफ से लिया जाएगा, और वह नेतृत्व के परामर्श से अपने मंत्रिमंडल में खाली पदों को भरने का फैसला करेंगे।

सिद्धारमैया, सीएम, कर्नाटक
- फोटो : X / @siddaramaiah
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विस्तार
कर्नाटक में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेतृत्व में परिवर्तन की अटकलों के बीच, सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य कांग्रेस अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी फैसला पार्टी हाईकमान की तरफ से लिया जाएगा, और वह नेतृत्व के परामर्श से ही अपने मंत्रिमंडल में खाली पदों को भरने का फैसला करेंगे। ये बात सीएम सिद्धारमैया ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष को बदलने के बारे में पूछे गए सवाल पर कही, उन्होंने कहा 'यह आलाकमान की तरफ से तय किया जाएगा, हम नहीं। केपीसीसी अध्यक्ष, मुख्यमंत्री - सब कुछ आलाकमान की तरफ से तय किया जाता है।'
'कैबिनेट विस्तार पर हाईकमान करेगा फैसला'
वहीं कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले में उनके खिलाफ आरोपों के बाद मंत्री बी नागेंद्र के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में खाली हुए स्थान को भरने पर, सीएम ने कहा, 'मैं आलाकमान से चर्चा करूंगा और उस खाली स्थान को भरूंगा।'
'सरकार अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध'
वहीं सीएम ने इस दौरान कहा कि उनकी सरकार अनुसूचित जातियों (एससी) के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम सिद्धारमैया ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आंतरिक आरक्षण दिया जाना चाहिए, लेकिन जैसा कि कुछ लोगों ने कहा है कि कोई अनुभवजन्य डेटा नहीं है, (न्यायमूर्ति) नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया है। हम आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
एचएन नागमोहन दास को बनाया गया है आयोग का अध्यक्ष
बता दें कि, कांग्रेस सरकार ने नवंबर में सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएन नागमोहन दास को एससी के बीच आंतरिक आरक्षण की सिफारिश करने के लिए एक आयोग का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था। एससी का एक वर्ग, विशेष रूप से 'एससी लेफ्ट', आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहा है, उनका आरोप है कि केवल कुछ प्रभावशाली उप-जातियां ही अधिकांश लाभ ले रही हैं जबकि कई समुदाय अभी भी हाशिए पर हैं।
1 अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए ऐतिहासिक फैसले में, इसने माना कि राज्यों को सामाजिक रूप से विषम वर्ग बनाने वाली अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके। वहीं तालुक और जिला पंचायत चुनावों के बारे में सिद्धारमैया ने कहा कि मामला अदालत में है, इस पर वहीं फैसला होना है और सरकार चुनाव कराने के लिए तैयार है।

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'कैबिनेट विस्तार पर हाईकमान करेगा फैसला'
वहीं कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले में उनके खिलाफ आरोपों के बाद मंत्री बी नागेंद्र के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में खाली हुए स्थान को भरने पर, सीएम ने कहा, 'मैं आलाकमान से चर्चा करूंगा और उस खाली स्थान को भरूंगा।'
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'सरकार अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध'
वहीं सीएम ने इस दौरान कहा कि उनकी सरकार अनुसूचित जातियों (एससी) के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम सिद्धारमैया ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आंतरिक आरक्षण दिया जाना चाहिए, लेकिन जैसा कि कुछ लोगों ने कहा है कि कोई अनुभवजन्य डेटा नहीं है, (न्यायमूर्ति) नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया है। हम आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
एचएन नागमोहन दास को बनाया गया है आयोग का अध्यक्ष
बता दें कि, कांग्रेस सरकार ने नवंबर में सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएन नागमोहन दास को एससी के बीच आंतरिक आरक्षण की सिफारिश करने के लिए एक आयोग का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था। एससी का एक वर्ग, विशेष रूप से 'एससी लेफ्ट', आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहा है, उनका आरोप है कि केवल कुछ प्रभावशाली उप-जातियां ही अधिकांश लाभ ले रही हैं जबकि कई समुदाय अभी भी हाशिए पर हैं।
1 अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए ऐतिहासिक फैसले में, इसने माना कि राज्यों को सामाजिक रूप से विषम वर्ग बनाने वाली अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके। वहीं तालुक और जिला पंचायत चुनावों के बारे में सिद्धारमैया ने कहा कि मामला अदालत में है, इस पर वहीं फैसला होना है और सरकार चुनाव कराने के लिए तैयार है।