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अमेरिकी हमलावर ड्रोन की जद में लश्कर और जैश के आतंकी, सीमावर्ती इलाकों पर कर सकता है हमले

गुंजन कुमार, नई दिल्ली Published by: Nilesh Kumar Updated Sun, 14 Jul 2019 03:14 AM IST
सार

  • -भारतीय सेना की कार्रवाई से आशंकित आतंकियों ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमावर्ती इलाके को बनाया ठिकाना 
  • - करार के मुताबिक अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के आठ किलोमीटर इलाके में कर सकता है हमले
  • - रिहायशी इलाकों में बारुद और असरहे को तुरंत पकड़ता है ड्रोन के सेंसर, करता है मिसाइल हमला 
  • - भारत और अमेरिका के बीच खुफिया सूचना की साझेदारी और खास मौकों पर कार्रवाई का है करार 

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Lashkar and Jaish terrorists in the assassination of American assault drone,
प्रतीकात्मक तस्वीर
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विस्तार
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पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तौयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत कई संगठनों के प्रशिक्षित आतंकवादी और उसका नेतृत्व अमेरीकी हमलावर ड्रोन की जद में आ गया है। इन आतंकियों ने इन दिनों अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के सुदूर इलाकों को अपना ठिकाना बना रखा है। दरअसल बालकोट हमले के बाद भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक और कमांडो कार्रवाई की आशंका से खौफजदा आतंकी संगठनों ने अपने गुर्गों को भारत-पाक सीमा से लगे जंगलों से हटाकर अफगानिस्तान सीमा पर बिठा दिया है।

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सुरक्षा मामलों से जुड़े उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी ड्रोन अपने आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमावर्ती इलाकों में अक्सर हमले करता है। इन इलाकों का ज्यादातर हिस्सा आतंकवादियों का हब माना जाता है।
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सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी ड्रोन में ऐसी तकनीकी काबिलियत है कि उसका सेंसर रिहायशी इलाके में बारूद या असलहे को तुरंत पकड़ लेता है। उस सेंसर केजरिए ड्रोन का मिसाईल हरकत में आता है। ऐसे में भारत विरोधी एजेंडे वाले लश्कर और जैश के आतंकी भी अमेरिकी ड्रोन की जद में है। सूत्रों के मुताबिक अमेरिका, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हुए सुरक्षा करार के तहत अमेरीकी ड्रोन अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के आठ किलोमीटर इलाके में अपना ऑपरेशन कर सकता है। 


सूत्रों के मुताबिक भारत और अमेरिका की बीच खुफिया सूचनाओं की साझेदारी और उसपर खास परिस्थितियों में कार्रवाई का करार है। इन हालात में आतंकियों का यह नया ठिकाना भारत का काम काफी आसान कर सकता है। खुफिया सूचना के मुताबिक लश्कर और जैश का शीर्ष नेतृत्व भी इन्हीं इलाकों में है। अफगानिस्तान तालिबान और हक्कानी गुट इनकी खुल कर मदद कर रहा है। 

गौरतलब है कि अमेरिका के ज्वायंट चीफ ऑफ स्टाफ के नामित अध्यक्ष जनरल मार्क ए मिल्ले ने दो दिन पहले बयान दिया है कि भारतीय सेना के साथ खुफिया सूचना साझा करना उनकी प्राथमिकता होगी। 

सर्जिकल स्ट्राइकों के बाद डरे हुए हैं आतंकी

सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी इस कदर आशंकित हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान सीमा पर भी रुकने से डर रहे हैं। भारत ने जिस बालकोट में एयर स्ट्राईक किया था वह पीओके में नहीं बल्कि पाकिस्तान खैबर पख्तूनवा प्रांत में है। आतंकियों को डर सता रहा है कि भारत सिर्फ पीओके में नहीं बल्कि पाकिस्तान के भीतर भी आतंकी ठिकानों पर हमले कर सकता है।

उरी हमले के बाद पीओके में हुए सर्जिकल स्ट्राईक और पुलवामा आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में बालाकोट में एयर स्ट्राईक कर भारत ने साफ कर दिया था कि अपनी संप्रुता की रक्षा के लिए वह पाकिस्तान में घुस कर आतंकी ठिकानों को तबाह करेगा। भारत ने यह भी साफ कर दिया था कि उसकी सेना ने किसी पाक सैन्य ठिकाने और नागरिक इलाकों को निशाना नहीं बनाया। आतंकियों को खत्म करने का भारत को अधिकार है। 

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