सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Kochi Biennale Painting Row Artist Vattakuzhi clarifies after criticism from Christian groups News In Hindi

Biennale Painting Row: ईसाई समूहों की आलोचना पर चित्रकार वट्टाकुझी ने दी सफाई, बोले- पेंटिंग नाटक पर आधारित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोच्चि Published by: शुभम कुमार Updated Wed, 31 Dec 2025 12:38 PM IST
विज्ञापन
सार

कोच्चि बिएनाले में प्रदर्शित एक पेंटिंग को लेकर चर्च और ईसाई समूहों ने तीखी आलोचना की। ऐसे में अब चित्रकार टॉम वट्टाकुझी ने साफाई देते हुए कहा कि पेंटिंग ‘IDAM’ प्रदर्शनी का हिस्सा है, नाटक पर आधारित है और इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।

Kochi Biennale Painting Row Artist Vattakuzhi clarifies after criticism from Christian groups News In Hindi
AI से बनाई गई सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Google Gemini
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

केरल के कोच्चि बिएनाले में बीते दिनों आयोजित एक कार्यकर्म में प्रदर्शित एक पेंटिंग को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कथित तौर पर इस पेंटिंग में यीशु मसीह के अंतिम भोज को गलत या अलग तरीके से दिखाया गया था, जिसको लेकर चर्च और ईसाई समूहों ने इस पेंटिंग की तीखी आलोचना की। ऐसे में बुधवार को इस पेंटिंग को लेकर हो रहे विरोध को देखते हुए प्रसिद्ध कलाकार टॉम वट्टाकुझी ने सफाई दी। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह पेंटिंग बिएनाले की संगठित प्रदर्शनी ‘IDAM’ का हिस्सा है और यह एक नाटक पर आधारित है।

Trending Videos


एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कलाकार वट्टाकुझी ने कहा कि इस कला कृति में किसी भी तरह से श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति कला को अपनी दृष्टि से देखता है। उनके लिए यीशु मसीह केवल लंबी दाढ़ी और बाल वाला एक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वे हर उस इंसान में दिखाई देते हैं जो दुख और कठिनाइयां झेलता है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें:- High Court: बीएमसी आयुक्त के कोर्ट कर्मियों की चुनावी ड्यूटी लगाने से हाईकोर्ट नाराज, अधिकार पर उठे सवाल
 
वट्टाकुझी ने पेंटिंग को लेकर दी सफाई

पेंटिंग को लेकर बढ़ते विवाद के बीच वट्टाकुझी का कहना था कि मेरा प्रेम और करुणा हर व्यक्ति में दिखाई देती है और वही मेरी पेंटिंग में भी दिखाई देती है। हालांकि दूसरी ओर ईसाई समूहों का कहना है कि यह पेंटिंग धार्मिक भावनाओं को आहत करती है। आलोचकों ने बताया कि यही कलाकृति कुछ साल पहले एक पत्रिका में भी प्रकाशित हुआ था और तब भी इसी तरह की आपत्तियां आई थीं।

सूत्रों के अनुसार, विरोध के बाद बिएनाले प्राधिकरण ने उस कला केंद्र को दो दिनों के लिए बंद कर दिया, जहां यह पेंटिंग प्रदर्शित की गई थी। वहीं सीरो-मालाबार चर्च और केरल लैटिन कैथोलिक एसोसिएशन (KLCA), कोच्चि डायोसिस कमिटी ने कहा कि बिएनाले को ऐसा मंच नहीं माना जाना चाहिए, जहां किसी भी चीज को कला के नाम पर बिना समुदायों की भावनाओं का ख्याल किए प्रदर्शित किया जाए।

ये भी पढ़ें:- Arunachal Pradesh: कोमकर गांव ने SUMP पीएफआर का किया समर्थन, 95% परिवारों की सहमति; जानें क्या है पूरा समझौता

चर्च ने बताया धार्मिक विश्वासों का उल्लंघन
दूसरी ओर सीरो मालाबार चर्त ने भी कहा कि अंतिम भोज के इस चित्रण को मजाक या अपमानजनक तरीके से दिखाना धार्मिक विश्वासों के प्रति सम्मान का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि कलात्मक स्वतंत्रता जरूरी है, लेकिन धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नाम लेकर इसे सही नहीं ठहराया जा सकता। चर्च ने कहा कि इस घटना से ईसाई समुदाय को हुए गहरे आघात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

अन्य वीडियो

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed