NIA: असम की एनआईए आदालत ने आतंकी को उम्रकैद की सजा सुनाई, पाकिस्तानी से जुड़े हैं तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में एक शख्स को उम्रकैदी की सजा दी। आरोपी को तीन अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं। इसके साथ ही 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी के विशेष अदालत ने आतंकी गतिविधियों के मामले में एक व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एनआईए ने बुधवार को बताया कि आरोपी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन से जुड़ा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि असम के गुवाहाटी स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने मोहम्मद कामरुज जमान उर्फ कमरुद्दीन को आतंकवाद विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत तीन अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं, जिनमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ये सजाएं एक साथ चलेंगी।
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आतंकी संगठन का एक मॉड्यूल खड़ा करने था आरोप
अदालत ने जमान पर तीनों मामलों में 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। वहीं, जुर्माना न भरने की स्थिति में तीन महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा का भी प्रावधान किया। एनआईए ने एक बयान में कहा कि जमान को असम में प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) आतंकी संगठन का एक मॉड्यूल खड़ा करने और 2017-18 के दौरान आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इसमें कहा गया है कि इस साजिश का मकसद लोगों के मन में दहशत पैदा करना था।
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पांच लोगों पर था आरोप
वहीं, एजेंसी की जांच के अनुसार, जमान ने इस उद्देश्य के लिए सहनवाज आलम, सैदुल आलम, उमर फारूक और कुछ अन्य लोगों को भर्ती किया था।आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने मार्च 2019 में चार पुरुषों सहित पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए ने बताया कि जहां सहनवाज, सैदुल और उमर को अपराध स्वीकार करने के बाद दोषी ठहराया गया, वहीं पांचवें आरोपी जैनाल उद्दीन की मुकदमे की सुनवाई के दौरान बीमारी से मौत हो गई।