{"_id":"636f7e0252ce9d680e1e3b1b","slug":"know-about-10-famous-candidates-of-gujarat-election-2022-of-bjp-congress-and-aap","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Gujarat Election: जडेजा की पत्नी से मोरबी हादसे के हीरो तक, जानें गुजरात के 10 चर्चित प्रत्याशियों को","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Gujarat Election: जडेजा की पत्नी से मोरबी हादसे के हीरो तक, जानें गुजरात के 10 चर्चित प्रत्याशियों को
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Sat, 12 Nov 2022 04:35 PM IST
सार
राज्य में दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण की 89 सीटों पर एक दिसंबर को मतदान होगा। इसके लिए 14 नवंबर तक नामांकन होना है। 17 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। सत्ताधारी भाजपा समेत लगभग सभी दलों ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।
विज्ञापन
गुजरात चुनाव 2022
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सभी पूरे दमखम के साथ प्रचार में जुटे हैं।
राज्य में दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण की 89 सीटों पर एक दिसंबर को मतदान होगा। इसके लिए 14 नवंबर तक नामांकन होना है। 17 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। सत्ताधारी भाजपा समेत लगभग सभी दलों ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। आज हम आपको पहले फेज के 10 चर्चित उम्मीदवारों के बारे में बताएंगे।
Trending Videos
राज्य में दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण की 89 सीटों पर एक दिसंबर को मतदान होगा। इसके लिए 14 नवंबर तक नामांकन होना है। 17 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। सत्ताधारी भाजपा समेत लगभग सभी दलों ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। आज हम आपको पहले फेज के 10 चर्चित उम्मीदवारों के बारे में बताएंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन
1. कांतीलाल अमृतिया (भाजपा): भारतीय जनता पार्टी ने इस बार मोरबी के पूर्व विधायक कांतिलाल अमृतिया को टिकट दिया है। अमृतिया को उम्मीदवार बनाने के लिए भाजपा ने मौजूदा विधायक बृजेश मेरजा का टिकट काट दिया है। मेरजा 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। बाद में उन्होंने विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद हुए उपचुनाव में मेरजा भाजपा के टिकट पर जीते थे।
कांतिलाल वही शख्स हैं जिन्होंने मोरबी पुल हादसे के वक्त डूब रहे लोगों को बचाने के लिए पानी में छलांग लगा दी थी। इस घटना में कुछ लोगों की जान बचाने की वजह से कांतिलाल सुर्खियों में आए थे। कांतिलाल साल 2012 में लगातार पांचवी बार मोरबी सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। 2017 में उन्हें कांग्रेस के बृजेश मेरजा से हार मिली थी।
कांतिलाल वही शख्स हैं जिन्होंने मोरबी पुल हादसे के वक्त डूब रहे लोगों को बचाने के लिए पानी में छलांग लगा दी थी। इस घटना में कुछ लोगों की जान बचाने की वजह से कांतिलाल सुर्खियों में आए थे। कांतिलाल साल 2012 में लगातार पांचवी बार मोरबी सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। 2017 में उन्हें कांग्रेस के बृजेश मेरजा से हार मिली थी।
2. कुंवरजी बवालिया (भाजपा) : राजकोट के जसदान सीट से सात बार के विधायक कुंवरजी बवालिया इस बार भी चुनावी मैदान में हैं। बवालिया लंबे समय तक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार रहे हैं। 2009 में राजकोट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। 2017 में जसदान से चुनाव जीतने के बाद कुंवरजी बवालिया ने 2018 में इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद भाजपा में आ गए। फिर इस सीट पर हुए उपचुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। विजय रूपाणी सरकार में वह मंत्री भी रह चुके हैं। बवालिया के खिलाफ कांग्रेस ने भोलाभाई गोहिल को टिकट दिया है। गोहिल ने 2012 में इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। हालांकि, 2017 में कांग्रेस ने गोहिल के बदले बवालिया को टिकट दे दिया। इससे नाराज गोहिल भाजपा में शामिल हो गए। 2018 में जब बवालिया भाजपा में शामिल हुए तो गोहिल ने वापस कांग्रेस में आ गए।
इसके बाद भाजपा में आ गए। फिर इस सीट पर हुए उपचुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। विजय रूपाणी सरकार में वह मंत्री भी रह चुके हैं। बवालिया के खिलाफ कांग्रेस ने भोलाभाई गोहिल को टिकट दिया है। गोहिल ने 2012 में इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। हालांकि, 2017 में कांग्रेस ने गोहिल के बदले बवालिया को टिकट दे दिया। इससे नाराज गोहिल भाजपा में शामिल हो गए। 2018 में जब बवालिया भाजपा में शामिल हुए तो गोहिल ने वापस कांग्रेस में आ गए।
3. बाबू बोखिरिया (भाजपा) : 69 साल के बोखिरिया मेर समुदाय से आते हैं। इन्हें भाजपा ने पोरबंदर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर बोखिरिया 1995, 1998, 2012 और 2017 में भी जीत हासिल कर चुके हैं। 2002 और 2007 में बोखिरिया को यहां से हार का सामना करना पड़ा था। तब उन्हें गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने हराया था। इस बार भी भाजपा से बोखिरिया तो कांग्रेस ने अर्जुन मोढवाडिया को अपना प्रत्याशी बनाया है।
4. भगवान बराड़ (भाजपा) : कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले विधायक भगवान बराड़ गिर सोमनाथ जिले की तलाला सीट से उम्मीदवार हैं। बराड़ अहीर समाज के बड़े नेताओं में शुमार हैं। इन्होंने 2007 और 2017 में इस सीट से जीत हासिल की थी। इनके भाई जशुभाई बराड़ भी 1998 और 2012 में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। तलाला गिर सोमनाथ जिले की चार सीटों में से एक है। 2017 में जिले की सभी चार सीटों पर कांग्रेस जीती थी।
5. परसोत्तम सोलंकी (भाजपा) : 61 साल के परसोत्तम सोलंकी को भारतीय जनता पार्टी ने भावनगर ग्रामीण सीट से टिकट दिया है। वह गुजरात सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। परसोत्तम कोली समाज के बड़े नेताओं में शुमार हैं।
6. रिवाबा जडेजा (भाजपा) : जामनगर उत्तर विधानसभा सीट से क्रिकेट खिलाड़ी रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा मैदान में हैं। रिवाबा को टिकट देने के लिए भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक धर्मेंद्र जडेजा का टिकट काट दिया है।
7. परेश धनानी (कांग्रेस) : अमरेली विधानसभा सीट से कांग्रेस ने परेश धनानी को टिकट दिया है। धनानी गुजरात में काफी चर्चित हैं। इन्होंने 2002 में कम उम्र में भाजपा के दिग्गज नेता पुरुषोत्तम रूपाला को हरा दिया था। इसके बाद से ये 'जाइंट किलर' के नाम से मशहूर हो गए। हालांकि 2007 चुनाव में धनानी हार गए थे। 2012 और 2017 में फिर से पाटीदार बहुल सीट अमरेली में उन्हें जीत मिली। धनानी गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी काम कर चुके हैं।
8. वीरजी थुम्मर (कांग्रेस): अमरेली जिले के लाठी विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक वीरजी थुम्मर को कांग्रेस ने फिर से प्रत्याशी बनाया है। थुम्मर विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं। भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर होकर मुद्दे उठाते हैं। थुम्मर कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीत चुके हैं।
9. गोपाल इटालिया (आप): आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने सूरत के पाटीदार बहुल कटारगाम विधानसभा से नामांकन किया है। 2017 में पाटीदार आंदोलन के बावजूद ये सीट भाजपा के खाते में गई थी। गोपाल खुद पाटीदार समाज से आते हैं। ऐसे में इस बार भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकती है।
10. अल्पेश कथीरिया (आप): पाटीदार आंदोलन में हार्दिक पटेल के सहयोगी रहे अल्पेश कथीरिया को आम आदमी पार्टी ने सूरत शहर के पाटीदार बहुल वराछा रोड विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। अभी इस सीट पर भाजपा के पूर्व मंत्री किशोर कनानी का कब्जा है। कथिरिया पर पाटीदार आंदोलन के दौरान कथित तौर पर लोगों को उकसाने के आरोप में देशद्रोह का आरोप लगा था। तब उस आंदोलन का नेतृत्व हार्दिक पटेल कर रहे थे। अब हार्दिक भाजपा में शामिल हो चुके हैं।