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Manipur: कुकी विधायकों ने पीएम नरेंद्र मोदी को सौंपा ज्ञापन, अलग विधानसभा और केंद्र शासित प्रदेश की मांग की

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंफाल। Published by: निर्मल कांत Updated Sat, 13 Sep 2025 09:27 PM IST
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सार

Manipur: मणिपुर के कुकी-जो समुदाय से जुड़े दस विधायकों ने प्रधानमंत्री मोदी से मणिपुर संकट का जल्द राजनीतिक समाधान निकालने की अपील की है। उन्होंने अलग केंद्र शासित प्रदेश और विधानसभा की मांग करते हुए कहा कि अब मैतेई और कुकी समुदाय एक साथ नहीं रह सकते। पीएम को सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने कहा कि यही रास्ता स्थायी शांति और न्याय की ओर ले जाएगा।

Kuki MLAs urge PM for early political settlement of Manipur problem
मणिपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी - फोटो : एएनआई
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मणिपुर के कुकी-जो समुदाय से जुड़े दस विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे राज्य में जारी जातीय संघर्ष के 'जल्द राजनीतिक समाधान' के लिए दखल दें। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को मणिपुर का दौरा किया। यह दौरा मई 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद पहली बार हुआ है। इस हिंसा में अब तक 260 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। 
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दस विधायकों ने पीएम मोदी को सौंपा ज्ञापन
प्रधानमंत्री को सौंपे गए एक संयुक्त ज्ञापन में इन विधायकों ने कहा कि कुकी समुदाय को 'जातीय उत्पीड़न' का सामना करना पड़ा और वे 'पूरी तरह से घाटी क्षेत्रों से बाहर कर दिए गए हैं'। इन दस विधायकों में सात विधायक भाजपा से हैं। कुकी समुदाय मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में बहुसंख्यक है, जबकि मैतेई समुदाय घाटी क्षेत्रों में प्रभावशाली माने जाते हैं। ज्ञापन में विधायकों ने दावा किया कि दोनों समुदाय अब 'केवल अच्छे पड़ोसी के रूप में शांति से रह सकते हैं, लेकिन एक ही छत के नीचे नहीं'।
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ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने मणिपुर के स्थानीय लोगों से की मुलाकात, मिलते ही भावुक हुए हिंसा पीड़ित

अलग विधानसभा और केंद्र शासित प्रदेश की मांग
विधायकों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि हमारी अलग विधानसभा सहित केंद्र शासित प्रदेश की मांग को लेकर बातचीत की प्रक्रिया तेज की जाए। उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि केवल यही रास्ता हमारे लोगों के लिए स्थायी शांति, सुरक्षा, न्याय और अपनेपन की भावना ला सकता है। गौरतलब है कि जुलाई 2023 में भी इन्हीं दस आदिवासी विधायकों ने केंद्र सरकार से यह मांग की थी कि हिंसा के मद्देनजर उनके समुदाय के लिए अलग प्रशासन की व्यवस्था की जाए।

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